विनय, मुजफ्फरपुर
बेल्जियम के म्यूजियम और सेक्रेड आर्ट गैलरी में मुजफ्फरपुर की कंचन प्रकाश की 11 पेटिंग लगेगी. उनकी नरसिंहदेव और दशावतार की पेटिंग म्यूजियम के लिए सेलेक्ट की गयी थी, जिसे कंचन ने भेज दिया है. पिछले दिनों पेटिंग के लिए म्यूजियम के निदेशक मार्टिन गर्विच ने दिल्ली में उनसे मिलकर पेटिंग मांगी थी. साथ ही उन्हें 2025 में बेल्जियम के म्यूजियम में आयोजित सोलो शो के लिए भी आमंत्रित किया था. कंचन प्रकाश की दो पेटिंग पहले भी बेल्जियम के इस म्यूजियम में लग चुकी है. बज्जिकांचल पेटिंग के लिए ऑल इंडिया फाइन आर्ट्स एंड क्राफ्टस सोसायटी 10 मार्च को इन्हें अवार्ड देगा. दुनिया के सर्वाधिक ऊंची मूर्ति स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण करने वाले पद्मभूषण राम वी सुतार कंचन को सम्मान-पत्र प्रदान करेंगे. कंचन पिछले 29 वर्षों से अपनी पेटिंग से बज्जिकांचल की लोक संस्कृति को जीवंत कर रही है. बज्जिका क्षेत्र के पर्व त्योहार, देवी-देवता और लोक आस्था से जुड़ी चीजों को पेटिंग के माध्यम से अभिव्यक्त करती हैं.
पेटिंग के माध्यम से मिलेगी बज्जिकांचल को पहचान
कंचन प्रकाश कहती हैं कि वे कई दशकों से पेटिंग के माध्यम से बज्जिकांचल को पहचान देने में लगी हैं. जिस तरह मिथिला पेटिंग की अपनी शैली है, उसी तरह बज्जिकांचल पेटिंग की भी शैली है. दिल्ली में रह कर वह अपने क्षेत्र की कला को समृद्ध करने में लगी हैं. कंचन कहती हैं कि बीएचयू से बीएफ के बाद निफ्ट से एमए किया. इसके बाद पूरी तरह पेटिंग के लिए समर्पित हो गयी.
कंचन की पेटिंग में प्रकृति और पवित्र आत्मा का मेल
मूर्तिकार पद्मश्री राम वी सुतार बताते हैं कि कंचन प्रकाश बज्जिकांचल पेटिंग को नये स्टाइल में प्रस्तुत कर रही हैें. अपने पेटिंग स्टाइल के कारण इन्हें कई अवार्ड भी मिल चुके हैं. इनकी पेटिंग में प्रकृति और पवित्र आत्मा का मेल रहता है तो देवी-देवताओं की कई कहानियां भी दिखती हैं. इनकी पेटिंग देश के विभिन्न प्रदर्शनी में शामिल हो चुकी हैं.