भभुआ. जिले में बढ़ रही गर्मी और पानी की किल्लत के बाद अगलगी की घटनाओं पर काबू पाने के लिए अग्निशमन विभाग के सामने पानी बड़ा समस्या बन जा रहा है. इसे देखते हुए अग्निशमन विभाग द्वारा नल जल योजना में चिह्नित स्थलों पर कन्केटर सुविधा प्रदान कराने की मांग लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग से की गयी है और इसे लेकर अग्निशमन विभाग द्वारा रोड साइड पर चिन्हित किये गये स्थलों की सूची भी लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को सौंप दी गयी है. गौरतलब है कि तपते सूरज और तेज पछुआ हवाओं का दौर जिले में शुरू हो चुका है. नतीजा है अगलगी की घटनाओं में भी वृद्धि होने लगी है. कहीं जलती हुई बिड़ी सिगरेट, तो कहीं बिजली के शाॅर्ट सर्किट, तो कहीं घरेलू लापरवाही के कारण कभी घर में तो कभी जंगल में तो कभी खेत और खलिहानों में आये दिन आग लग रही है. इस पर काबू पाने के लिए दमकल वाहनों को दौडना पड़ रहा है. लेकिन, कई जगहों पर जहां भीषण आग लगी होती है और अधिक पानी की आवश्यकता पड़ जाती है, तो कभी- कभी आस पास पानी उपलब्ध नहीं होने के कारण अग्निशमन विभाग को आग पर काबू पाने में देर हो जाती है. इससे जान माल के क्षति की संभावन अधिक बढ़ जाती है. वैसे भी कैमूर जैसे पहाड़ी जिले में पानी की समस्या भी एक गंभीर समस्या है. ताल-तलैया और कुएं भी प्रचंड गर्मी में सूख जाते हैं. यहां तक कि चापाकलों के जवाब देने से घरों में भी पानी का हाहाकार मच जाता है. मिलाजुला कर लोगों के साथ अग्निशमन विभाग की भी उम्मीद सरकार के नल जल योजना पर आकर अटक जाती है. ऐसे में अग्निशमन विभाग द्वारा लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग से रोड साइड में नल जल योजना का कन्केटर लगाने की मांग की गयी है. साथ ही अग्निशमन विभाग ने कन्केटर वाले नल जल योजना को संचालित करने वाले ऑपरेटरों की सूची भी पीएचडी विभाग से मांगी है. = पानी की किल्लत से आग पर काबू पाने में होती है समस्या इधर, इस संबंध में जानकारी देते हुए अग्निशमन पदाधिकारी भभुआ हनुमान राम ने बताया कि गर्मी में पानी की किल्लत को लेकर आग पर काबू पाने में बड़ी समस्या सामने आ जाती है. इसे देखते हुए जिले के विभिन्न प्रखंडों के 27 और चिन्हित स्थलों पर लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग से नल जल योजना में कन्केटर लगाने का मांग किया गया है. उन्होंने बताया कि आग लगने की घटनाओं में मोहनियां और भभुआ के फायर स्टेशन से पानी लेकर दमकल निकलते हैं. लेकिन, कई बार ऐसा मौका आ जाता है कि आग बुझाने के लिये पानी कम पड जाता है. जिसे देखते हुए विभाग को किसी लाइन होटल या प्राइवेट बोरिंग का पानी खोजना पडता है. जिसमें काफी समय बर्बाद होता है. ऐसे में अगर नल जल योजना में कन्केटर लगा दिया जाये तो रोड साइड पर लगे इन कन्केटरों से दमकलों में जल्द पानी भर लिया जायेगा. इन्सेट 54 जगहों पर पहले से पीएचइडी ने लगा रखा है कन्केटर भभुआ. आग लगी की घटनाओं या आपदा के किसी भी तरह के घटनाओं में पानी की आवश्यकता को देखते हुए लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा पहले से ही जिले के विभिन्न प्रखंडों में 54 जगहों के रोड साइड पर कन्केटर की सुविधा प्रदान की गयी है. उपरोक्त जानकारी देते हुए लोक स्वास्थ्य विभाग के कार्यपालक अभियंता अमित कुमार ने बताया कि अग्नि हाइड्रेट, फायर पल्ग या फायर कॉक नल जल योजना का एक कन्केशन बिंदु होता है. जिसके माध्यम से अग्निशमन विभाग अपने दमकल वाहनों में पानी टैप कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि अग्निशमन विभाग द्वारा अतिरिक्त जगहों पर नल जल योजना के कंटेनर लगाने की जो सूची उपलब्ध करायी गयी है. उस पर भी काम आरंभ करा दिया गया है. उन्होंने बताया कि पूर्व में लगाये गये कन्केटरों के जगह वाले नल जल योजना को संचालित करने वाले ऑपरेटरों की सूची भी अग्निशमन विभाग को उपलब्ध करायी गयी है. ताकि, अगर उक्त समय पर नल जल योजना चालू नहीं है तो ऑपरेटर से संपर्क कर उसे तत्काल चालू कराया जा सके.
आग बुझाने में दमकलों के सामने बड़ी समस्या पानी
जिले में बढ़ रही गर्मी और पानी की किल्लत के बाद अगलगी की घटनाओं पर काबू पाने के लिए अग्निशमन विभाग के सामने पानी बड़ा समस्या बन जा रहा है.
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