डीपीओ स्थापना सहित पांच प्रखंडों के बीडीओ के वेतन निकासी पर लगी रोक
विष्य निधि कटौती विवरणी से संबंधित मामले लंबित रखने पर जिला पदाधिकारी सावन कुमार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए डीपीओ स्थापना कृष्ण मुरारी गुप्ता सहित प्रखंड विकास पदाधिकारी अधौरा, भभुआ, दुर्गावती मोहनिया व नुआंव का वेतन स्थगित कर दिया है.
भभुआ नगर. भविष्य निधि कटौती विवरणी से संबंधित मामले लंबित रखने पर जिला पदाधिकारी सावन कुमार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए डीपीओ स्थापना कृष्ण मुरारी गुप्ता सहित प्रखंड विकास पदाधिकारी अधौरा, भभुआ, दुर्गावती मोहनिया व नुआंव का वेतन स्थगित कर दिया है. साथ ही आदेश दिया है कि समय पर उपलब्ध नहीं करने पर कार्रवाई की जायेगी. दरअसल, विगत 14 सितंबर को जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में लंबित सामान्य भविष्य निधि कटौती विवरणी से संबंधित समीक्षात्मक बैठक की गयी. बैठक के दौरान मामला सामने आया कि शिक्षा विभाग के डीपीओ स्थापना द्वारा 73 मामला लंबित रखा गया है, 28 मामले भेजे गये हैं व 45 अवशेष मामलों की संख्या है. इस पर जिला पदाधिकारी ने संज्ञान लेते हुए डीपीओ स्थापना के वेतन स्थगित करने का आदेश जारी किया है. वहीं, समीक्षा बैठक के दौरान पाया गया प्रखंड विकास पदाधिकारी अधाैरा, भभुआ, दुर्गावती, मोहनिया व नुआंव द्वारा सामान्य भविष्य निधि कटौती विवरणी संबंधित मामले को भविष्य निधि कार्यालय नहीं भेजा गया है. इस पर जिला पदाधिकारी ने संज्ञान लेते हुए पांचों प्रखंड विकास पदाधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए वेतन निकासी पर रोक लगा दी है. गौरतलब है कि विभागीय आदेश के बाद भी समय से भविष्य निधि विवरणी भेजने में रुचि अधिकारी नहीं लेते हैं, जबकि विभाग का आदेश है कि भविष्य निधि विवरणी समय से कोषागार कार्यालय को उपलब्ध करा देना है. = अगली बैठक से पहले विवरणी नहीं भेजने पर प्रधान लिपिक पर होगी कार्रवाई जिला पदाधिकारी सावन कुमार ने जिले के सभी कार्यालय के प्रधान लिपिक को आदेश दिया है कि जिन कार्यालय कि भविष्य निधि कटौती विवरणी नहीं भेजी गयी है, तो अगली बैठक से पहले भविष्य निधि विवरणी कोषागार कार्यालय को भेजना सुनिश्चित करें. डीएम ने जारी आदेश में कहा है कि जिन कार्यालय प्रधान द्वारा अगली बैठक के पूर्व सामान्य भविष्य निधि कटौती की विवरणी कोषागार कार्यालय को नहीं भेजने पर संबंधित प्रधान लिपिक का वेतन स्थगित कर दिया जायेगा. = जिले में 602 भविष्य निधि कटौती विवरणी से संबंधित मामले लंबित विभागीय आदेश के बाद भी जिले के कई कार्यालय में सामान्य भविष्य निधि कटौती विवरणी से संबंधित कई मामले लंबित हैं. इधर, जिला पदाधिकारी द्वारा आयोजित बैठक के दौरान भविष्य निधि मामले संबंधित लंबित मामले के आंकडों पर नजर डालें तो जिले के 66 कार्यालय में 602 सामान्य भविष्य निधि कटौती विवरणी से संबंधित मामले लंबित हैं. वहीं, भविष्य निधि से संबंधित 194 मामले कोषागार कार्यालय को भेजा गया है, तो अवशेष मामलों की संख्या 408 है. इनसेट चैनपुर को छोड़कर सभी सीओ के वेतन निकासी पर लगी रोक = चौकीदार का सामान्य भविष्य निधि कटौती विवरणी उपलब्ध नहीं करने पर हुई कार्रवाई भभुआ नगर. चौकीदार का सामान्य भविष्य निधि कटौती विवरणी कोषागार कार्यालय को उपलब्ध नहीं करने पर जिला पदाधिकारी सावन कुमार ने संज्ञान लेते हुए जिले के चैनपुर सीओ को छोड़कर शेष बचे सभी अंचलाधिकारियों के वेतन निकासी पर रोक लगा दी है. साथ ही आदेश दिया है कि मामला लंबित पाये जाने पर विभागीय कार्रवाई की जायेगी. दरअसल, मामला है कि 14 सितंबर को जिला पदाधिकारी सावन कुमार ने लंबित सामान्य भविष्य निधि कटौती विवरणी से संबंधित समीक्षा बैठक की थी. समीक्षा बैठक के दौरान मामला संज्ञान में आया कि 175 चौकीदारों का सामान्य भविष्य निधि कटौती विवरणी नहीं भेजी गयी है, इस पर जिला पदाधिकारी सावन कुमार ने संज्ञान लेते हुए चैनपुर अंचल अधिकारी को छोड़ जिले में शेष बचे सभी अंचलाधिकारी के वेतन निकासी पर रोक लगा दी है. साथ ही आदेश जारी कर कहा है कि पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में कुल 273 मामले में से 98 मामले पुलिस व 175 मामले चौकीदार जो अंचल कार्यालय से संबंधित है, मामले लंबित हैं. जारी आदेश में कहा है कि 175 मामलों के संबंध में सभी अंचल अधिकारी को पूर्व में निर्देश दिया गया था कि वेतन भरणी पणजी से लंबित सूची मिलन कार्य स्पष्ट करेंगे कि किस अंचल के कितने मामले लंबित हैं. साथ ही लंबित मामलों को सामान्य भविष्य निधि कटौती विवरणी को जिला भविष्य निधि कार्यालय रोहतास को भेजते हुए स्थापना शाखा कार्यालय को उपलब्ध कराये, लेकिन आदेश के बाद भी विवरणी उपलब्ध नहीं करने पर यह कार्रवाई की गयी है. = कुदरा, भगवानपुर व नुआंव सीओ ने नहीं भेजा एक भी विवरणी जिला पदाधिकारी सावन कुमार ने जारी आदेश में कहा है कि चौकीदार का सामान्य भविष्य निधि कटौती विवरणी कुदरा, भगवानपुर व नुआंव सीओ द्वारा एक भी कटौती विवरणी नहीं भेजा गया है, जो खेदजनक है. साथ ही आदेश दिया है कि अगली बैठक में मामला लंबित पाये जाने की स्थिति में संबंधित अंचलाधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की जायेगी.
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