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करवा चौथ आज, चांद के सामने सुहागिनें करेंगी पति का दीदार

कार्तिक मास शुरू है और इसकी चतुर्थी तिथि को करवा चौथ त्योहार मनाने की परंपरा रही है. अखंड सौभाग्य और पति की लंबी आयु की कामना के लिए किया जाने वाला सुहागनों का पर्व करवाचौथ आज यानी रविवार को मनाया जायेगा.

भभुआ सदर. कार्तिक मास शुरू है और इसकी चतुर्थी तिथि को करवा चौथ त्योहार मनाने की परंपरा रही है. अखंड सौभाग्य और पति की लंबी आयु की कामना के लिए किया जाने वाला सुहागनों का पर्व करवाचौथ आज यानी रविवार को मनाया जायेगा. आज सुहागिन महिलाएं अपने पति के अखंड सौभाग्य के लिए व्रत रखेंगी. शाम में चांद को अर्घ देकर पति का दीदार करेगी. पर्व को लेकर शनिवार को बाजारों में महिलाएं पूजन सामग्री व सौंदर्य प्रसाधन सामानों की खरीदारी की. दरअसल, सुहागिन महिलाएं करवा चौथ के दिन उपवास रखती है. संध्या बेला में मां गौरी की पूजा करती हैं फिर थाली में दीया, मिठाई, फल आदि रखकर उसके साथ चारों ओर घूमती है. रात में चांद को चलनी से देखने के बाद अर्घ देती हैं और अपने जीवनसाथी के हाथों जल ग्रहण कर व्रत को पूरा करती हैं. करवाचौथ पर्व जिला मुख्यालय सहित जिले के अन्य क्षेत्रों में भी महिलाएं मनाती है. ज्योतिषाचार्य पंडित हरिशंकर तिवारी के अनुसार, करवाचौथ पर राजयोग बन रहा है. इस योग में व्रत और पूजा करने से पति-पत्नी के रिश्ते और मजबूत होंगे. =7 बजकर 54 मिनट पर होंगे चंद्र दर्शन करवाचौथ का चांद इस बार रात 7.54 बजे निकलेगा. करवा चौथ पर सुहागिन महिलाओं द्वारा दिनभर निर्जला व्रत रखकर शाम के समय प्रदोष काल यानी, गोधुली बेला में व निशीथ काल मध्य रात के बीच भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश, कुमार कार्तिकेय आदि देवताओं की षोडशोपचार विधि से पूजन करने के साथ-साथ सुहाग के वस्तुओं की भी पूजा की जाती है. पंडित कामेश्वर तिवारी बताते है कि करवाचौथ का व्रत रखने के लिए महिलाओं को सुबह चार बजे उठकर संकल्प लेना होगा. शाम को व्रत की पूजा का समय 6.47 बजे से है. इसके उपरांत चंद्रमा का पूजन, दर्शन और अर्घ देने के बाद ही भोजन ग्रहण किया जाता है. जिले में इस दिन चंद्रमा रात्रि 7 बजकर 54 मिनट पर उदय होंगे. इस समय विधि-विधान से पूजा पाठ शुरू किया जा सकता हैं. इसलिए इसी अवधि में पूजा के बाद चंद्रमा को अर्घ देना अति उत्तम होगा. =चंद्रमा को अर्घ देने के साथ पूरा होगा व्रत करवा चौथ सबसे कठिन व्रत में एक है. पति की दीर्घायु के लिए महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं. गृहिणी सुमन, राधा, सीता, कुंता व संगीता ने बताया कि व्रत के लिए उन्होंने विशेष तैयारी की है. शाम को चंद्रमा के उदय होने पर चलनी से दीदार कर गणपति के पूजन के बाद व्रत तोड़ेंगी.

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