अलाव जलावत त ई कूड़ा-कचरा काहे के तपती…

ठंडा अब बढ़ रहल बा, नइखे बुझात की अब पेट कैसे चली. सरकारों हमनी पर ध्यान नइखे देत, अब त डीएम साहब चाहिए त हमनी के ठंडा से बाचे खातिर कौनो उपाय करिहें

By Prabhat Khabar News Desk | January 2, 2025 9:04 PM
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भभुआ सदर. ठंडा अब बढ़ रहल बा, नइखे बुझात की अब पेट कैसे चली. सरकारों हमनी पर ध्यान नइखे देत, अब त डीएम साहब चाहिए त हमनी के ठंडा से बाचे खातिर कौनो उपाय करिहें, अलाव अउर कंबल के व्यवस्था हो जाइत तो हम गरीबन के भी पेट इ ठंडा में पला जाइत. यह कहना था गुरुवार शाम जबर्दस्त ठंड और शीतलहर के बीच शहर में इ-रिक्शा चलाने वाले आंबेडकर नगर के 56 वर्षीय रामसकल राम का. वह अभी-अभी अखलासपुर से सवारी लेकर लौटे थे और एकता चौक पर ठंड से जमे हाथों और पैरों को कूड़ा जला कर गरम करने का प्रयास कर रहे थे. जबकि, ऐसी स्थिति का सामना एक अकेले राम सकल ही नहीं कर रहें, बल्कि शहर में सैकड़ों ऐसे रिक्शा, ठेला चालकों सहित आश्रय विहीन गरीब लोग ठंड से परेशान हैं, जिनका कोई ठौर-ठिकाना नहीं है. लेकिन, शहर की व्यवस्था संभालने वाली नगर पर्षद शायद किसी गरीब की मौत होने या बर्फ जमा देनेवाली भारी ठंड का इंतजार कर रही है. इधर, दो दिनों से पड़ रही कड़ाके की ठंड से लोग ठिठुर रहे हैं. सर्द हवा और हाड़कंपा देने वाली ठंड ने आम लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है. ठंड से ठिठुरते लोग इसके बचाव के लिए चाय की भट्ठी के पास सिमटे दिखाई पड़ रहे है या फिर इधर-उधर पड़े कूड़ा, कचरा, लकड़ी, टायर व सड़क पर बिखरे कागज आदि को जला कर सर्दी से निजात पाने का जुगाड़ कर रहे हैं. = ठंड और शीतलहर से गरीबों पर आयी शामत संसाधनों के अभाव से ग्रस्त लोगों के लिए तेजी से बढ़ रही यह कड़ाके की ठंड मुश्किलें ही लेकर आती है, लेकिन प्रशासन की तरफ से या फिर नगर पर्षद की ओर से शहर में अलाव जलाने की व्यवस्था अब तक शुरू नहीं हो सकी है. ऐसे में गरीब लोग जिनके पास सर छुपाने के लिए छत भी मयस्सर नहीं है, तन ढकने के लिए पर्याप्त कपड़े भी नहीं हैं, उनके लिए फौरी तौर पर अलाव और कंबल की नितांत आवश्यकता होती है. लेकिन प्रशासनिक स्तर पर चाहे वह जिला आपदा विभाग हो या नगर पर्षद या स्वास्थ्य विभाग हो कहीं से भी फिलहाल गरीबों को राहत प्रदान करने वाली उम्मीद की किरण नजर नहीं आ रही है. = बादलों के बीच पछुआ हवा ढा रही कहर जिले में ठंड ने दस्तक तो पहले ही दे दी थी, लेकिन पछुआ हवाओं के चलते अब पारा काफी नीचे आ चुका है. ऊपर से पिछले तीन दिनों से सूर्यदेव के दर्शन में भी कोई खास जोर नजर नहीं आ रही हैं. शहर सहित पूरे जिले में रात और दिन के तापमान में प्रतिदिन गिरावट दर्ज की जा रही है. बुधवार एक जनवरी को तो रात का तापमान इस बार सबसे ठंडी रात के रूप में न्यूनतम 07 डिग्री सेल्सियस पर लुढ़क गया. वहीं, गुरुवार को भी शहर का पारा अधिकतम 17 डिग्री और न्यूनतम 9 डिग्री पर रहा. मौसम विज्ञानियों की मानें तो इस प्रकार का मौसम अभी इस महीने और नये साल के जनवरी महीने तक अपना असर दिखायेगा और लोगों को ठंड से अभी निजात नहीं मिलने वाली है. क्या कहते हैं लोग– अनिल कुमार, गन्ना जूस विक्रेता – भईया कही अलाव जलावल नईखे गईल. अलाव जलत त हई कूड़ा काहे जला के तपती जा. ऐ बार अबही तक प्रशासन की तरफ से कउनो इंतजाम नईखे. प्रहलाद राम, सगड़ी चालक – नगरपालिका का अलाव कही नही जल रहा है. इधर उधर से कूड़ा, टायर जुटाकर शरीर गर्म करना पड़ रहा है. भगवान जायसवाल, गल्ला व्यवसायी – नगर प्रशासन कही अलाव नही जलायी है. हमलोग अपने खर्च पर आग जला रहे हैं. प्रशासन को इतनी ठंड में जगह जगह अलाव जलवाना चाहिए था. = शहर में जलवाया जा रहा अलाव शहर में अलाव नहीं जलाये जाने के संबंध में नप के कार्यपालक पदाधिकारी संजय उपाध्याय ने बताया कि नगर पर्षद की ओर से सदर अस्पताल सहित अन्य जगहों पर अलाव जलाने की व्यवस्था की गयी है. आज से एकता चौक आदि स्थानों पर भी अलाव जलवाने की व्यवस्था करने का निर्देश कर संग्राहक राम नवमी सिंह को दिया गया है.

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