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जिले में 1400 चापाकलों की मरम्मत

खराब चापाकलों की वजह से दूसरे के घरों से पानी लाकर प्यास बुझा रहे लोग

खराब चापाकलों की वजह से दूसरे के घरों से पानी लाकर प्यास बुझा रहे लोग भभुआ़ चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में जिले की विभिन्न पंचायतों में लगवाये गये सरकारी चापाकलों में से कुल 3874 चापाकल मरम्मत के लिए चिह्नित किये गये हैं, जिसमें जिले के भभुआ प्रखंड में सबसे अधिक संख्या में खराब चापाकल हैं. बता दें कि जिले में इस समय भूजल स्तर भागने और प्रचंड गर्मी पड़ने के कारण लोगों के सामने पेयजल की समस्या गहरा गयी है. जिले की विभिन्न पंचायतों से खराब चापाकलों की शिकायत भी लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को मिलती रही है. पानी को लेकर जिले के पहाड़ी क्षेत्र समेत मैदानी में भी लोग हांफने लगे हैं. खराब सरकारी चापाकलों के बंद होने या हिचकोले खाकर गंदा पानी देने की वजह से एक टोले के लोग दूसरे टोले से या फिर मोटर पंप वालों के घर से पानी लाकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं. इधर, गर्मी शुरू होने के साथ ही लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष के पहले ही मरम्मत करने योग्य खराब चापाकलों का सर्वे पंचायत स्तर पर कराया था. इसके बाद विभागीय स्तर से जारी रिपोर्ट के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष में कुल 3874 चापाकल खराब या मरम्मत के योग्य पाये गये थे, जबकि जिले में कुल चापाकलों की संख्या 14946 हैं. क्या कहते हैं अभियंता इस संबंध में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि शुरुआती चरण में मरम्मति योग्य चापाकलों की संख्या 3874 थी. इसमें से 1400 से अधिक चापाकलों को मरम्मत कर चालू कराया जा चुका है. बहुत से ऐसे चापाकल भी हैं, जिनके बोर पूरी तरह खराब हो गये हैं. वैसे चापाकलों के ठीक करने और खराब होने के आकंड़े लगभग प्रतिदिन बदलते रहते हैं. जैसे ही खराब चापाकलों की शिकायत प्राप्त होती है, वैसे ही उसकी मरम्मत कराने का काम भी आरंभ करा दिया जाता है. जिले के सभी प्रखंडों में चापाकल मरम्मत दल लगातार भ्रमण कर रहा है. = भभुआ प्रखंड में सबसे अधिक चापाकल खराब जिले में इस समय पेयजल समस्या का संकट जोरों पर चल रहा है. हालांकि, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग की ओर से खराब चापाकलों की मरम्मत का काम लगातार कराया जा रहा है. जहां तक खराब चापाकलों की बात है, तो चालू वित्तीय वर्ष में विभाग की ओर से मरम्मत करने के लिए चिह्नित किये गये चापाकलों में सबसे अधिक खराब चापाकल भभुआ प्रखंड में पाये गये हैं. विभागीय जानकारी के अनुसार, भभुआ प्रखंड में कुल 2001 सरकारी चापाकल विभिन्न पंचायतों में लगाये गये हैं. इनमें मरम्मत के लिए 508 चापाकलों को चिह्नित किया गया है. जहां तक सबसे कम खराब चापाकलों की बात है, तो विभागीय आंकड़ों के अनुसार इस सूची में जिले का नुआंव प्रखंड आता है. वहां 811 चापाकलों में 207 मरम्मत योग्य पाये गये थे. प्रखंडवार चिह्नित खराब चापाकल प्रखंड चापाकल भभुआ 508 चैनपुर 418 चांद 407 मोहनिया 352 दुर्गावती 343 कुदरा 418 अधौरा 364 भगवानपुर 347 रामपुर 268 रामगढ़ 242 नुआंव 207

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