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भभुआ के रेलवे टिकट काउंटर पर दलालों का कब्जा

भुआ शहर के रिक्रीएशन क्लब स्थित रेलवे टिकट रिजर्वेशन काउंटर पर दलालों का कब्जा हो गया है. यहां दलालों की दबंगई इस कदर बढ़ गयी है कि रात-रात भर लाइन में टिकट काउंटर के आगे नंबर लगाकर रहने के बावजूद सुबह में आम यात्रियों को टिकट नहीं मिल पा रहा है.

भभुआ कार्यालय. भभुआ शहर के रिक्रीएशन क्लब स्थित रेलवे टिकट रिजर्वेशन काउंटर पर दलालों का कब्जा हो गया है. यहां दलालों की दबंगई इस कदर बढ़ गयी है कि रात-रात भर लाइन में टिकट काउंटर के आगे नंबर लगाकर रहने के बावजूद सुबह में आम यात्रियों को टिकट नहीं मिल पा रहा है. क्योंकि, एसी या स्लीपर के लिए जो तत्काल का नंबर लगता है, उसमें अगर कोई आम यात्री पहले या दूसरे नंबर पर भी आ जाता है तो भी दलालों की मर्जी के बिना उनका टिकट नहीं कट पाता है. यहां उनके द्वारा इंटरनेट लिंक के तार को ही काट दिया जाता है, ताकि लिंक बाधित हो जाये और सभी लोग लिंक बाधित होने की स्थिति में परेशान हो निराश होकर अपने घर लौट जायें और उसके जाने के बाद दलाल बड़े आराम से अपना टिकट कटा लें. दीपावली और छठ पर्व के मौके पर भी बड़ी संख्या में लोग अपने घर आये थे और वह अपने काम पर वापस लौटने के लिए रेलवे टिकट को लेकर काफी परेशान हैं. रेलवे टिकट के लिए बड़ी संख्या में भभुआ के रेलवे रिजर्वेशन काउंटर पर लोगों की भीड़ जुट रही है, लेकिन दलालों की दबंगई के आगे आम यात्री बगैर टिकट लिये ही वापस जाने को मजबूर हैं. स्थिति का आलम यह है कि अगर दलालों का टिकट नहीं कटा तो उनके द्वारा इंटरनेट लिंक का तार काटकर लिंक को बाधित कर दिया जाता है, ताकि ना लिंक रहेगा और ना किसी का टिकट कटेगा. इस परिस्थिति में लोग थक हारकर घर वापस लौट जायेंगे. दलाल काउंटर पर टिकट के लिए तरह-तरह के अपना रहे हथकंडे दलालों द्वारा भभुआ के रेलवे रिजर्वेशन टिकट काउंटर पर टिकट के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाये जा रहे हैं. अगर आम यात्रियों द्वारा टिकट के लिए एक दिन पहले से भी फॉर्म भरकर नंबर लगाया जाता है तो उनके फॉर्म को दलाल दबंगई दिखाते हुए फाड़ देते हैं और अपने टिकट फॉर्म को एक दो नंबर पर लगा देते हैं. वहीं, अगर किसी आम यात्री द्वारा इसका विरोध किया गया, तो उनके साथ यह दलाल मारपीट करने तक पर उतारू हो जाते हैं. स्थिति का आलम यह है कि उनका टिकट फॉर्म कोई फाड़ ना दे इसके लिए नंबर लगाकर यात्री रिजर्वेशन काउंटर के बाहर रात भर वहीं पर सोते हैं, लेकिन जब सुबह होती है और दलाल देखते हैं कि आम यात्री यहां से जा नहीं रहे हैं तो उनके द्वारा मेरा टिकट नहीं तो किसी का नहीं कटने देंगे, इस तर्ज पर इंटरनेट के तार को ही काट दिया जाता है ताकि लिंक बाधित हो जाये और किसी का टिकट नहीं कटे या फिर लिंक बाधित होने की स्थिति में आम यात्री परेशान होकर जब घर लौट जायें, तो वह अपना टिकट आसानी से कटा सकें. = त्योहार के समय बढ़ जाती है दलालों की दबंगई दीपावली, छठ, होली जैसे खास त्योहार के मौके पर बड़ी संख्या में लोग त्योहार मनाने के लिए बाहर से अपने घर आते हैं और उन्हें त्योहार बीतने के बाद अपने काम पर या पढ़ाई के लिए वापस अपने स्थान पर लौटना होता है. यहां त्योहारों के बाद वापस लौट के टिकट को लेकर काफी मारामारी रहती है, जबकि इसका भरपूर लाभ दलाल उठा ले रहे हैं. दलाल अपने दबंगई सहित अन्य हथकांडों के माध्यम से जहां एक तरफ अपना टिकट आसानी से कटवा ले रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ आम लोगों को टिकट नहीं लेने दे रहे हैं और उनके द्वारा जो टिकट कटाया जाता है उसे वास्तविक किराया से दो-तीन गुना तक अधिक पैसा लेकर टिकट बेचने का काम करते हैं. = यात्रियों ने बुकिंग क्लर्क पर दलालों से साठगांठ का लगाया आरोप शनिवार को बड़ी संख्या में तत्काल के टिकट के लिए लोगों द्वारा भभुआ के रेलवे रिजर्वेशन काउंटर पर नंबर लगाया गया था, लेकिन दलालों द्वारा इंटरनेट लिंक का तार काट दिये जाने के कारण एक भी तत्काल का टिकट किसी को नहीं मिल पाया. यात्रियों द्वारा बताया गया कि अगर दलालों का टिकट यहां से नहीं कटता है तो फिर किसी एक यात्री का भी टिकट दलाल यहां कटने नहीं दे रहे. वहीं, नंबर लगाकर यात्री रात भर वहीं पर सोये भी रहे तो सुबह उन्हें बगैर टिकट के ही निराश होकर घर लौट जाना पड़ा. इसे लेकर आम यात्रियों द्वारा बुकिंग क्लर्क पर भी यह आरोप लगाया गया कि दलाल यह सारा काम बुकिंग क्लर्क के साथ साठगांठ करके कर रहे हैं, क्योंकि उनकी आंखों के सामने अक्सर दलालों द्वारा तार को काटकर इंटरनेट नेटवर्क को डिस्टर्ब कर दिया जाता है. यात्रियों का कहना है कि इसे लेकर या दलालों पर कार्रवाई को लेकर स्थानीय थाने या फिर जीआरपी की प्रतिनियुक्ति क्यों नहीं करायी जाती है यह भी एक बड़ा सवाल है. जबकि यात्रियों का यह भी कहना है कि यह कोई एक दिन का खेल नहीं है, प्रतिदिन दलाल यहां पर यही काम कर रहे हैं, लेकिन इनके ऊपर अगर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है तो निश्चित रूप से यहां के बुकिंग क्लर्क का दलालों के साथ साठगांठ है. = क्या कहते हैं टिकट लेने के लिए पहुंचे यात्री 1 राजेश कुमार –शहर के पूर्व पोखरा के रहने वाले राजेश कुमार को भभुआ रोड रेलवे स्टेशन से जम्मू परिवार के साथ आवश्यक कार्य से जाना है, उनके द्वारा शनिवार की सुबह के टिकट के लिए शुक्रवार को ही नंबर लगा दिया गया था. वह पूरी रात नंबर लगाकर रेलवे टिकट काउंटर के बाहर सोए हुए थे, लेकिन जब सुबह दलाल आये तो पहले तो उनका टिकट वाला फॉर्म फाड़ दिया, लेकिन जब वह नहीं माने तो इंटरनेट नेटवर्क का तार ही काट दिया, ताकि लिंक बाधित हो जाये और किसी को टिकट नहीं मिले. पूरी रात जागने के बावजूद राजेश कुमार को टिकट नहीं मिला. इस तरह की पीड़ा उन्होंने रोते हुए बतायी, वह भभुआ रेलवे रिजर्वेशन काउंटर पर दलालों के दबंगई की कहानी को बताने के लिए काफी है. –शांतनु पांडे को दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने के लिए जाना जरूरी है. वह छठ की छुट्टी में भभुआ आये थे. उनके द्वारा नंबर लगाया गया था और उनका नंबर सबसे पहले एक नंबर पर था. लेकिन, जब दलाल पहुंचे तो उन्होंने कहा कि जब हमारा टिकट नहीं कटेगा तो हम किसी का नहीं कटने देंगे. यहां दलालों के कहे मुताबिक रिजर्वेशन काउंटर पर हुआ भी ऐसा ही कि रिजर्वेशन 10:00 बजे शुरू होता है और ठीक 9:30 बजे दलालों द्वारा इंटरनेट का तार काट दिया गया, जिसके कारण लिंक फेल हो गया. वहीं, जब इन लोगों की बगल में जाकर देखा तो पाया तार को काट दिया गया है यात्रियों द्वारा जब तार जोड़ दिया गया और लिंक वापस आया तब तक तत्काल का बुकिंग फुल हो गया और एक नंबर पर रहने के बावजूद शांतनु का टिकट नहींं कट सका. — अवनीश पटेल को राजकोट में परीक्षा देने जाना अनिवार्य है, 13 नवंबर को परीक्षा है. इसके लिए वह पूरी रात नंबर लगाकर रेलवे रिजर्वेशन काउंटर पर खड़े रहे, लेकिन दलालों द्वारा कहा गया कि हम लोगों का अगर एक नंबर पर नहीं कटेगा तो किसी का नहीं कटेगा और उन लोगों द्वारा पहले तो अवनीश के रिजर्वेशन का पर्चा फाड़ दिया गया और जब उन्होंने दोबारा पर्चा भरा तो उन लोगों द्वारा लिंक फेल करने के लिए तार काट दिया गया. साथ ही दलालों ने उनसे कहा कि यहां पर जो हम चाहेंगे वही होगा. अगर हम नहीं चाहेंगे तो किसी को टिकट नहीं मिलेगा. अवनीश ने रिजर्वेशन के बुकिंग क्लर्क पर भी दलालों के साथ मिलीभगत कर इस गोरखधंधे का आरोप लगाया गया. अवनीश ने कहा किया रिजर्वेशन काउंटर पूरी तरह से दलालों के कब्जे में है और यहां पर ना तो प्रशासन का और ना ही रेलवे का कोई ध्यान है, जिसका फायदा दलाल खुले रूप से उठा रहे हैं. = क्या कहते हैं टिकट बुकिंग क्लर्क शनिवार को रेलवे रिजर्वेशन काउंटर पर मौजूद टिकट बुकिंग क्लर्क नौशाद द्वारा बताया गया कि अक्सर लिंक फेल करने के लिए तार को काट दिया जाता है. हम लोग क्या कर सकते हैं. लिंक फुल होने पर हम लोग मुख्यालय को सूचना दे देते हैं. लेकिन, जानबूझकर लीक फेल करने के लिए यहां कुछ लोगों द्वारा तार काट दिया जाता है. आज भी इसी तरह से 9:20 बजे लिंक फेल करने के लिए तार काट दिया गया था, जब यात्रियों ने देखा की तार काट दिया गया है, तो उनके द्वारा तार जोड़ा गया और जब तक लिंक वापस आता तब तक तत्काल की बुकिंग फूल हो चुकी थी.

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