केमिकल से रुपये बनाने का लोगों को देते थे झांसा, दो जालसाज गिरफ्तार
सादे कागज पर केमिकल लगाकर रुपये बनाकर लोगों से ठगी करने के मामले में भभुआ थाने की पुलिस ने दो शातिर जालसाजों को गिरफ्तार किया है.
भभुआ सदर. सादे कागज पर केमिकल लगाकर रुपये बनाकर लोगों से ठगी करने के मामले में भभुआ थाने की पुलिस ने दो शातिर जालसाजों को गिरफ्तार किया है. सादे कागज पर केमिकल से नोट बनाने के मामले में धराये दोनों शातिर जालसाज रोहतास जिले के करहगर थानाक्षेत्र के तोरणी गांव निवासी अयोध्या राम का बेटा रविरंजन कुमार और जिले के मोहनिया थानाक्षेत्र के बरहुली गांव निवासी मन्नू राम का बेटा हरेंद्र राम बताये जाते है. धराये जालसाजों के संबंध में भभुआ एसडीपीओ शिवशंकर कुमार ने बताया कि 28 तारीख को भभुआ थाने को गुप्त सूचना प्राप्त हुई थी कि शहर के वेलवतिया पोखरा के समीप दो व्यक्ति नकली नोट का कारोबार कर रहे है. सूचना पर तत्काल ही कार्रवाई करते हुए थानाध्यक्ष मुकेश कुमार द्वारा वेलवतिया पोखरा पर छापा मारा गया, तो नकली नोट का कारोबार करने वाले दोनों संदिग्ध व्यक्ति पुलिस को देखकर भागने लगे, जिन्हें पुलिस बल के सहयोग से खदेड़कर गिरफ्तार कर लिया गया. थाने लाये जाने के बाद पुलिस ने विधिवत तलाशी ली तो उनके पास से नकली रुपये बनाने का केमिकल, विशेष प्रकार का सफेद कागज, नोट बनाने में प्रयुक्त होनेवाले एक पांच सौ रुपये के नोट के साइज का कागज, एक पांच सौ रुपये का जाली नोट और तीन मोबाइल व दो बाइक बरामद किया गया है. = ठगी करने के बाद बदल देते थे अपना मोबाइल नंबर प्रेसवार्ता में एसडीपीओ ने बताया कि पकड़े गये दोनों जालसाज एक विशेष कागज पर केमिकल लगाकर रुपये बनाने का झांसा देकर लोगों से ठगी करते थे. बताया कि जालसाज किसी व्यक्ति को पहले अपने झांसे में लेते थे. झांसा में लेने के बाद उक्त व्यक्ति के सामने सादे कागज पर केमिकल लगाकर उसे मोड़ देते थे और उस कागज को सामने वाले व्यक्ति को थमा देते थे. जबकि, जालसाज द्वारा थमाया गया पांच सौ रुपये के नोट असली रहता था और उस पर काले रंग का डाई लगा दिया जाता था और फिर नोट थामे व्यक्ति के समक्ष ही एक दूसरे केमिकल की मदद से नोट पर लगा डाई छुड़ा देते थे, जिससे प्रतीत होने लगता था कि केमिकल से पांच सौ रुपये का नोट तैयार हुआ है. इसके बाद जालसाज उक्त व्यक्ति को केमिकल से सादे कागज पर नोट बनाने का फार्मूला बता उनसे ठगी कर भाग निकलते थे. केमिकल से नोट बनाने में धराये दोनों जालसाज एक व्यक्ति से ठगी करने के बाद अपना मोबाइल नंबर बदल देते थे और फिर एक नये मोबाइल नंबर के साथ दूसरे क्षेत्र में ठगी करने निकल जाते थे.
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