सरगना समेत दो शातिर गिरफ्तार

कैमूर में सेटिंग से सिपाही भर्ती परीक्षा पास कराने वाला गिरोह का खुलासा

By Prabhat Khabar News Desk | August 7, 2024 9:44 PM
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कैमूर में सेटिंग से सिपाही भर्ती परीक्षा पास कराने वाला गिरोह का खुलासा भभुआ कार्यालय. सिपाही भर्ती परीक्षा में सेटिंग के जरिये परीक्षार्थियों को परीक्षा पास करने वाले एक गिरोह का कैमूर पुलिस ने खुलासा किया है. खास बात यह कि उस गिरोह के सरगना को भी कैमूर पुलिस ने भभुआ के एक हॉस्टल से गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही सरगना के अलावे उसके एक और साथी को कैमूर के भभुआ एवं दो अन्य साथियों को बक्सर के डुमरांव से गिरफ्तार किया गया है. यह गिरोह राज्य के कई जिलों में सक्रिय था और सिपाही भर्ती परीक्षा में सेटिंग के जरिये परीक्षार्थियों को परीक्षा पास करता था. इसके एवज में परीक्षार्थियों से नौ से 10 लख रुपये लेता था. उनके पास से करीब 200 विद्यार्थियों का एडमिट कार्ड, मोबाइल एवं पैड फोन बरामद किया गया है. यह जानकारी एसपी ललित मोहन शर्मा ने बुधवार को भभुआ थाना में प्रेसवार्ता के दौरान दी है. = दो सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद गिरोह का खुलासा कैमूर एसपी ने बताया कि सबसे पहले सिपाही भर्ती परीक्षा को लेकर बक्सर की पुलिस डुमरांव के विभिन्न होटलों में छापेमारी एवं तलाशी कर रही थी. इसी दौरान गिरोह के दो सदस्य भभुआ प्रखंड के रुइया गांव निवासी काशीनाथ चौरसिया का बेटा छोटेलाल व मनिहारी के संजय चौरसिया का बेटा रोशन कुमार पकड़ा गया. इनके मोबाइल में सैकड़ों की संख्या में विद्यार्थियों का एडमिट कार्ड मिला. इसके बाद जब उनसे पूछताछ की गयी, तो उन्होंने बताया कि उनके गिरोह का सरगना कैमूर जिला अंतर्गत कुदरा थाना क्षेत्र के लालपुर का रहने वाला कृपा शंकरपाल का बेटा पिंटू पाल है. इसकी सूचना तत्काल बक्सर पुलिस की ओर से कैमूर पुलिस को दी गयी. एसपी ने बाबा एसडीपीओ शिव शंकर कुमार के नेतृत्व में गिरोह के खुलासे के लिए टीम का गठन किया. इसमें भभुआ के थानेदार मुकेश कुमार व डीआइयू के इंचार्ज अवधेश कुमार को रखा गया. उक्त टीम की ओर से तत्काल छापेमारी कर भभुआ शहर की सुवरन नदी के पास स्थित कर्पूरी हॉस्टल से गिरोह के सरगना पिंटू पाल को गिरफ्तार कर लिया गया. पिंटू पाल कर्पूरी हॉस्टल में सिपाही भर्ती परीक्षा के विद्यार्थियों की सेटिंग करने के लिए गया था. पिंटू पाल के मोबाइल की जब पुलिस ने तलाशी ली, तो उसके मोबाइल से करीब डेढ़ सौ की संख्या में सिपाही भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थियों का फॉर्म मिला. उसे गिरफ्तार कर जब सख्ती से पूछताछ की गयी, तो उसने अपने एक और सहयोगी भगवानपुर थाना क्षेत्र के परमालपुर गांव निवासी नीतीश कुमार उर्फ नारद पाल का नाम बताया. इसके बाद पुलिस की ओर से नीतीश कुमार उर्फ नारद पाल को भी गिरफ्तार कर लिया गया. = सैकड़ों फर्जी अभ्यर्थियों का भराया जाता था फॉर्म एसपी ने बताया कि प्राथमिक अनुसंधान के आधार पर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि यह गिरोह पहले से सेटिंग के जरिये अभ्यर्थियों को सिपाही परीक्षा पास कराने का काम करता था. इसके लिए पिंटू पाल का गिरोह पहले सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थियों से सिपाही भर्ती परीक्षा के लिए फॉर्म भराता था. आठ से नौ लाख रुपये में परीक्षा पास करने का जिम्मा लेता था. फाॅर्म भरवाये गये अभ्यर्थियों की जगह तेज स्टूडेंट्स को परीक्षा हॉल में भेजते थे. फर्जी स्टूडेंट जो विद्यार्थी परीक्षा पास करने के लिए आठ से नौ लाख रुपये गिरोह को देते थे उसकी कॉपी लिखता था और फिर वह परीक्षा पास कर जाता था. फर्जी स्टूडेंट अपनी कॉपी को खाली या गलत भरकर छोड़ देता था. यह गिरोह जिस तेज स्टूडेंट्स से परीक्षा दिलाता था, उसे भी परीक्षा देने के लिए मोटी रकम देता था. गिरोह का सरकना पिंटू लगता था पैसा गिरोह का सरगना पिंटू पाल ही अभ्यर्थियों के फाॅर्म भराने से लेकर अन्य कार्यों में सारा पैसा लगाता था. गिरोह के अन्य सदस्यों का काम हॉस्टल समेत अन्य जगहों पर कैंडिडेट को ढूंढने था. परीक्षा पास करने वाला विद्यार्थी आठ से नौ लाख रुपये देता था. फर्जी अभ्यर्थी की जगह पर परीक्षा में बैठने वाले तेज स्टूडेंट्स को तीन से चार लाख रुपये और छात्र की सेटिंग करने वाले को एक से दो लाख रुपये दिया जाता था. इनका पूरा नेटवर्क राज्य के कई जिलों में फैला है. इनकी निशानदेही पर अभी कई अन्य जिलों में भी छापेमारी चल रही है. नारद के सिपाही भाई से भी हो रही पूछताछ एसपी ललित मोहन शर्मा ने बताया कि पकड़े गये नारद का भाई पहले से सिपाही है. उससे भी पूछताछ की जा रही है. यह भी पता लगाया जा रहा है कि कहीं वह भी फर्जी तरीके से परीक्षा पास कर सिपाही तो नहीं बन गया है या इसके अलावा और कौन-कौन लोगों को गिरोह द्वारा पास करा कर सिपाही बनाया गया है. इसकी पूरी रिपोर्ट कैमूर पुलिस तैयार कर रही है और सारी रिपोर्ट को सिपाही भर्ती परीक्षा आयोग को भेजी जायेगी.

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