वाराणसी-औरंगाबाद सिक्सलेन का काम 13 साल बाद भी अधूरा
The work of Varanasi-Aurangabad six-lane has been going on for 13 years. In 13 years, the toll tax of Rs 35 increased to Rs 60 for a car jeep. But, till now the dream of the people has not been realized
कर्मनाशा़ वाराणसी-औरंगाबाद सिक्सलेन का काम 13 वर्षों से चल रहा है. 13 वर्षों के बीच 35 रुपये का टोल टैक्स कार जीप का बढ़ाकर 60 रुपये हो गया. लेकिन, अब तक लोगों का सपना सुहाना सफर का साकार नहीं हो पाया है. और जून 2024 तक कार्य पूर्ण होने की संभावना भी नहीं दिख रही है. लेकिन, जून व जुलाई तक कार्य पूर्ण नहीं होने की स्थिति में एनएचएआइ वर्तमान कार्यदायी संस्था को टर्मिनेट कर दूसरी कंपनी को कार्य पूर्ण करने की जिम्मेदारी दे सकती है. लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए किसी भी हालत में एनएचएआइ 2024 तक कार्य को पूर्ण करना चाहती है. दरअसल में उम्मीद जगी थी वर्ष 2024 में जून तक वाराणसी से औरंगाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग 19 के सिक्सलेन का कार्य पूरा हो जायेगा. लेकिन, 13 साल से अधिक समय बीतने के बाद भी फोरलेन को सिक्सलेन बनाने का कार्य पूरा नहीं हो सका है. जबकि, एनएचएआइ ने दावा किया था कि 2024 के जून माह तक काम पूरा हो जायेगा और 2024 में इस हाइवे पर यात्रियों के लिए सुहाना सफर आसान हो जायेगा. लेकिन, धरातल पर ऐसा दिख नहीं रहा है. कई जगहों पर पुल, पुलियों व सड़क का कार्य आधा अधूरा ही हो पाया है. वर्ष 2011 में एनएच दो का विस्तार कर फोरलेन से सिक्सलेन बनाने का काम शुरू हुआ था, इसे 2014 में पूरा होने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन समय पर काम पूरा नहीं हुआ. उस समय इसकी अनुमानित लागत करीब 2848 करोड़ रुपये थी. कार्यदायी संस्था समय से निर्माण कार्य पूरा करने में नाकाम रही. ऐसे में दोबारा कार्य अवधि बढ़ा कर 2017 में तय कर दिया गया. उस समय कार्य पूर्ण होने में जमीन अधिग्रहण की समस्या भी परियोजना पूर्ण होने में बाधा बन रही थी, जिसके चलते समय सीमा बढ़ा दी गयी थी और परियोजना की लागत में भी इजाफा हुआ. वहीं, वाराणसी-औरंगाबाद के बीच 192 किलोमीटर के प्रोजेक्ट पर वाराणसी, मोहनिया, सासाराम सहित तीन टोल लगे हैं. उनका भी रेट बढ़कर दोगुना से कुछ ही कम रुपये रह गया है. दिल्ली से कोलकाता को जोड़ने वाले इस व्यस्ततम रोड को पहले से जीटी रोड व एनएच दो के नाम से जाना जाता रहा है, इसे वर्तमान में एनएच 19 कर दिया गया है. कैमूर जिले से गुजरने वाले सिक्सलेन विस्तार का कार्य अभी दुर्गावती प्रखंड क्षेत्र के कुल्हड़ियां, खजुरा, मरहिया मोड़, दुर्गावती बाजार, कर्मनाशा नदी पुल सहित कई जगहों पर अभी कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है. नेशनल हाइवे की इस सड़क का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है कि 2848 करोड़ का यह प्रोजेक्ट जो तीन वर्षों में पूरा होना था, 13 वर्षों से अधिक समय बीतने के बाद भी काम पूरा नहीं हुआ. कैमूर जिले के दुर्गावती में डहला मोड व मरहिया के पास अक्सर दुर्घटना होती रहती है, जहां आज तक अंडरपास या ओवरब्रिज नहीं बन पाया है. जबकि, यहां अक्सर घटना दुर्घटना होती रहती है. लोगों को कहना है कि हर साल टोल टैक्स में बढ़ोतरी होती है. 2011 से लेकर 2024 टोल टैक्स की दर को देखा जाये, तो काफी बढ़ोतरी हुई है. लेकिन सिक्सलेन का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो सका है. जबकि, सिक्सलेन सड़क सुविधा के लिए ही टोल टैक्स की वसूली काफी वर्षों से हो रही है. हालांकि, पूर्व की लागत में ही कार्यदायी संस्था को सिक्सलेन निर्माण का कार्य करना है. कहते हैं अधिकारी – एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अश्वनी कुमार राय ने बताया कि सड़क निर्माण कंपनी काम करें, तो जून-जुलाई तक प्रोजेक्ट तैयार हो जायेगा. अगर जून-जुलाई तक कार्य पूर्ण नहीं होता है, तो कार्यदायी संस्था को टर्मिनेट किया जायेगा और दूसरी कंपनी को कार्य पूर्ण करने की जिम्मेदारी दी जायेगी. उन्होंने बताया अवधि विस्तार की बात नहीं है. पहले की कंपनी आइसोलेक्स आई वह भी अपना शेयर बेच कर चली गयी है. दूसरी कंपनी आयी वह भी अपना शेयर बेचकर चली गयी. हम चाहेंगे कि 2024 तक प्रोजेक्ट पूर्ण कर लिया जाये. प्रोजेक्ट को पूर्ण करने के लिए कंपनी को ही पहले अपना पैसा लगाना है और उस पैसे की रिकवरी टोल से ही करनी है, जितना जल्दी कार्य पूर्ण कर लेंगे, उनको ही फायदा रहेगा. जितना लेट होगा उतना ही उनका नुकसान होगा. प्रोजेक्ट पूर्ण नहीं होने से जनता को दिक्कत हो हो रही है, यह भी देखना है. -वर्ष 2011-12 में टोल टैक्स की दरें – कार, जीप, हल्के मोटर 35 रुपये हल्के वाणिज्यिक वाहन/ मालवाहक मिनी बस 55 रुपये बस, ट्रक छह चक्का 120 रुपये 10 से 14 चक्का ट्रक 185 रुपये 14 चक्का से ऊपर 225 रुपये वर्ष 2023-24 की रेट सूची- — कार, जिप 60 रुपये मालवाहक, मिनी बस 100 रुपये 6 चक्का ट्रक 210 रुपये 10 से 14 चक्का 330 रुपये 14 चक्का से ऊपर 405 रुपये