खतरे के निशान से ऊपर कमला बलान, सड़क पर बह रहा चार फीट पानी, फसल बर्बाद

लगातार हो रही बारिश से कमला बलान नदी का जलस्तर फिर उफान पर है. गुरुवार को समाचार लिखे जाने तक नदी खतरे के निशान से ऊपर 50.70 सेमी पर बह रही थी. फ्लड कंट्रोल के मुताबिक खतरे का निशान 50.50 पर ही माना गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 25, 2020 12:06 AM

तारडीह. लगातार हो रही बारिश से कमला बलान नदी का जलस्तर फिर उफान पर है. गुरुवार को समाचार लिखे जाने तक नदी खतरे के निशान से ऊपर 50.70 सेमी पर बह रही थी. फ्लड कंट्रोल के मुताबिक खतरे का निशान 50.50 पर ही माना गया है. फिलहाल इस निशान को जलस्तर पार कर गया है. फ्लड कंट्रोल डिविजन-दो के जेइ रंजीत कुमार ने कहा कि अभी बाढ़ की आशंका नहीं है. नेपाल में बारिश नहीं के बराबर हो रही है.

दूसरी ओर घनश्यामपुर में कमला नदी के जलस्तर में दो दिनों से वृद्धि जारी है. इससे दोनों तटबंध के बीच बसे बाउर, कनकी मुसहरी, कुमरौल, नवटोलिया, कामत टोल रसियारी, मानसारा समेत दर्जनों गांव बाढ़ के पानी से घिर गये हैं. लोगों के आवागमन का मुख्य साधन नाव रह गया है. मुख्य सड़क पर लगभग चार फीट पानी बह रहा है. साथ ही दोनों तटबंध के बीच में लहलहाती धान की फसल बर्बाद हो गयी है. इसे लेकर किसानों में मायूसी छा गयी है. जेइ अश्विनी कुमार ने बताया कि फिलहाल झंझारपुर में जलस्तर 50.75 पर है. जलस्तर में शुक्रवार तक वृद्धि की संभावना है. जयनगर में पानी का दबाव बढ़ रहा है, जिसके कारण इस क्षेत्र में 70 से 75 प्वाइंट पर पानी का दबाव बढ़ सकता है. फिलहाल कहीं से रिसाव नहीं हो रहा है. स्थिति सामान्य है.

इधर, गौड़ाबौराम में दो दिनों की बारिश से कमला बलान नदी के जलस्तर में फिर स े काफी वृद्धि हो गयी है. इससे बौराम पंचायत के मुसहरी टोल, गोड़ामानसिंह पंचायत के रही टोल, चतरा सहित दोनों तटबंध के बीच बसे दर्जनों गांव एक बार फिर से बाढ़ की चपेट में आ गये हैं. मालूम हो कि तटबंध के पश्चिमी भाग में बसे अधिकांश पंचायत के दर्जनों गांव जलजमाव की समस्या से पहले से ही जूझ रहे हैं.

बगरासी पंचायत के मुखिया ब्रजनंदन मुखिया ने बताया कि पुनाछ, कोठराम, हांसोपुर व तेनुआ गांव के निचले हिस्से में कई महीने से बाढ़ व बरसात का पानी जमा है. पानी के सड़ जाने के कारण अब इससे दुर्गंध उठ रहा है. इधर अचानक जलस्तर में वृद्धि ने सभी को सकते में ला दिया है. लोगों को डर है कि अब यदि बाढ़ का पानी फैला तो इस इलाके में गेहूं व मक्के की फसल भी नहीं हो पायेगी. किसान अब बारिश होने व बदलों से आसमान के घिरे रहने से परेशान होने लगे हैं.

posted by ashish jha

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