14 किमी की रफ्तार से चल रही पछुआ हवाओं से बढ़ने लगी ठंड

पिछले तीन-चार दिनों से चल रही बर्फीली पश्चिमी हवाओं से ठंड व कनकनी बढ़ने लगी है. गुरुवार को तो सुबह से 14 किलोमीटर की रफ्तार से शुरू हुई सर्द पछुआ हवा ने लोगों को दुबकने पर मजबूर कर दिया.

By Prabhat Khabar News Desk | December 12, 2024 9:02 PM

भभुआ सदर. इस साल के अंत आते-आते अंतत: ठंड में बढ़ोतरी शुरू हो गयी है. पिछले तीन-चार दिनों से चल रही बर्फीली पश्चिमी हवाओं से ठंड व कनकनी बढ़ने लगी है. गुरुवार को तो सुबह से 14 किलोमीटर की रफ्तार से शुरू हुई सर्द पछुआ हवा ने लोगों को दुबकने पर मजबूर कर दिया. बर्फीली तेज हवाओं से तापमान ने काफी गोता लगाया, जिसके चलते जिले का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री पर आते हुए गुरुवार इस सीजन का सबसे ठंडा दिन रहा. इसके चलते दिन भर मौसम में ठंडक काफी बढ़ी रही और खुशगवार चल रहे मौसम ने अचानक करवट बदल लिया. मौसम के मिजाज में आये बदलाव से तापमान 13 से खिसककर 10 डिग्री से नीचे चला गया. बुधवार की शाम से चली तेज पछुआ हवा ने गुरुवार की सुबह शीतलहर में भारी इजाफा कर दिया. इसका प्रभाव लोगों की दिनचर्या पर भी पड़ा. बल्कि, इसके कारण लोग देर सुबह तक रजाई में दुबके रहे. वहीं, सुबह-शाम में चौक-चौराहों पर लोगों को अलाव तापते भी देखा गया. इधर ठंड बढ़ने से मॉर्निंग वाक पर निकलने वाले लोगों की संख्या में कमी आयी है. मौसम विशेषज्ञों के अनुसार पहाड़ों पर हो रही भारी बर्फबारी के साथ पश्चिमी विक्षोभ के असर से पछुआ हवाएं तेजी पकड़ रही है, जिससे आनेवाले दिनों में इसके चलते ठंड और बढ़ेगी. सांख्यिकी विभाग से मौसम के संबंध में मिले आकड़ों के अनुसार गुरुवार को शहर में 10 डिग्री न्यूनतम पारा रहा, जबकि अधिकतम तापमान भी 24 डिग्री सेल्सियस पर आ गया. न्यूनतम तापमान 10 डिग्री और इससे नीचे आने के चलते गुरुवार इस सीजन के सबसे ठंडा दिन रहा. = ठंड के मौसम में सावधानी की जरूरत सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ विनोद कुमार के अनुसार, ठंड आने के साथ ही कई बीमारियों को भी साथ लेकर आती है. लोगों को ऐसी मौसमी बीमारियों से काफी सावधान रहने की जरूरत है, नहीं तो यह जानलेवा भी साबित हो सकती है. खासकर बच्चों व बुजुर्ग की सेहत पर अभी प्रतिकूल असर पड़ सकता है और अधिक उम्र के लोगों में हार्ट अटैक व श्वांस संबंधित बीमारी बढ़ सकती है. जबकि, रक्तचाप वाले मरीजों में लकवा के अटैक का खतरा बना रहता है. वहीं, मासूमों में निमोनिया सहित कई जानलेवा बीमारी पनपने की संभावना बढ़ जाती है और इसलिए ऐसे हालत से निबटने के लिए खास सावधानी की जरूरत है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version