कामधेनु पूजा के रूप में गौ पूजन करना श्रेष्ठ रहेगा. जैसे देवों में विष्णु, सरोवरों में समुद्र, नदियों में गंगा, पर्वतों में हिमालय, भक्तों में नारद, पुरियों में कैलाश, क्षेत्रों में केदार श्रेष्ठ है वैसे ही गायों में कामधेनु श्रेष्ठ है. कामधेनु की उत्तपत्ति समुद्र मंथन से हुई थी. मंथन से देवकार्यों की सिद्धि के लिए साक्षात सुरभि कामधेनु प्रकट हुईं. काम का अर्थ है कामना यानि इच्छा व धेनु का अर्थ है पूर्ण करना, इसलिए कामधेनु का अर्थ है इच्छा को पूर्ण करने वाली. कामधेनु के रूप में गौ पूजन से सर्व पापों से मुक्ति मिलती है, सभी इच्छाएं पूरी होती हैं, सर्व बाधा का निवारण होता है.
कामधेनु पूजा की शास्त्रों में है विशेष महत्व, कोई घोर पाप हो तो इस दिन के गौ पूजन से हो जाएगा प्रायश्चित
कामधेनु पूजा से सर्व पापों से मुक्ति मिलती है, सभी इच्छाएं पूरी होती हैं, सर्व बाधा का निवारण होता है. पूर्वमुखी होकर विधिवत गौ पूजन करें. गाय के घी में हल्दी मिलाकर दीप करें, सुगंधित धूप करें. केसर से तिलक करें. गेंदे के फूल चढ़ाएं, बेसन से बने मिष्ठान का भोग लगाएं. इससे लाभ मिलेगा.
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