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एक दशक से एवती में सड़क झील में तब्दील, इस बार रहेगा चुनावी मुद्दा

पूर्वी क्षेत्र की पांच पंचायतों को जोड़ने वाली नुआंव-कोचस मुख्य सड़क पर पिछले एक दशक से एवती गांव में झील में तब्दील सड़क भी इस बार लोगों के बीच चुनावी मुद्दा रहेगा.

नुआंव. पूर्वी क्षेत्र की पांच पंचायतों को जोड़ने वाली नुआंव-कोचस मुख्य सड़क पर पिछले एक दशक से एवती गांव में झील में तब्दील सड़क भी इस बार लोगों के बीच चुनावी मुद्दा रहेगा. यहां वर्षों बीत जाने के बाद भी नाले के अभाव में मुख्य सड़क पर लगने वाले गंदे पानी के बीच से होकर 13 नवंबर को रामगढ़ विस उपचुनाव में मतदान करने लोग बूथों पर जायेंगे. हालांकि, विगत 10 वर्षों में पंचायत के मुखिया रणजीत सिंह उर्फ पिंटू सिंह तीन बार पंचायत समिति की बैठक में इस ज्वलंत मुद्दे को उठा चुके हैं. जबकि, प्रस्ताव भी पारित हुए और नाला निर्माण को लेकर अंचल के सीओ द्वारा सड़क किनारे से अतिक्रमण हटाने को लेकर मापी भी करायी गयी, किंतु वर्षों बीत जाने के बाद भी धरातल पर सूरत नहीं बदल पायी. ऐसे में उक्त पथ से एवती, चंदेश, मुखराव, दुमदुमा व कोटा पंचायत के सैकड़ों ग्रामीण प्रतिदिन कपड़े गंदे करके मुख्यालय पहुंचने को विवश हैं. धरातल पर नजर डालें तो उक्त समस्या को लेकर पंचायत के मुखिया रणजीत सिंह द्वारा पंचायत समिति की बैठक में तीन बार प्रस्ताव लाया गया, हर बार प्रस्ताव पारित भी हुए. साथ ही सदन में उप चेयरमैन प्रतिनिधि अश्वनी कुमार चौबे द्वारा मनरेगा विभाग से दो पार्ट में सड़क किनारे नाले का निर्माण कर पानी को गोरिया नदी में गिराने पर सहमति भी बनी, किंतु कई माह बीत जाने के बाद भी धरातल पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं दिख रही है. ग्रामीणों का कहना है कि उक्त समस्या से निजात दिलाने को लेकर प्रशासनिक पदाधिकारी पूरी तरह से लापरवाही बरत रहे हैं, जिससे जल निकासी की समस्या दिन-प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है. – कैमूर व रोहतास के कोचस बाजार को भी जोड़ती है सड़क बताते चलें प्रखंड की पांच पंचायतों के अलावा यह सड़क कैमूर व रोहतास के कोचस बाजार को भी जोड़ती है. उक्त पथ के रास्ते प्रतिदिन कैमूर व रोहतास के व्यापारियों के सामान कोचस व नुआंव बाजार में आते जाते हैं. इतना ही नहीं उक्त पथ के रास्ते प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से रेफर मरीजों को सूबे की राजधानी पटना के पीएमसीएच अस्पताल ले जाया जाता है. यहां सड़क पर जल जमाव होने के कारण एंबुलेंस चालक लगभग 10 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय कर सूर्यपुरा नहर पथ के रास्ते बहपूरा गांव होते अपनी डगर तय कर रहे हैं. जबकि, ऐसा भी नहीं की उक्त ज्वलंत समस्या पर वरीय पदाधिकारियों की नजर नहीं जाती, अक्सर पूर्वी क्षेत्र की पंचायतों में जाने के लिए मुख्यालय से जिले व प्रखंड के हाकिम इसी झील में तब्दील सड़क का उपयोग कर गांव में जाते हैं, किंतु इस समस्या पर उनके द्वारा अब तक कोई पहल नहीं की गयी, ऐसे में क्षेत्र के ग्रामीण किससे फरियाद करें यह भी उनके समझ से परे हो गया है. # क्या कहते हैं मुखिया उक्त संबंध में पंचायत के मुखिया रणजीत सिंह ने बताया जल निकासी की समस्या से समाधान को लेकर एवती गांव के नयी कोट से गोरिया नदी तक लगभग दो किलोमीटर लंबी सड़क के दोनों तरफ नाला निर्माण का प्रस्ताव ग्राम सभा में पास हो चुका है. पंचायत समिति की दूसरी व तीसरी सत्र की बैठक में भी नाला निर्माण के प्रस्ताव पारित हुए हैं, किंतु सड़क किनारे अतिक्रमण होने के कारण निर्माण कार्य में बाधा उत्पन्न हो रहा है. अतिक्रमण हटाने को लेकर छह माह पूर्व अपने लेटर पैड पर अंचलाधिकारी को लिख कर दिया गया था. अतिक्रमण हटाने को लेकर सीओ द्वारा एक बार मापी भी करायी गयी, किंतु आज तक सड़क किनारे से अतिक्रमण नहीं हटाया जा सका है.

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