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सदर अस्पताल में पल भर में उड़ा ले जा रहे पर्स और मोबाइल

सदर अस्पताल में बाइक चोरों के साथ-साथ छुटभैये चोर-उचक्के में काफी सक्रिय हो गये हैं. यहां उचक्के आये दिन कभी मरीज का, तो कभी उनके तीमारदारों के पर्स या मोबाइल पलक झपकते गायब कर दे रहे हैं.

भभुआ सदर. सदर अस्पताल में बाइक चोरों के साथ-साथ छुटभैये चोर-उचक्के में काफी सक्रिय हो गये हैं. यहां उचक्के आये दिन कभी मरीज का, तो कभी उनके तीमारदारों के पर्स या मोबाइल पलक झपकते गायब कर दे रहे हैं. साथ ही सदर अस्पताल में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों के भी मोबाइल उड़ा ले जा रहे हैं. शनिवार को भी सदर अस्पताल की दूसरी मंजिल पर स्थित जिला मानसिक स्वास्थ्य इकाई में कार्यरत ऑफिस स्टॉफ कुमारी रंजना का मोबाइल एक महिला ले उड़ी. ऑफिस स्टॉफ कुमारी रंजना के अनुसार, शनिवार को वह ऑफिस के टेबल पर मोबाइल रखकर एक मरीज को दवा देने लगी. इतने में दवा के लिए खड़ी एक वृद्ध महिला उसका मोबाइल लेकर गायब हो गयी. जानकारी पर तुरंत उसने मोबाइल चुरा कर भागी वृद्ध महिला को अस्पताल परिसर में ढूंढ़ने का प्रयास किया, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला, उसने इसकी लिखित शिकायत सदर थाने में की है. = अस्पताल प्रबंधन की अनदेखी से आये दिन हो रही चोरी दरअसल, सदर अस्पताल में सक्रिय चोर उचक्के मरीजों से आये दिन उनका पर्स या मोबाइल की चोरी कर ले जा रहे है. कुछ दिन पहले हाटा से अपने बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के लिए आयी गुलाम मोहम्मद अंसारी की पत्नी जहांआरा खातून का पर्स उचक्कों ने उड़ा लिया. पर्स में पांच हजार रुपये नकद सहित जरूरी कागजात थे. इसके अलावा भी कई मरीज और उनके तीमारदारों के मोबाइल और पर्स उचक्के उड़ा चुके हैं. = रंगे हाथ चोरी करते पकड़े जाने के बाद भी छूट जा रहे बदमाश सदर अस्पताल में वैसे तो चोरी होने के अलावा चोर पकड़े भी जा रहे है, लेकिन आवेदन या शिकायत नहीं करने पर वैसे चोर उचक्कों को छोड़ देने की पुलिस को मजबूरी बन जा रही है. कुछ दिन पूर्व सदर अस्पताल में साइकिल की चोरी कर भाग रहे पोखरा गांव के लवकुश पाठक को लोगों ने रंगे हाथ पकड़ लिया और फिर उसकी पिटाई करते हुए पुलिस को सौंप दिया गया था. इसके अलावा एक महिला मरीज का पर्स चुराते हुए शहर के वार्ड 22 निवासी निखिल कुमार गुप्ता और वार्ड 21 निवासी राजकुमार को भी लोगों ने रंगे हाथ पकड़कर पुलिस को सौंप दिया था. लेकिन, आवेदन और शिकायती पत्र नहीं मिलने के चलते पुलिस को रंगे हाथ पकड़े गये सभी चोरों को छोड़ देना पड़ा. इस मामले में सदर थानाध्यक्ष मुकेश कुमार का कहना था कि आवेदन और शिकायत नहीं मिलने के चलते पुलिस को वैसे चोर और उचक्कों को छोड़ देने की मजबूरी बन जाती है.

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