भभुआ सदर. मुख्यमंत्री वृद्धजन आश्रय स्थल के तहत शहरी क्षेत्र में लाचार व बेसहारा बुजुर्गों के लिए नगर पर्षद 50-50 बेडों का आशियाना संचालित करेगी. फिलहाल, किराये के मकान में शुरू होनेवाले आश्रय स्थल में शहर के निराश्रित, उपेक्षित, बेसहारा व अन्य वरिष्ठ नागरिकों के लिए गरिमापूर्ण जीवन यापन की व्यवस्था की जायेगी. 50-50 बेडों के आशियाने में वृद्धजनों के लिए विभिन्न प्रकार के समयानुकूल आवश्यक सुविधाएं जैसे-स्वास्थ्य, क्षमता वर्द्धन और अन्य क्रियाकलाप में मनोरंजन, योग और आजीविका के लिए भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी. =भूमि उपलब्ध नहीं रहने से किराये के मकान में होगा संचालित
किराये के भवन में वृद्धजन आश्रय स्थल संचालित करने के लिए नगर प्रशासन की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार इच्छुक फॉर्म व एजेंसी 30 जून की दोपहर के तीन बजे तक कोटेशन कार्यपालक अभियंता के कार्यालय प्रकोष्ठ में जमा कर सकते हैं. बताया गया है कि उसी दिन कार्यपालक अभियंता की ओर से कोटेशन खोला जायेगा. कोटेशन देने वाले या प्राधिकृत प्रतिनिधि उस समय उपस्थित रह सकते हैं.
= नगर पर्षद के अधिकारी करेंगे संचालन
इस योजना के तहत बेसहारा बुजुर्गों को गरिमापूर्ण जीवन-यापन में सहायता प्रदान की जायेगी. बुजुर्गों को आजीविका के लिए क्षमता वर्धन व अन्य क्रियाकलाप में उनकी भागीदारी सुनिश्चित किये जाने की तैयारी है. इसके संचालन की जिम्मेदारी नगर निकाय के कार्यपालक पदाधिकारी को सौंपी गयी है. प्रत्येक जिला मुख्यालयों में दो यूनिट से इस आश्रय स्थल की शुरुआत होने जा रही है. दरअसल, मुख्यमंत्री वृद्धजन आश्रय स्थल योजना को बिहार कैबिनेट से दो वर्ष पहले ही मंजूरी मिल गयी थी. लेकिन, भभुआ नगरीय क्षेत्र में भूमि उपलब्ध नहीं होने के कारण सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना अधर में लटकी हुई थी. = निविदा पूरी होने के बाद जल्द होगा शुरूशहर में संचालित होनेवाले वृद्धजन आश्रय स्थल के संबंध में नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी संजय उपाध्याय ने बताया कि 30 जून को निविदा खुलना है. किराये का भवन उपलब्ध होते ही आश्रय स्थल को शुरू कर दिया जायेगा. बताया कि आश्रय स्थल को फिलहाल नगर पर्षद की ओर से संचालित किया जाना है.
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