प्रसूता की मौत मामले में तीन जीएनएम निलंबित
स्थानीय अनुमंडलीय अस्पताल में 19 मई को प्रसूता की मौत मामले में सीएस डॉ मीना कुमारी द्वारा तीन जीएनएम को दोषी पाते हुए निलंबित कर दिया गया
मोहनिया शहर. स्थानीय अनुमंडलीय अस्पताल में 19 मई को प्रसूता की मौत मामले में सीएस डॉ मीना कुमारी द्वारा तीन जीएनएम को दोषी पाते हुए निलंबित कर दिया गया, जिन्हें उपस्थिति बनाने के लिए भभुआ अनुमंडल के भगवानपुर, भभुआ और चांद अस्पताल में मुख्यालय बनाया गया है. सीएस द्वारा गठित तीन सदस्यीय टीम द्वारा जांच रिपोर्ट देने पर यह कार्रवाई की गयी है. टीम द्वारा रिपोर्ट में बताया गया था कि प्रसूता की मौत ड्यूटी में तैनात जीएनएम की लापरवाही से हुई थी. जब प्रसूता की तबीयत बिगड़ने लगी, तो ऑन कॉल उपस्थित डॉक्टर को कॉल नहीं किया गया. इसके कारण प्रसूता की मौत हुई थी, जिस रिपोर्ट के आलोक में जीएनएम बिंदु कुमारी, जीएनएम विजेता कर्माकर व जीएनएम स्वीटी कुमारी को निलम्बित करते हुए सीएस द्वारा भभुआ अनुमंडल के तीन अलग-अलग अस्पताल में उपस्थिति के लिए मुख्यालय बनाया गया है. मालूम हो कि 19 मई को मोहनिया के आर्रा गांव निवासी धर्मेन्द्र कुमार सिंह की पत्नी संध्या कुमारी प्रसव के लिए अस्पताल आयी थी. प्रसूता ने एक बच्चे को जन्म दी, जिसके बाद जच्चा और बच्चा दोनों ठीक थे. लेकिन कुछ देर बाद महिला का रक्त स्राव होने लगा, जो धीरे धीरे तबीयत बिगड़ने लगी तो अंतिम समय में आनन फानन में अस्पताल कर्मी द्वारा रेफर किया गया. लेकिन कुछ देर बाद ही निजी अस्पताल ले जाते ही महिला ने दम तोड़ दिया था, जिसके शव को लेकर परिजन अस्पताल पहुंच अस्पताल के कर्मी पर लापरवाही लगते हुए हंगामा किये थे. साथ ही अस्पताल कर्मी की लापरवाही मानते हुए लिखित आवेदन उपाधीक्षक को भी दिया गया था. इस मामले को सीएस द्वारा गंभीरता से लेते हुए उपाधीक्षक से स्पष्टीकरण की मांग की थी. साथ ही मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया था, जिसमें डीआईओ डॉ आर के चौधरी, डॉ स्तय स्वरूप, डॉ राज नारायण सिंह शामिल थे, जिनके द्वारा जांच कर रिपोर्ट सौंपने के बाद कार्रवाई की गयी है.
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