एनएचएआइ को मंजूरी के लिए भेजी संशोधित दर

कैमूर न्यूज : आर्बिट्रेटर ने बनारस रांची कोलकाता एक्सप्रेसवे में जा रही जमीन की मुआवजा राशि दोगुनी करने का दिया फैसला

By Prabhat Khabar News Desk | November 19, 2024 9:17 PM
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कैमूर न्यूज : आर्बिट्रेटर ने बनारस रांची कोलकाता एक्सप्रेसवे में जा रही जमीन की मुआवजा राशि दोगुनी करने का दिया फैसला

भभुआ कार्यालय.

भारत माला परियोजना के तहत बनारस रांची कोलकाता एक्सप्रेसवे के निर्माण में जमीन अधिग्रहण का पेच धीरे-धीरे निकलता नजर आ रहा है. पांच अक्तूबर को आर्बिट्रेटर सह आयुक्त ने 27 किसानों की अपील पर सुनवाई करते हुए भूमि की मुआवजा राशि को दुगनी करने का आदेश जारी किया था. इसको लेकर जिला भूअर्जन पदाधिकारी कैमूर ने मुआवजा राशि को दोगुनी कर संशोधित दर निर्धारित कर मंजूरी के लिए एनएचएआइ को भेज दी है. एनएचएआइ से मंजूरी मिलने के बाद दोगुनी मुआवजा राशि भुगतान की दिशा में कार्रवाई शुरू कर दी जायेगी. साथ ही बनारस रांची कोलकाता एक्सप्रेसवे के निर्माण में तेजी आयेगी.

जमीन मालिकों में जगी आशा की किरण

पटना प्रमंडल के आयुक्त सह आर्बिट्रेटर के फैसले से कैमूर जिले के भू स्वामियों के बीच उम्मीद की किरण जागी है. सरकार की भारत माला एवं नेशनल हाईवे 219 जैसी महत्वपूर्ण परियोजना जो लंबे समय से जमीन मालिकों और सरकार के बीच गतिरोध के कारण नहीं बन पा रही थी, अब आयुक्त के फैसले से भारत माला और राष्ट्रीय उच्च पथ 219 बनने के लिए भू अर्जन की कार्रवाई में गति आयेगी.

जमीन मालिकों ने आर्बिट्रेटर के यहां की थी अपील

जिले के कई जमीन मालिकों ने भारत माला और राष्ट्रीय उच्च पथ 219 के लिए भू अर्जन की कार्रवाई के दौरान जमीन की कम दर को लेकर आंदोलन के साथ आर्बिट्रेटर सह आयुक्त पटना प्रमंडल के न्यायालय में वाद दायर किया था. जमीन मालिकों एवं किसानों का यह कहना था कि सीमावर्ती राज्य उत्तरप्रदेश में उन्हें जमीन की हमसे कई गुना अधिक कीमत मिल रही है, जबकि हमें काफी कम कीमत दी जा रही है. बताया गया कि बिहार में लंबे समय से एमवीआर दर में बढ़ोतरी नहीं किये जाने से जमीन मुआवजा काफी कम हो गया है, जबकि जमीन का बाजार मूल्य लगातार बढ़ता रहा, लेकिन एमवआर दर नहीं बढ़ायी गयी.

पहली बार 27 वादों में एक साथ सुनाया फैसला

भूअर्जन अधिनियम के तहत आर्बिट्रेटर की ओर से एक साथ कई वादों की सुनवाई करते हुए पहली बार पांच अक्तूबर को 27 मामलों में एक साथ फैसला सुनाया गया. आयुक्त ने फैसला दिया है कि भूमि का मूल्य स्थिर नहीं हो सकता और सामान्यतया भूमि के बाजार मूल्य में प्रतिवर्ष औसतन 10% की बढ़ोतरी होती रहती है. ऐसे में राष्ट्रीय उच्च पथ अधिनियम 1956 की धारा 3जी(5) में वर्णित प्रावधान के आलोक में भूअर्जन के लिए पूर्व में निर्धारित दर बढ़ाकर दोगुनी कर दी गयी है. कई मामलों में आर्बिट्रेटर ने भूमि की किस्म में संशोधन किया है. आर्बिट्रेटर ने भूअर्जन पदाधिकारी कैमूर को निर्देश दिया है कि नयी दर के आधार पर मुआवजा राशि की गणना कर मुआवजा का भुगतान शीघ्र करें.

क्या कहते हैं डीएम

जिला पदाधिकारी सावन कुमार ने बताया कि आर्बिट्रेटर सह आयुक्त पटना प्रमंडल की ओर से जिले के भूअर्जन से संबंधित मामलों की एक साथ सुनवाई की गयी. जो फैसला सुनाया गया है, उससे किसानों को उनकी जमीन का उचित मुआवजा मिलेगा. वहीं गतिरोध भी समाप्त होगा. इसके साथ सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना भारत माला और राष्ट्रीय उच्च पथ 219 के कार्य में तेजी आयेगी.

क्या कहते हैं भूअर्जन पदाधिकारी

जिला भूअर्जन पदाधिकारी डॉ संजीव कुमार सज्जन ने बताया कि वाराणसी रांची कोलकाता एक्सप्रेसवे भारत माला परियोजना के तहत चांद और भभुआ अंचल के औरैया, बेरी, बेतरी और दुमदुम मौजा के कतिपय रैयतों तथा राष्ट्रीय उच्च पथ 219 मोहनिया भभुआ चांद धरौली पथ परियोजना के तहत चांद और भभुआ अंचल के झझनी, चांद, बेतरी और दतियाव के कुछ रैयतों की भूमि जिनके वाद में फैसला आया है की संशोधित नयी दर एनएचएआइ को मंंजूरी के लिए भेज दी गयी है. एनएचएआइ से मंजूरी मिलने के बाद भुगतान की कार्रवाई की जायेगी. अन्य रैयतों का जिनके मामले में फैसला पिछले सप्ताह प्राप्त हुआ है, उनका संशोधित अवॉर्ड बनाया जा रहा है. हमारा लक्ष्य है कि एक सप्ताह के अंदर सभी संशोधित दर या किस्म का अवार्ड बनाकर एनएचएआइ को अनुमोदन के लिए भेज दें. एनएचएआइ से अनुमोदन प्राप्त होते ही भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी.

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