इस भीषण गर्मी में मतदान का प्रतिशत बढ़ाना प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती

इस बार लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत में कमी को लेकर निर्वाचन आयोग से लेकर राजनीतिक दल तक चिंतित है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 5, 2024 8:59 PM

भभुआ कार्यालय. इस बार लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत में कमी को लेकर निर्वाचन आयोग से लेकर राजनीतिक दल तक चिंतित है. आयोग द्वारा मतदान के प्रतिशत को बढ़ाने के लिए तरह-तरह के जागरूकता कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं. आयोग के स्वीप कार्यक्रम के तहत जिला प्रशासन के अधिकारी से लेकर निचले स्तर के कर्मचारी तक गांव-गांव में लगातार जागरूकता रैली निकालने से लेकर नुक्कड़ नाटक सहित कई कार्यक्रम कर रहे हैं. ताकि मतदान के प्रतिशत को बढ़ाया जा सके. लेकिन, इन सब के बीच रोजगार के लिए लोगों के परदेश जाने व इस भीषण गर्मी के बीच मतदान के प्रतिशत को बढ़ाना प्रशासन व राजनीतिक दलों के लिए एक बड़ी चुनौती है. वर्तमान में मई महीने में जिस तरह की भीषण गर्मी पड़ रही है, उसमें मतदाताओं को घरों से निकलकर मतदान केंद्र तक पहुंचाने के लिए प्रशासन कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है. जिला प्रशासन हर हाल में पिछले लोकसभा चुनाव से इस लोकसभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए पूरी ताकत से लगा हुआ है. पिछले लोकसभा चुनाव में सासाराम संसदीय क्षेत्र में 57.37 प्रतिशत मतदान हुआ था. जबकि, 2020 के विधानसभा चुनाव में 59.96 प्रतिशत मतदान हुआ था. = बड़ी संख्या में लोग काम की तलाश में चले जाते हैं परदेस मतदान का प्रतिशत कम होने के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण बड़ी संख्या में लोगों का काम की तलाश में दूसरे राज्यों में चले जाना भी है. जिले की बड़ी आबादी हर साल दिल्ली, मुंबई, गुजरात सहित अन्य राज्यों में काम करने के लिए चले जाते हैं और वे लोग चुनाव के समय वापस नहीं आते हैं. आने-जाने में खर्च अधिक होने के कारण वे अपने गांव वापस नहीं लौटते हैं. इससे भी मतदान से वंचित रह जाते हैं. सिकठी गांव के बाढू यादव व उनके परिवार के करीब दो दर्जन लोग मुंबई और पुणे में रहकर कपड़ा मिल में मजदूरी कर पेट पालते हैं. बीते 19 अप्रैल को वह अपनी बेटी की शादी के लिए सिकठी गांव आये हुए थे. शादी में हिस्सा लेने के लिए उनके परिवार के अन्य सदस्य भी मुंबई और पुणे से गांव आये थे. शादी के लगभग डेढ़ महीने बाद लोकसभा चुनाव का मतदान एक जून है. लेकिन, बाढू यादव का परिवार शादी के बाद लोकसभा चुनाव को लेकर मतदान के लिए ठहरने को तैयार नहीं है. उनका कहना है कि इतना दिन यहां ठहर जायेंगे, तो खर्चा कैसे चलेगा. पेट चलाने के लिए हमें वापस मुंबई और पुणे जाना जरूरी है. आने-जाने में भी इतना खर्चा लग जाता है कि चुनाव में मतदान के लिए दोबारा आना हमारे लिए संभव नहीं है. उक्त हालात सिर्फ एक परिवार का नहीं है. बल्कि ऐसी स्थिति जिले के एक बड़ी आबादी के साथ है, जो मतदान प्रतिशत में कमी का एक मुख्य कारण है. = कैमूर पहाड़ी पर बूथ शिफ्ट नहीं किये जाने से मतदान प्रतिशत बढ़ने के हैं आसार सासाराम संसदीय क्षेत्र में इस बार प्रतिशत बढ़ाने के ज्यादा आसार हैं. क्योंकि जिला प्रशासन द्वारा इस बार लोकसभा चुनाव में कैमूर पहाड़ी पर स्थित एक भी मतदान केंद्र को शिफ्ट नहीं करने का निर्णय लिया गया है, यानी जो मतदान केंद्र जहां है वहीं पर मतदान कराया जायेगा. जिला प्रशासन की इस निर्णय से निश्चित रूप से मतदान का प्रतिशत बढ़ाने का उम्मीद है. क्योंकि बूथों को शिफ्ट होने से मतदान केंद्र मतदाताओं के गांव से काफी दूर हो जाता था. इससे बड़ी संख्या में मतदाता मतदान नहीं कर पाते थे. अधिक दूरी होने के कारण कैमूर पहाड़ी के दुर्गम रास्तों पर चलकर कम संख्या में मतदाता मतदान केंद्रों पर पहुंच पाते थे. लेकिन इस बार एक भी मतदान केंद्र शिफ्ट नहीं किये जाने से कैमूर पहाड़ी पर अधिक से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर पायेंगे. इससे मतदान के प्रतिशत बढ़ाने के उम्मीद है. = कम मतदान वाले गांव में चलाया जा रहा जागरूकता अभियान 2019 के लोकसभा चुनाव में सासाराम संसदीय क्षेत्र में सबसे कम मतदान करहगर विधानसभा के खाखडा मतदान केंद्र पर 20.42 प्रतिशत हुआ था. वहीं, दूसरे स्थान पर सासाराम संसदीय क्षेत्र के सासाराम विधानसभा क्षेत्र में प्राथमिक विद्यालय कौपाडीह पश्चिमी भाग पर 21.2 प्रतिशत हुआ था. इस तरह से चेनारी विधानसभा क्षेत्र में 2019 के चुनाव में राज्य श्रम कल्याण केंद्र कल्याणपुर में सबसे कम 29.38 प्रतिशत मतदान हुआ था. इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में चैनपुर विधानसभा में सबसे कम मतदान अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति आवासीय मध्य विद्यालय सेमरा में 29.75 प्रतिशत मतदान हुआ था. मोहनिया विधानसभा क्षेत्र में 2019 के चुनाव में सबसे कम मतदान उत्क्रमित मध्य विद्यालय घटेयां में 35.55 प्रतिशत हुआ था. जबकि, भभुआ विधानसभा क्षेत्र में 2019 के लोकसभा चुनाव में सबसे कम मतदान सासाराम भभुआ सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक के पश्चिमी भाग वाले मतदान केंद्र पर 33.36 प्रतिशत हुआ था. जिला प्रशासन द्वारा कम मतदान प्रतिशत वाले मतदान केंद्रों को चिह्नित कर वहां व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. ताकि मतदान का प्रतिशत बढ़ाया जा सके. इन सारे चुनौतियों के बीच प्रशासन पूरी ताकत से मतदान का प्रतिशत बढ़ाने में लगा हुआ है.

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