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डीएम अंकल! विद्यालय की चहारदीवारी बिना असुरक्षित हैं हम छात्राएं

उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय भरखर (यू डायस कोड 10310807503) में वर्ग नौ से 12वीं तक की अध्ययनरत 178 छात्राएं विद्यालय की घेराबंदी नहीं होने से अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रही हैं

मोहनिया सदर. एक तरफ जहां सूबे के मुखिया नीतीश कुमार बेटियों की सुरक्षा व शिक्षा को लेकर संकल्पित हैं, बेटियों को सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ने के लिए भरपूर अवसर देने के लिए कई तरह की योजनाएं क्रियान्वित हैं. वहीं, दूसरी तरफ प्रशासनिक शिथिलता के कारण पंचायत मुख्यालय भरखर में जहां सीएम की संभावित प्रगति यात्रा को लेकर दिन-रात युद्ध स्तर पर विकास कार्यों को अंतिम रूप देने के लिए सभी प्रशासनिक पदाधिकारी कैंप कर रहे हैं. उसी उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय भरखर (यू डायस कोड 10310807503) में वर्ग नौ से 12वीं तक की अध्ययनरत 178 छात्राएं विद्यालय की घेराबंदी नहीं होने से अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रही हैं. इसे लेकर विद्यालय की छात्राओं ने अपने डीएम अंकल से विद्यालय में चहारदीवारी का निर्माण कराने की गुहार पत्र के माध्यम से लगायी है. छात्र-छात्राओं को अपने डीएम अंकल पर पूर्ण भरोसा है कि वे हम लोगों की इस समस्या का समाधान अवश्य करेंगे. मालूम हो कि उक्त विद्यालय भवन के लिए एक एकड़ भूमि आवंटित है जहां लगभग 35 डिसमिल भूमि पर विद्यालय भवन बना हुआ है. जबकि, शेष भूमि पर अवैध अतिक्रमण व जलजमाव है. विद्यालय की भूमि पर कुछ ग्रामीणों द्वारा अवैध कब्जा कर लिया गया है, जिसका नतीजा है कि विद्यालय में चहारदीवारी का निर्माण कार्य नहीं हो पा रहा है. विद्यालय प्रांगण से होकर कुछ लोग अनावश्यक रूप से आवागमन करते रहते है, जिससे बच्चियां व शिक्षिकाएं भी अपने आपको को असहज महसूस करती हैं. कभी-कभी तो विद्यालय परिसर में बिना वजह प्रवेश करने से मना करने पर कुछ युवक शिक्षकों के साथ भी उलझ जाते हैं, तब बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति बन जाती है. # विद्यालय की भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने का आदेश बेअसर पूर्व जिलाधिकारी राजेश्वर प्रसाद सिंह के कार्यकाल में सभी अंचलाधिकारियों को पत्र जारी कर विद्यालय की भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने का आदेश दिया गया था. बहुत से विद्यालयों की भूमि पर से अतिक्रमण हटवाया गया था. लेकिन बहुत सारे विद्यालयों की भूमि आज भी अतिक्रमण की चपेट में है, उन्हीं में से एक उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय भरखर भी शामिल है. आज स्थिति यह है कि उक्त विद्यालय की शेष भूमि के कुछ भाग जिस पर छात्र-छात्राएं खेलते हैं उस भूमि पर भी कुछ अतिक्रमणकारी गिद्ध की तरह नजर गढ़ाये है, इतना ही नहीं कुछ तो बांस गाड़ कर घेरने का प्रयास भी कर रहे हैं. # विद्यालय में शुद्ध पेयजल के लिए चापाकल की दरकार विद्यालय के छात्र-छात्राओं व शिक्षकों ने कहा कि विद्यालय में पानी की सुविधा के लिए सबमर्सिबल लगाया गया है, लेकिन जब कभी बिजली खराब हो जाती है या फिर विगत वर्ष दिसंबर में सबमर्सिबल में खराबी आ गयी थी, उस समय तीन दिनों तक विद्यालय में पीने के पानी की भारी समस्या का सामना सभी को करना पड़ा था, क्योंकि सबमर्सिबल के मोटर को बाहर निकलवा कर बनवाने में तीन दिन का समय लग गया था. इससे ठंडी के समय भी पीने के लिए ताजा पानी नहीं मिल पाता है. टंकी का ठंडा पानी ही पीना पड़ता है जो कड़ाके की ठंड में स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक भी हो सकता है. इसी तरह बारिश के मौसम में बिजली प्रभावित होती है, उस समय भी पीने के पानी की समस्या उत्पन्न हो जाती है. छात्रों का कहना है कि यदि विद्यालय में एक चापाकल लग जाता तो हम लोगों को किसी भी मौसम में ताजा पानी मिल जाता और बिजली व सबमर्सिबल पर पूरी तरह निर्भर नहीं रहना पड़ता. उक्त विद्यालय में नामांकित छात्र-छात्राओं की संख्या 329 है, जिसमें सर्वाधिक 178 छात्राएं व 151 छात्र पढ़ाई करते हैं. # क्या कहती हैं छात्राएं – उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय भरखर की नौवीं की छात्रा अलीशा कुमारी कहती है कि विद्यालय की घेराबंदी नहीं होने से कभी भी कोई व्यक्ति विद्यालय में किसी तरफ से आते-जाते रहते है. इसकी वजह से हम लोग इंटरवेल में भी क्लास से बाहर विद्यालय परिसर में नहीं निकल पाते हैं. – 11वीं की छात्रा आराध्य अंजली कहती है कि हमारे डीएम अंकल हम बेटियों का बहुत ख्याल रखते हैं. उन्होंने हम लोगों की परेशानियों को सुनते ही विद्यालय प्रांगण से ट्रांसफाॅर्मर व हाइवोल्टेज तार को हटवा दिया, डीएम अंकल एक बार विद्यालय की चहारदीवारी का निर्माण करवा देते तो हम छात्राएं अपने आपको को काफी सुरक्षित महसूस करती. — 11वीं की छात्रा खुशी कुमारी कहती है कि विद्यालय में चहारदीवारी का निर्माण नहीं होने से जब जिसका मन हुआ विद्यालय परिसर में अनावश्यक चला आता है, इससे हम लोग अपने आपको को काफी असहज महसूस करते है. ठंडी के इस मौसम में हाफ टाइम में भी हम छात्राएं विद्यालय परिसर में धूप में नहीं निकल पाते है. डीएम अंकल चहारदीवारी का निर्माण करवा देते तो यह विद्यालय पूरी तरह सुरक्षित हो जाता. – 11वीं की छात्रा अनिशा कुमारी कहती है कि डीएम अंकल सभी छात्र-छात्राओं की पीड़ा को काफी गंभीरता से लेते हैं. डीएम अंकल ने जिस तरह विद्यालय परिसर से ट्रांसफाॅर्मर को हटवा कर हम लोगों को नया जीवन दे दिया, उसी तरह विद्यालय की जमीन को अतिक्रमण मुक्त करवाकर चहारदीवारी का निर्माण करवा देते तो हम लोगों के बाद भी इस विद्यालय में नामांकित होने वाली छात्राएं हमेशा के लिए सुरक्षित हो जाती. # क्या कहते हैं प्रधानाचार्य इस संबंध में पूछे जाने पर विद्यालय के प्रधानाचार्य सच्चिदानंद सिंह ने कहा कि बच्चियों का कहना सही है, विद्यालय की भूमि पर कुछ लोगों द्वारा अतिक्रमण किया गया है. इसकी वजह से चहारदीवारी का निर्माण नहीं हो पा रहा है. बिना वजह लोग विद्यालय परिसर से होकर आते-जाते रहते है. इसकी वजह से हमारी बच्चियां विद्यालय परिसर में भी नहीं निकल पाती हैं. विद्यालय में चहारदीवारी का निर्माण हो जाता तो विद्यालय व छात्राएं पूरी तरह सुरक्षित हो जाती.

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