भभुआ सदर : एक ओर जहां नगर पर्षद के साथ-साथ भले ही शहरवासी अपने शहर को स्मार्ट सिटी बनने का सपना देख रहे हो. लेकिन, हर बारिश में नगर पर्षद के स्मार्ट बनने की पोल खुलते देर नहीं लगती. नगर पर्षद की बदहाल व्यवस्था के चलते बुधवार को एक घंटे की मूसलाधार बारिश ही शहर पर भारी पड़ गयी. इसके चलते पिछले तीन महीने से जारी नाला उड़ाही की पोल खुलते देर नहीं लगी.
झमाझम बारिश से पहले से ही जाम पड़े शहर के नाले नालियों ने दम तोड़ दिया और बारिश का पानी नाले के बदले सड़कों पर बहने लगा. इसके चलते कई मुहल्लों और सड़कों पर भयंकर जलजमाव हो गया. वैसे तो बुधवार सुबह से शुरू मद्धिम बारिश ने लोगों को पिछले 10 दिनों से जारी उमस भरी गर्मी से थोड़ी राहत तो जरूर दी. लेकिन, दोपहर 12 बजे आयी तेज बारिश ने लोगों की परेशानी काफी बढ़ा दी. बारिश से दिनभर शहरवासी और विभिन्न कार्यों से आये लोग जगह-जगह हुए जलजमाव और कीचड़ से जूझते रहे.
दरअसल, नगर पर्षद प्रशासन की लचर व्यवस्था और पुराने और क्षतिग्रस्त कार्यों की जगह नयी योजनाओं व कार्यों पर विशेष ध्यान दिये जाने के कारण शहर की स्थिति काफी नारकीय बन गयी है. हाल यह है कि कभी कभार हुए कुछ घंटों की बारिश को भी शहर की सड़कें व गलियों को बर्दाश्त करने की क्षमता नहीं है. बारिश से शहर के कई स्थानों पर जलजमाव के साथ कीचड़ फैल गया.
वहीं, पुराना चौक से उत्तर मुहल्ला, पश्चिम बाजार छोटकी पुल जाने वाले मार्ग में सड़क पर ऊपर तक जलजमाव होने से लोगों के घरों व दुकानों के बाहर तक में पानी भरा रहा. इतना ही नहीं शहर के सब्जी मंडी, पुराना बाजार, मुंडेश्वरी सिनेमा हॉल के समीप, चकबंदी रोड, छावनी मुहल्ला, देवीजी रोड, वीआइपी कॉलोनी, प्रोफेसर कॉलोनी, भभुआ ब्लॉक, हवाई अड्डा सहित अन्य मार्गों में जलजमाव व कीचड़ की स्थिति ने शहरवासियों की परेशानी बढ़ा दी.
जलजमाव से सदर अस्पताल भी नहीं रहा अछूता : उधर, तेज बारिश की वजह से सरकारी कार्यालय परिसरों में भी जलजमाव हो गया. खासकर सदर अस्पताल, नगर थाना, शिक्षा विभाग, प्रखंड व अंचल कार्यालय आदि जगहों पर लोग पानी से होकर जाने पर मजबूर हुए. सदर अस्पताल में तो नाली के पानी की निकासी की सुदृढ़ व्यवस्था नहीं होने के चलते मुख्य द्वार सहित सीएस कार्यालय,डीपीएम ऑफिस और यक्ष्मा केंद्र के बाहर ही भयंकर जलजमाव हो गया है. इसके चलते इलाज सहित स्वास्थ्य कारणों से सदर अस्पताल आये लोगों को जलजमाव के कारण घोर मुसीबत का सामना करना पड़ा और अस्पताल के मुख्य द्वार पर घुटनों तक लगे पानी से होकर आना-जाना पड़ा.
posted by ashish jha