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75 पंचायतों में हुई नल जल योजना की जांच, अधिकतर में मिली खराबी

मंगलवार को जिले के 11 प्रखंडों में 75 पंचायतों के विभिन्न वार्डों में पेयजल आपूर्ति योजना के लिए नल जल योजना के अंतर्गत हर घर नल का जल के सुलभ संचालन एवं क्रियान्वयन की जांच एक साथ 75 अधिकारियों ने की

मोहनिया सदर. मंगलवार को जिले के 11 प्रखंडों में 75 पंचायतों के विभिन्न वार्डों में पेयजल आपूर्ति योजना के लिए नल जल योजना के अंतर्गत हर घर नल का जल के सुलभ संचालन एवं क्रियान्वयन की जांच एक साथ 75 अधिकारियों ने की. इसमें अधिकतर नल जल योजनाएं खराबी के कारण ठप मिलीं. पंचायती राज विभाग के आदेश पर जिलाधिकारी सावन कुमार ने पत्र जारी कर जिले की 75 पंचायतों के सभी वार्डों जहां उक्त योजना क्रियान्वित है, सभी पहलुओं की जांच करवायी गयी है. जांच रिपोर्ट बुधवार की शाम पांच बजे तक जिला गोपनीय शाखा में जमा करनी होगी. इधर, जांच में नल जल योजना की जो स्थिति अधिकारियों के सामने आयी है, उससे यह स्पष्ट हो गया कि प्रखंडों में नल जल योजना किस तरह धराशायी हो चुकी है, कहीं बोरिंग फेल है, कहीं सिंटेक्स (टंकी) तेज आंधी में उड़ कर नीचे गिरी और फट गयीं, कहीं मोटर जला हुआ है, कहीं स्टार्टर खराब है, कहीं सप्लाई पाइपें फटी पड़ी हैं, कहीं तकनीकी खामियों के कारण बंद पड़ी है, कहीं पीएचइडी द्वारा मरम्मत भी करायी गयी है तो कहीं आधी-अधूरी आबादी को ही पानी मिल रहा है. इसे लेकर जांच अधिकारी भी दबी जुबान से यह मान रहे हैं कि जितनी नल जल योजनाओं की जांच मंगलवार को की गयी है, उसमें 85 फीसदी नल जल योजनाएं किसी न किसी कमी के कारण बंद पायी गयी है. आप इन बातों से समझ सकते हैं कि सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में शामिल नल जल योजना के क्रियान्वयन के शुरुआती दौर में जब पंचायतों में नल जल योजनाओं को धरातल पर उतारने की कवायद परवान पर थी, तब किस तरह उस समय अपनी जेबें भरने के लिए संबंधित अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों व ठेकेदारों ने इस योजना को निचोड़ लिया, जिसका नतीजा है कि आज इस योजना को संवारने में विभाग को नये सिरे से पसीना बहाना पड़ रहा है. यदि योजनाओं के क्रियान्वित होने के समय ही सरकार व विभाग के वरीय पदाधिकारियों ने निष्पक्ष जांच की होती, तो डबल राशि खर्च करने की नौबत नहीं आती. मालूम हो कि इन योजनाओं को सफल बनाने की जिम्मेदारी पिछले कुछ वर्ष से पीएचइडी विभाग के कंधों पर डाल दिया गया है, जिससे उस समय की खामियों को दूर करने में अब पीएचइडी के अधिकारियों को भी पसीने छूट रहे हैं. अब देखना यह होगा कि पीएचइडी भी इस योजना को सफल बना पाती है या फिर नल जल योजना पहले की तरह ही हाथी का दांत बनकर रह जाती है. अधिकारियों द्वारा जिन पंचायतों में जल जल योजनाओं की जांच की गयी, उनमें भभुआ प्रखंड की 11, अधौरा प्रखंड की 06, भगवानपुर प्रखंड की 05, चैनपुर प्रखंड की 08, रामपुर प्रखंड की 05, चांद प्रखंड की 06, कुदरा प्रखंड की 07, मोहनिया प्रखंड की 09, दुर्गावती प्रखंड की 07, रामगढ़ प्रखंड की 06 व नुआंव प्रखंड की 05 पंचायतें शामिल हैं, जबकि बताया गया कि सभी प्रखंडों में शेष बचीं पंचायतों में उक्त योजना की जांच की तिथि बाद में सुनिश्चित की जायेगी. # मोहनिया प्रखंड की इन पंचायतों में हुई जांच पंचायत अधिकारी अकोढ़ी इओ सुधांशु कुमार अकोढ़ीमेला- सीडीपीओ रेखा कुमारी अमेठ पीओ रवि शंकर कुमार बढुपर बीसीओ विजय कुमार बघिनी बीपीआरओ लोकजीत कुमार बम्हौरखास बीसीओ राकेश कुमार बेलौड़ी जेएसएस शशी कुमार भरखर बीएसओ सतवीर सिंह भिट्टी सीडब्ल्यूओ अरविंद कुमार

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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