मोहनिया सदर. रविवार को नगर पंचायत के वार्ड 16 अंवारी स्थिति एक निजी मकान में संचालित जन आस्था इंडिया निधि लिमिटेड कार्यालय पहुंच बड़ी संख्या में महिला व पुरुषों ने कार्यालय को घेर लिया. हालांकि, उक्त संस्था का संचालक ग्रामीणों के पहुंचने से पहले ही ताला बंद कर फरार हो चुका था. मामला यह था कि कई गांव की सैकड़ों महिलाओं से रोजगार के लिए रुपये देने के नाम पर संतोष कुमार ठाकुर नामक व्यक्ति लाखों रुपये की ठगी कर भाग निकला. ग्रामीणों का कहना था कि पिछले कुछ दिनों से संतोष कुमार ठाकुर व अमरनाथ नाम का व्यक्ति हम लोगों के गांव में जाकर यह कहता था कि हम जन आस्था इंडिया निधि लिमिटेड संस्थान से आये हैं, आप लोग हमारे समूह से जुड़िये और रोजगार के लिए 40 से 70000 रुपये आप लोगों को दिया जायेगा. इसके लिए आप लोगों को शुरु में कुछ रुपये हमारे अलग-अलग पे फोन नंबर पर व नकद भुगतान करना होगा, जिनको रोजगार के लिए 70000 रुपये का ऋण चाहिए, उनको प्रति व्यक्ति 3200 रुपये व जिन लोगों को 50000 रुपये चाहिए उनको 2800 रुपये प्रति व्यक्ति व जिसको 40000 रुपये चाहिए उन्हें 2400 रुपये प्रति व्यक्ति हमको देना होगा. इस तरह उसने ग्रामीणों से कहा कि आप लोग राशि का भुगतान कर दें और शनिवार को शाम 4 से 5 बजे के बीच आप लोगों के खाते में ऋण की राशि पहुंच जायेगी, जिसकी निकासी कर आप आसानी से कोई भी रोजगार कर सकते हैं और उस राशि का भुगतान छोटे-छोटे किस्तों में आपको कंपनी को करना होगा. लेकिन, किसको पता था कि वह रोजगार का सपना दिखाकर गांव की भोलीभाली महिलाओं के साथ ठगी कर सबके रुपये लेकर फरार हो जायेगा. शनिवार की शाम जब महिलाओं के बैंक खाते में रुपये नहीं पहुंचे, तो महिलाओं ने उसके मोबाइल नंबर पर संपर्क करना शुरू किया तो उसका मोबाइल स्विच ऑफ बताने लगा. इसके बाद लोगों को आशंका हुई तो रविवार की सुबह बड़ी संख्या में महिला व पुरुष ठग द्वारा बताये गये उसके कार्यालय पहुंचे, तो वहां पता चला कि कार्यालय में ताला बंद है, वह व्यक्ति कहीं चला गया है. ठगी के शिकार हुए लोग मायूस होकर उसके खिलाफ लिखित शिकायत करने के लिए थाना की तरफ चल पड़े. जानकारी के अनुसार, 84 महिलाओं से 2,63,200 रुपये ठगी कर ले भागे और न जाने कितने ठगी के शिकार हुए. # अक्सर गांव की महिलाएं होती हैं ठगी का शिकार खासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली वैसी महिलाएं व पुरुष जो साक्षर या अशिक्षित हैं, ऐसे जालसाजों की जाल में आसानी से फंस जाते हैं. इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि यह धोखाधड़ी करने वाले लोग रुपये का इतना बड़ा सपना दिखा देते हैं कि महिलाओं को लगता है कि आसानी से उन्हें रुपये मिल जायेगा और वह उससे एक बड़ा रोजगार खड़ा कर अपनी आर्थिक स्थिति को चंद समय में सुदृढ़ कर लेंगे. लेकिन बाद में पता चलता है कि उनकी मेहनत की कमाई भी आसानी से ठग लेकर चले गये. # क्या कहते हैं पीड़ित – बरैथा की रहने वाली पीड़ित इंदु देवी ने बताया कि जन आस्था इंडिया निधि लिमिटेड का कर्मी बता संतोष कुमार ठाकुर नाम का व्यक्ति हमारे गांव पहुंचा व लोगों से कहने लगा कि रोजगार करने के लिए आप लोगों को 70-70 हजार रुपये आपके खाते में शनिवार शाम पांच बजे तक भेज दिया जायेगा, इसके लिए आप सभी लोगों को 3200 रुपये प्रति व्यक्ति देना होगा. हम लोगों ने समझा कि समूह के माध्यम से पैसा मिलेगा और हम लोग उससे रोजगार करेंगे, लेकिन हम लोगों को क्या मालूम था किया फाइनेंसर नहीं बल्कि एक ठग है. वह हमारे गांव की 16 महिलाओं से 51200 रुपये ठगी कर फरार हो गया है. – तुर्कवलिया गांव की रहने वाली प्रभावती देवी ने बताया कि संतोष कुमार ठाकुर नाम का व्यक्ति हमारा नाम पूछते हुए गांव में सीधे मेरे ही पास पहुंच, उसने मुझसे मेरा नाम पूछा कि आप ही प्रभावती हैं जब मैं हां कहा, तो उसने कहा कि हम जन आस्था इंडिया निधि लिमिटेड की तरफ से आये हैं. समूह बनाकर महिलाओं के उत्थान के लिए उनको रुपये देने का कार्य हमारी संस्था करती है. महिलाओं को 40 से 70000 रुपये बिजनेस के लिए हमारी संस्था देती है जिसका भुगतान वह किस्त के रूप में थोड़ा-थोड़ा कर कंपनी को करेंगे. इसके लिए आप महिलाओं को इकट्ठा करिये उसके कहने पर हमने 10 महिलाओं को इकट्ठा किया और वह प्रत्येक महिला से 2800 रुपये लेकर बोला कि शनिवार की शाम आप लोगों के खाते में रुपये चले जायेंगे. लेकिन शनिवार शाम 4 बजे से ही उसका मोबाइल बंद बताने लगा. अगले दिन जब हम लोग उसके द्वारा बताये गये कार्यालय पर पहुंचे, तो वहां ताला लगा हुआ था और वह कहीं भाग चुका था. मेरे गांव से 10 महिलाओं से 28000 रुपये लेकर फरार हो गया है. – केशवपुर के रहने वाले विपिन कुमार ने बताया कि संतोष कुमार ठाकुर नाम का व्यक्ति हमारे गांव पहुंच हम लोगों से संपर्क किया और कहा कि आप लोग हमारे पे फोन नंबर पर 3200-3200 रुपये भेज दीजिये, हम शनिवार की शाम 5 बजे तक रोजगार के लिए प्रति व्यक्ति के खाते में 70000 रुपये भेज देंगे. हम 11 लोगों ने उस पर विश्वास कर 35200 उसके अलग- अलग पे फोन नंबर पर भेज दिया, इसके बाद वह रुपये लेकर भाग निकला. – भरखर गांव के गुड्डू राम ने बताया कि 70000 रुपये किस्त पर देने के नाम पर जन आस्था इंडिया निधि लिमिटेड का कर्मचारी संतोष कुमार ठाकुर हमारे गांव से 36 लोगों से 11,5200 ठगी कर भाग गया है. उसने प्रत्येक व्यक्ति से 3200 लिया था और कहा कि 70000 रुपये रोजगार करने के लिए आप लोगों के खाते में शनिवार को भेज दिया जायेगा, जिसका भुगतान आप लोग छोटे-छोटे किस्त में हर महीने करेंगे. लेकिन, किसको पता था कि वह हम लोगों के साथ धोखाधड़ी करेगा और हम लोगों के मेहनत की कमाई लेकर भाग जायेगा, वह न जाने कितने लोगों को अपने धोखाधड़ी का निशान बनाया है – केशवपुर गांव के रहने वाले बलवंत यादव ने बताया कि हमारे गांव के नौ लोगों से प्रति व्यक्ति 3200 यानी 28800 और दो लोगों से 2400 की दर से 4800 रुपये लेकर जन आस्था इंडिया निधि लिमिटेड का कर्मी फरार हो गया है उसने हम लोगों से कहा था कि जो व्यक्ति 3200 रुपये देगा, उसके खाते में 70000 और जो लोग 2800 रुपये देंगे उनके खाते में 50000 रोजगार के लिए दिया जायेगा. इससे आप लोग रोजगार कर अपने को सबल बना सकते हैं उसने यह भी कहा था कि शनिवार की शाम तक आप सभी लोगों के खाते में रुपये पहुंच जायेगा, लेकिन जब शाम में रुपये खाते में नहीं गये, तो उसके मोबाइल पर संपर्क करने की कोशिश की तो उसका मोबाइल स्विच ऑफ बताने लगा. इसके बाद हम लोग उसके कार्यालय पहुंचे, जहां ताला बंद कर वह पहले ही भाग निकला था. बोले प्रभारी थानाध्यक्ष पीड़ित ग्रामीणों का कहना था कि वह सुबह से ही थाना पहुंच गये थे, ताकि उनकी फरियाद को सुनी जाये और धोखाधड़ी करने वालों पर प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जाये. लेकिन प्रभारी थानाध्यक्ष चंदन कुमार ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि थाने पर कोई भी पीड़ित व्यक्ति इस तरह के मामले को लेकर आया ही नहीं है. जबकि, लोगों की समझ से यह परे हो गया कि पुलिस ठगी करने वालों को आखिर क्यों बचना चाह रही है. पीड़ितों का कहना है कि लिखित आवेदन तैयार कर थाना को दे रहे थे, तो पुलिस ने उनका आवेदन लेने से यह कहते हुए लेने से इनकार कर दिया कि क्या हमसे पूछ कर तुम लोगों ने उसे रुपये दिये थे. इससे मायूस होकर पीड़ित अपने घर को लौट गये. # बोले एसडीपीओ इस संबंध में जब एसडीपीओ दिलीप कुमार से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यदि थाना द्वारा उन लोगों का आवेदन नहीं लिया गया, तो उन लोगों को हमारे पास आना चाहिए. यदि हम नहीं सुनते तो एसपी साहब के पास भी जा सकते हैं. लेकिन, उनको कम से कम वरीय पदाधिकारी से मिलना तो चाहिए. यदि वे इस मामले में हमको आवेदन देते हैं तो निश्चित रूप से जांच कर कार्रवाई की जायेगी.
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