लाखों के शेड में ठेले, सड़क पर लग रही सब्जी की दुकान
जिला और नगर पर्षद प्रशासन के अथक प्रयास के बावजूद शहर की सब्जी मंडी का अतिक्रमण हटने का नाम नहीं ले रहा है. स्थिति यह है कि नगर पर्षद द्वारा मंडी में स्थित 70 दुकान व शेड की पुनः मरम्मत करा उसे ठेले व सड़क किनारे सब्जी बेचने वालों को आवंटित किया गया है.
भभुआ सदर. जिला और नगर पर्षद प्रशासन के अथक प्रयास के बावजूद शहर की सब्जी मंडी का अतिक्रमण हटने का नाम नहीं ले रहा है. स्थिति यह है कि नगर पर्षद द्वारा मंडी में स्थित 70 दुकान व शेड की पुनः मरम्मत करा उसे ठेले व सड़क किनारे सब्जी बेचने वालों को आवंटित किया गया है. इसके बावजूद सभी सुविधाओं से लैस मंडी में ठेले खड़े हो रहे हैं और पुराने ढर्रे पर ही उसी प्रकार से शहर की सड़कों पर ही सब्जियां बेची जा रही हैं और वह भी बाजाप्ता कनात व प्लास्टिक तानकर. इसके चलते सब्जी मंडी सड़क पर ठेला में सब्जी घूम-घूम कर बेचने वालों से अतिक्रमण के साथ ही जाम की स्थिति भी स्थायी बन गयी है. दरअसल, शहर की सब्जी मंडी में सब्जी बेचने वाले दुकानदारों के लिए नगर पर्षद ने लगभग एक साल पहले स्थायी दुकानों का पुनर्निर्माण कराया है. इसमें लाखों रुपये खर्च कर दुकानदारों के लिए पेयजल, शौचालय के साथ साथ पूरे परिसर को दूधिया रोशनी प्रदान की गयी है. नप द्वारा परिसर में 70 दुकानदारों को दुकान भी आवंटित कर दिया है. लेकिन, सारी सुविधा और जगमग रोशनी के बावजूद आज भी सब्जी बेचने वाले सभी दुकानदार रोड पर ही दुकानों को लगाकर सब्जी बेचने का कार्य कर रहे हैं. इसके अलावा ठेला में सब्जी फल लादकर इधर उधर सड़क पर ही ठहरना भी जाम व अतिक्रमण का कारण बन रहा है. जबकि, सब्जी मंडी सड़क के ओर जाने वाले रास्ते में ही बालिका उच्च विद्यालय, मध्य विद्यालय के अलावा महिला व एससी एसटी थाना को रास्ता जाता है. इसके चलते इस सड़क पर काफी भीड़ रहती है. भीड़ होने की वजह से छात्राओं के स्कूल तक पहुंचने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा कुछ असामाजिक तत्व भीड़ का फायदा उठाकर ओछी हरकत करने से भी बाज नहीं आते है. लोगों का कहना था कि नगर पर्षद के अधिकारी इस गंभीर समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे है और ना ही कोई कार्रवाई कर रहे है. लोगों ने इस समस्या के समाधान के लिए डीएम सावन कुमार से गुहार लगायी है. = लाखों खर्च और जगमग रोशनी नहीं आ रहा कोई काम गौरतलब है कि शहर की सब्जी मंडी में सब्जी बेचने वाले दुकानदारों के लिए नगर पर्षद ने स्थायी दुकानों का पुनर्निर्माण कराया है. इसमें दुकानदारों के लिए पेयजल, शौचालय के साथ साथ पूरे परिसर को दूधिया रोशनी प्रदान की गयी है. नप द्वारा परिसर में 70 दुकानदारों को दुकान भी आवंटित कर दिया है. लेकिन, सारी सुविधा और जगमग रोशनी के बावजूद आज भी सब्जी बेचने वाले सभी दुकानदार रोड पर ही दुकानों को लगाकर सब्जी बेचने का कार्य कर रहे हैं. इसके अलावा ठेला में सब्जी लादकर इधर-उधर ठहरना भी जाम व अतिक्रमण का कारण बन रहा है. जबकि, सब्जी मंडी सड़क के ओर जाने वाले रास्ते में ही बालिका उच्च विद्यालय, मध्य विद्यालय के अलावा एससी एसटी थाना को रास्ता जाता है. = दुकानें कम, सब्जी बेचने वाले दुकानदार हैं अधिक वैसे भी देखा जाएये तो सब्जी मंडी में नगर पर्षद के प्रतिनिधियों द्वारा भले ही लाखों खर्च करके स्थायी सब्जी दुकानों व शेड का पुन निर्माण करा अपनी वाहवाही लूटी जा रही हो. लेकिन, शायद नगर पर्षद के प्रतिनिधि मंडी में सब्जी बेचनेवाले दुकानदारों की गिनती करना भूल गये. क्योंकि, नप ने मात्र 70 दुकान ही बना अभी तक दुकानदारों को सौपे हैं. जबकि, ठेले व सड़क किनारे सब्जी बेचनेवालों की संख्या पर गौर करें तो इनकी संख्या सौ से भीे अधिक है. अब इस स्थिति में जिन दुकानदारों को मंडी में दुकान आवंटित हुई है. वह भी बाकी दुकानदारों को सब्जी एकता चौक और सब्जी मंडी के मुख्य सड़क पर बेचता देख सड़क पर आ जा रहे हैं. सब्जी मंडी कैंपस में अपनी दुकान लगाने वाले कुछ दुकानदारों का कहना है कि मुख्य सड़क पर बड़े दुकानदारों द्वारा सब्जी की दुकानें लगी रहती है. इसके कारण ग्राहक सब्जी मंडी परिसर में ना आकर मुख्य सड़क स्थित उन्हीं सभी दुकानों से सब्जी की खरीदारी कर चले जाते हैं. इधर, सब्जी मंडी कैंपस में दुकानदार सब्जियों को रखकर ग्राहक के आने का इंतजार करते हैं. इससे उनकी सब्जियां खराब भी हो जाती हैं और काफी हानि भी होती हैं. = दुकानदारों को हटाया जायेगा इस संबंध में नगर पर्षद के कार्यपालक पदाधिकारी संजय उपाध्याय का कहना था कि जिन दुकानदारों को दुकानें आवंटित की गयी है. अगर वह भी सड़क पर ही दुकानें लगा रहे है तो उनको चिह्नित कर कार्रवाई करते हुए अतिक्रमण हटाया जायेगा. जिन दुकानदारों को जगह नहीं मिली है, उनके लिए भी नगर पर्षद दुकान उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत है.
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