भभुआ नगर. बीपीएससी द्वारा चयनित जिले के लगभग 30 शिक्षकों की नौकरी पर तलवार लटक रही है. जल्द ही जाली व गड़बड़ सर्टिफिकेट देकर नौकरी पाने वाले शिक्षकों पर बर्खास्तगी की कार्रवाई विभाग द्वारा की जायेगी. दरअसल, मामला है कि बीपीएससी द्वारा चयनित सभी शिक्षकों के कागजातों की जांच विभागीय आदेश के आलोक में की जा रही है. जांच के दौरान लगभग 30 से अधिक कागजातों में गड़बड़ी मिली है. कई शिक्षकों द्वारा उत्तर प्रदेश का निवास बनवाकर डीएलएड की पढ़ाई की गयी व उत्तर प्रदेश से पढ़ाई पूरी करने के बाद बिहार का निवास प्रमाण पत्र देकर नौकरी प्राप्त की गयी है. कई शिक्षकों द्वारा जाति प्रमाण पत्र भी गड़बड़ देखकर नौकरी प्राप्त कर ली गयी है. इतना ही नहीं शादी होने के बाद पति के गांव से नहीं बल्कि मायके से ईडब्ल्यूएस बनाकर नौकरी ले ली गयी है, ऐसे सभी शिक्षकों को चिह्नित किया जा रहा है. जल्द ही गड़बड़ व जाली सर्टिफिकेट देकर नौकरी प्राप्त करने वाले शिक्षकों को जवाब तलब भी किया जायेगा. गौरतलब है कि जाली व गलत प्रमाण पत्र देखकर उत्तर प्रदेश की शिक्षिका द्वारा पांच प्रतिशत छूट का लाभ सहित अन्य लाभ लेकर नौकरी प्राप्त करने वाले जिले के बीपीएससी द्वारा चयनित 14 शिक्षक पर कार्रवाई हो चुकी है. वहीं, सात शिक्षकों को गलत प्रमाण पत्र देने को लेकर जवाब तलब किया गया है. = पति इंजीनियर, फिर भी मिला है इडब्ल्यूएस का लाभ बीपीएससी द्वारा चयनित शिक्षकों के कागजात की जांच के दौरान कई अजीबो गरीब मामले सामने आ रहे हैं. शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बीपीएससी द्वारा चयनित शिक्षकों के कागजात की जांच के दौरान कई शिक्षिकाएं ऐसी मिली है, जिन्होंने इडब्ल्यूएस का लाभ लेकर नौकरी प्राप्त की है. लेकिन उनका पति इंजीनियर है. वहीं, बीपीएससी द्वारा चयनित कई शिक्षिकाओं की शादी हो गयी है, इसके बावजूद घर से नहीं बल्कि मायके से इडब्ल्यूएस बनाकर नौकरी प्राप्त कर ली है. = काउंसलिंग में सही तरह से होती जांच तो नहीं आते ऐसे मामले शिक्षा विभाग द्वारा बीपीएससी द्वारा चयनित शिक्षकों के योगदान से पहले काउंसलिंग करायी गयी थी, काउंसलिंग के दौरान सभी प्रमाण पत्रों की जांच की गयी थी. जांच के बाद भी बड़े पैमाने पर इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं यह कहीं और इशारा कर रही है, अगर काउंसलिंग के दौरान ही कागजातों की जांच अगर गंभीरता से व नियम संगत की गयी होती तो बड़े पैमाने पर ऐसी गड़बड़ी सामने नहीं आती. = बोले अधिकारी इस संबंध में डीपीओ स्थापना कृष्ण मुरारी गुप्ता ने कहा कि विभागीय आदेश के आलोक में बीपीएससी द्वारा चयनित शिक्षकों के कागजातों की जांच की जा रही है. कुछ शिक्षक-शिक्षिकाओं द्वारा गलत प्रमाण पत्र दिया गया है, ऐसे शिक्षकों को चिह्नित किया जा रहा है.
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