आकाशीय बिजली से बचाव को ले बरतें सावधानी
पिछले दो-चार सालों से बारिश के समय या माॅनसून में बिजली कड़कना या गिरना आम बात हो चुकी है, इससे बचने के लिए स्वयं की सावधानी बहुत जरूरी है.
भभुआ सदर. पिछले दो-चार सालों से बारिश के समय या माॅनसून में बिजली कड़कना या गिरना आम बात हो चुकी है, इससे बचने के लिए स्वयं की सावधानी बहुत जरूरी है. यद्यपि, आपदा विभाग द्वारा लोगों को जागरूक करने के लिए प्रत्येक वर्ष प्रचार-प्रसार कराया जाता है. सामान्यतया बारिश के दौरान लोगों द्वारा पेड़ के नीचे छिपने, बिजली या मोबाइल के टॉवर के नजदीक रहने व पानी के करीब होने के कारण वे आसानी से आकाशीय बिजली की चपेट में आ जाते हैं. रविवार को भी कैमूर जिले में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से महिला सहित पांच लोगों की मौत के बाद जिलाधिकारी सावन कुमार ने इससे खुद के बचाव करने की अपील जारी करते हुए कहा है कि लोग बारिश के समय व आसमान में आकाशीय बिजली कड़कने के समय घरों के अंदर ही रहें. उन्होंने आम लोगों से अपील की है कि इस दौरान वे घर से बाहर नहीं निकलें या ज्यादा जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें. साथ ही बाहर निकलते समय पूरी सावधानी बरतनी जरूरी है. फिलहाल लोगों को चाहिए कि जब भी बादल गरजना शुरू हों, सुरक्षित स्थानों से बाहर न निकलें और अगर कहीं फंस भी जायें, तो लोगों को चाहिए कि बड़े पेड़ों की बजाय मकानों के नीचे खड़े हो जायें, क्योंकि बिजली अधिकतर ऊंचे स्थानों या लंबे-ऊंचे पेड़ों पर ही ज्यादा गिरती है.
जिले में आकाशीय बिजली से इस साल के अप्रैल से जुलाई महीने तक तीन महिलाओं सहित सात लोगों की जान जा चुकी है. पिछले अप्रैल महीने में 13 तारीख को अधौरा थानाक्षेत्र के सिकरवार गांव के भगवान यादव की 28 वर्षीय पत्नी सुमन देवी व बुधराम यादव की बेटी अमृता कुमारी की मौत हो गयी थी. जबकि, 28 जून को मोहनिया अनुमंडल के कुढ़नी थाना क्षेत्र के बहुआरा गांव में वज्रपात से सरोज राय के 15 वर्षीय बेटे विवेक राय की मौत हो गयी थी. इधर, रविवार सात जुलाई को वज्रपात की चपेट में आने से नुआंव थाना क्षेत्र के सातों एवंती गांव निवासी स्वर्गीय कपिल पाल के बेटे सुग्रीव पाल, रामगढ़ थाना क्षेत्र के सीझुआ गांव निवासी रामजस बिंद की बेटी सीता मुनि कुमारी, कुढ़नी थानाक्षेत्र के हरिहरपुर गांव निवासी रामचरित बिंद के बेटे शिवजी बिंद, बेलांव थानाक्षेत्र के पुनाव गांव निवासी मनोज सिंह और भगवानपुर थानाक्षेत्र के जैतपुर खुर्द गांव निवासी रामनिवास बिंद की मौत हो गयी है.
– आकाशीय बिजली से बचाव को लेकर बरतें ये सावधानी
– वृक्ष बिजली को आकर्षित करते हैं, अत: बिजली चमकते समय कभी भी वृक्ष के नीचे न खड़े हों– ऊंची इमारतों वाले क्षेत्र में आश्रय न लें, समूह में खड़े होने के बजाय अलग-अलग हो जायें
– मजबूत छत वाले वाहन में रहें व खुली छत वाले वाहन की सवारी न करें
– बाहर रहने पर धातु से बनी वस्तुओं का उपयोग न करें– बाइक, बिजली या टेलीफोन के खंभे, तार की बाड़ और मशीन आदि से दूर रहें
– तालाब और जलाशयों से दूर रहें, यदि आप पानी के भीतर हैं या किसी नाव में हैं तो तुरंत बाहर आ जाएं= वज्रपात से बचने के जरूरी उपाय–
– बिजली गिरने के दौरान मजबूत छत वाले पक्का मकान हैं सबसे सुरक्षित – घरों में तड़ित चालक लगवायें– बिजली से चलने वाले उपकरण बंद कर दें
– यदि किसी वाहन पर सवार हैं, तो तुरंत सुरक्षित जगह चले जाएं– टेलीफोन, बिजली के पोल के अलावा टेलीफोन और टीवी टावर से दूर रहें
– किसी इकलौते पेड़ के नीचे नहीं जाएं– यदि जंगल में हैं, तो बौने (कम ऊंची पेड़) और घने पेड़ों के नीचे जाएं
– गीले खेतों में हल चलाने या रोपनी करने वाले किसान और मजदूर सूखे स्थानों पर जाएं– नंगे पैर फर्श या जमीन पर कभी खड़े ना रहें
– बादल गर्जन के दौरान मोबाइल और छतरी का प्रयोग न करें– घरों के दरवाजे व खिड़कियों पर पर्दे का इस्तेमाल करें
इनसेटवज्रपात से मौत या घायल होने पर आपदा प्रबंधन से है मुआवजे का प्रावधान
भभुआ सदर. सरकार के निर्देश पर आपदा प्रबंधन विभाग से भी वज्रपात के दौरान मौत होने या घायल होने पर मुआवजा देने का प्रावधान किया गया है. विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, वज्रपात से किसी व्यक्ति की मौत पर उनके आश्रित को चार लाख का मुआवजा दिये जाने का प्रावधान है. जबकि, इसी प्रकार घायल होने पर प्रति व्यक्ति 4300 से अधिकतम दो लाख रुपये तक देने का प्रावधान है. कच्चा या पक्का घर के पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त होने पर प्रति मकान 95,100 रुपये, झोंपड़ियों की क्षति पर प्रति झोंपड़ी 2100 रुपये, दुधारू गाय, भैंस की मौत पर प्रति पशु 30000 रुपये, बैल, भैंसा जैसे पशु की मौत पर प्रति पशु 25000 रुपये और भेड़ व बकरी सहित अन्य की मौत पर प्रति पशु 3000 रुपये देने का नियम निर्धारित किया गया है.
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