दो पैक्सों पर गबन में केस और नोटिस में 12 लाख का अंतर

Action was taken eight days ago to register an FIR against two packs Jaitpurkalan and Katrakalan of the district in the case of embezzlement of paddy purchased by PACS. An interesting fact has come to light that there is a difference of 12 lakhs between the notice issued by the DCO to deposit the money equivalent to the embezzled paddy to the said packs and when the FIR was lodged by the BCO in the police station.

By Prabhat Khabar News Desk | April 2, 2024 9:01 PM

मोहनिया सदर. पैक्सों द्वारा खरीदे गये धान के गबन के मामले में जिले की दो पैक्स जैतपुरकलां व कटराकलां पर प्राथमिकी दर्ज कराने की कार्रवाई आठ दिन पहले की गयी थी. इसमें एक रोचक तथ्य सामने आया है कि उक्त पैक्सों को गबन किये गये धान के बराबर पैसा जमा करने के लिए जो नोटिस डीसीओ द्वारा जारी किया गया और बीसीओ द्वारा जब थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी, तो दोनों में 12 लाख का अंतर है. जबकि, नोटिस और प्राथमिकी दोनों में धान की मात्रा एक समान है. जैतपुर पैक्स अध्यक्ष को जिला सहकारिता पदाधिकारी के दिये गये नोटिस के अनुसार 1002.675 एमटी धान का दो करोड़ सात लाख पांच हजार 238 रुपये 75 पैसा जमा करना था. लेकिन, जब नोटिस के बाद उन लोगों ने उक्त पैसा जमा नहीं किया, तो उन पर 1002.675 एमटी धान के बराबर दो करोड़ चार लाख 54 हजार 570 रुपये गबन करने की ही प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. इस तरह से डीसीओ की राशि वसूलने के नोटिस व बीसीओ की प्राथमिकी में एक समान धान दो लाख 50 हजार 668 रुपये का अंतर जैतपुरकलां पैक्स में है. इसी तरह से कटराकलां पैक्स की बात करें तो जिला सहकारिता पदाधिकारी द्वारा 364.198 एमटी धान के बराबर पैसा जमा करने का नोटिस कटराकलां पैक्स को 75 लाख 20 हजार 688 रुपये 70 पैसा जारी किया गया. लेकिन, जब मोहनिया के प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी द्वारा प्राथमिकी दर्ज करायी गयी तो 364.198 एमटी का समतुल्य कीमत 65 लाख 39 हजार 281 रुपये 20 पैसा बताते हुए एफआईआर करायी गयी. इस तरह से कटराकलां पैक्स में नोटिस व प्राथमिकी में नौ लाख 81 हजार 407 रुपये 50 पैसा का अंतर है. दोनों पैक्सों को मिला दे तो 12 लाख 32 हजार 75 रुपये 50 पैसे का दोनों नोटिस और प्राथमिकी में अंतर है, जो सहकारिता विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रहा है. वहीं, खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में धान अधिप्राप्ति की शुरुआत 15 नवंबर 2022 से होती है. लेकिन धान अधिप्राप्ति की शुरुआत होने से 10 दिन पहले यानी 5 नवंबर 2022 को ही अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए कटराकलां के पैक्स प्रबंधक कमलेश शर्मा ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया. इतना ही नहीं अगले दिन यानी 6 नवंबर 2022 को तत्कालीन पैक्स अध्यक्ष बबन सिंह द्वारा उनके त्यागपत्र को स्वीकृत भी कर लिया गया. इसके बावजूद किस तरह तत्कालीन प्रबंधक कमलेश शर्मा को 6539281.2 रुपये गबन का आरोपित बीसीओ द्वारा बनाया गया है. यह लोगों की समझ से परे हो गया है. # जैतपुरकलां पैक्स के आंकड़े यदि जिला सहकारिता पदाधिकारी द्वारा 27 अक्टूबर 2023 को जारी वसूली हेतु कार्रवाई विवरण पत्र का अवलोकन करें, तो जैतपुरकलां पैक्स में वसूलनीय राशि 20705238.75 थी, लेकिन बीसीओ राकेश कुमार गुप्ता द्वारा भगवानपुर थाने में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी के लिए दिये गये आवेदन में लिखा गया है कि अधिप्राप्ति वर्ष 2022-23 में जैतपुरकलां पैक्स द्वारा 90 किसानों से 12138 क्विंटल धान खरीद किया गया था, इसमें से कुल 2111.25 क्विंटल धान पैक्स से संबंद्ध मां कामाख्या मिनी राइस मिल रामगढ़ को दिया गया, जिसके समतुल्य 1450 क्विंटल चावल पैक्स द्वारा राज्य खाद्य निगम को आपूर्ति किया गया, शेष 10026.75 क्विंटल धान पैक्स के जिम्मे था. खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में न्यूनतम समर्थन मूल्य 2040 रुपये प्रति क्विंटल के अनुसार 10026.75 क्विंटल धान का मूल्य 20454570 रुपये होता है. खरीफ विपणन मौसम 2022-23 में किसानों से धान की खरीद 15 नवंबर 2022 से 15 फरवरी 2023 तक की गयी थी. 15 फरवरी 2023 को धान खरीद की समय सीमा समाप्त होने के बाद डीएम के आदेश पर धान का भौतिक सत्यापन किया गया व स्टाक के अनुसार 11712 क्विंटल धान की मात्रा पायी गयी .भौतिक जांच की तिथि तक 426 क्विंटल धान के समतुल्य 290 क्विंटल चावल पैक्स द्वारा राज्य खाद्य निगम को कुटाई के बाद उपलब्ध कराया गया था. कालांतर में 1685.25 क्विंटल धान के समतुल्य 1160 क्विंटल चावल राज्य खाद्य निगम को आपूर्ति किया गया, शेष 10026.75 क्विंटल धान गोदाम में था जो अध्यक्ष व प्रबंधन के जिम्मे था, अध्यक्ष रामकेश्वर सिंह एवं प्रबंधक हिमांशु सिंह को कई बार सीएमआर राज्य खाद्य निगम को उपलब्ध कराने का निर्देश देने के साथ नोटिस भी दिया गया, लेकिन उक्त दोनों लोगों द्वारा इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया. इसके कारण तत्कालीन पैक्स अध्यक्ष व प्रबंधक पर 20454570 रुपये गबन की प्राथमिकी संबंधित थाने में दर्ज करायी गयी है # कटराकलां पैक्स के आंकड़े # मोहनिया प्रखंड अंतर्गत कटराकलां पैक्स में अधिप्राप्ति वर्ष 2022-23 में 89 किसानों से 11253 क्विंटल धान खरीद की गयी, इसमें से 8047.47 क्विंटल धान फैक्स से संबंध कुशवाहा एग्रो उद्योग मधुबनी, कुदरा राइस मिल को दिया गया. इसके समतुल्य 5222.90 क्विंटल चावल पैक्स द्वारा राज्य खाद्य निगम को आपूर्ति किया गया, शेष 3205.53 क्विंटल धान पैक्स के जिम्मे था. खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में न्यूनतम समर्थन मूल्य 2040 रुपये प्रति क्विंटल के अनुसार 3205.53 क्विंटल धान का मूल्य 6539281.2 रुपये होता है. समिति के अध्यक्ष बबन सिंह व प्रबंधक कमलेश शर्मा दोनों व्यक्तियों के जिम्मे अवशेष धान 3205.53 क्विंटल धान का प्रभार था. खरीफ विपणन मौसम 2022-23 में किसानों से धान की खरीद 15 नवंबर 2022 से 15 फरवरी 2023 तक की गयी थी. 15 फरवरी 2023 को धान खरीद की समय सीमा समाप्त होने के बाद जिलाधिकारी के आदेश पर धान का भौतिक सत्यापन किया गया था व स्टाक के अनुसार 9547.30 क्विंटल धान की मात्रा पायी गयी थी. भौतिक जांच की तिथि तक 1705.70 क्विंटल धान के समतुल्य 1107 कुंतल चावल पैक्स द्वारा राज्य खाद्य निगम को कुटाई के उपरांत उपलब्ध कराया गया था. कालांतर में 6341.77 क्विंटल धान के समतुल्य 4062.9 क्विंटल चावल राज्य खाद्य निगम को आपूर्ति किया गया व शेष 3205.53 क्विंटल धान गोदाम में था, जो दोनों के जिम्मे था़ बीसीओ राकेश कुमार द्वारा 6539281.2 रुपये गबन के मामले में मोहनिया थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. लेकिन सबसे बड़ी विडंबना तो यह है कि भले ही दोनों पैक्स अध्यक्ष व प्रबंधक के खिलाफ एफआइआर तो दर्ज कर दी गयी, लेकिन डीसीओ द्वारा जारी वसूली हेतु कार्रवाई विवरण पत्र में अंकित राशि व दोनों बीसीओ द्वारा थाने में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए दिये गये आवेदन में 1232076.25 रुपये का भारी अंतर का आना काफी रहस्यमय बना हुआ है. यदि डीसीओ द्वारा जारी पत्र में बोरा की राशि को भी सम्मिलित किया गया है, तो बीसीओ द्वारा थाना को दिये गये आवेदन में 1232076.25 रुपये कम कैसे और क्यों कर दिया गया जो जांच का विषय बना हुआ है. # बोले डीसीओ इस संबंध में पूछे जाने पर डीसीओ नयन प्रकाश ने कहा कि कटराकलां व जैतपुरकलां पैक्स अध्यक्ष द्वारा कोई राशि नहीं लौटायी गयी है. इसलिए उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज करायी गयी है. लेकिन, जब उनसे राशि में भारी अंतर की बात पूछी गयी, तो उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए. हो सकता है सूद की राशि बढ़ गयी हो.

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