सुल्तानगंज टू देवघर: मां की मदद करने बढ़े कांवरिये के इंतजार में थी मौत, छाती पर ही रखा रह गया कांवर
सुल्तानगंज से देवघर के बीच कांवरिया पथ के पास एक बस की छत पर कांवर रख रहे कांवरिया की मौत हाई वोल्टेज करंट की चपेट में आकर हो गयी.
सुल्तानगंज से देवघर के रास्ते में एक कांवरिया की मौत हाई टेंशन तार की चपेट में आने से हो गयी. मृतक कांवरिया किशनगंज का रहने वाला है जिसकी पहचान बहादुरगंज थाना क्षेत्र के बनगामा गांव निवासी चंदल दास के 25 वर्षीय पुत्र भक्त दास के रूप में की गयी है. किशनगंज से कांवरियों का बड़ा जत्था बाबाधाम के लिए रवाना हुआ है जिसमें भक्त दास और उसकी मां भी थी. सभी लोग गंगाजल लेकर देवघर के लिए निकले लेकिन कुछ किलोमीटर के बाद ही काल का तांडव दिखा और भक्त दास की मौत करंट से जलकर हो गयी.
मां की मदद के लिए बस पर चढ़ा, काल कर रहा था इंतजार
असरगंज-शाहकुंड मुख्य पथ कच्ची कांवरिया मार्ग के पास खड़ी एक बस की छत पर चढ़े युवा कांवरिया भक्त दास की मौत करंट लगने से हो गयी. बस के ऊपर से गुजर रहे हाइटेंशन तार की चपेट में आने से मौके पर ही उसकी मौत हो गयी. युवक के शरीर में करंट इस कदर दौड़ा कि बस का चक्का भी पूरी तरह जल गया. भक्त दास अपनी उसी मां के सामने जल गया और दम तोड़ गया जिस मां की मदद के लिए वो बस पर चढ़ा था. उसकी मां पैदल चलने में लाचार हुई तो मां की कांवर को बस पर रखने के दौरान वो हाई टेंशन तार की संपर्क में आ गया. करंट की वजह से चंद सेंकेंड के अंदर उसने दम तोड़ दिया. बस की छत पर ही वो गिरा और कांवर उसकी छाती पर ही रखा रह गया.
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हादसे का शिकार कैसे बना युवा कांवरिया?
दरअसल, किशनगंज से 52 कांवरियों का जत्था सुलतानगंज पहुंचा था. सभी जल भरकर पैदल बाबाधाम देवघर रवाना हुए थे. भक्त दास और उसकी मां भी इस जत्थे में थी. एक टूरिस्ट बस बीडब्लू 37डी-3903 भी इस जत्थे के साथ-साथ चल रही थी. असरगंज-शाहकुंड मुख्य पथ कच्ची कांवरिया मार्ग के समीप रविवार को भक्त दास की मां ने अपने बेटे को कहा कि वो पैदल अब नहीं चल सकेगी. उसके कांवर को बस पर रख दे और उसे भी बस में बैठा दे. जिसके बाद भक्त दास अपनी मां का कांवर लेकर बस की छत पर चढ़ा और इस हादसे का शिकार बन गया.
मां भी दौड़कर जाने लगी, साथी कांवरियों ने रोककर रखा
इस हादसे के बाद हर तरफ कोहराम मच गया. पुलिस व अग्निशमन की टीम मौके पर पहुंची. शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया. वहीं अपने बेटे के साथ बाबानगरी जा रही मां अब रास्ते में ही अपने बेटे को खो चुकी है.गनीमत था कि बस पर मृतक के अलावे के कोई नहीं था. जब मां दौड़ कर जाने लगी तो जत्थे में शामिल लोगों ने उसे पकड़ लिया. वो दहाड़ पार-पार कर रो रही थी. वहीं इस हादसे के कई कारण हैं. जिसमें बस चालक की लापरवाही यह रही कि उसकी नजर ऊपर दौड़ रहे हाई टेंशन तार पर नहीं पड़ी. जबकि हजारों वाहनों और लाखों कांवरियों के चलने वाले मार्ग में विद्युत विभाग द्वारा लगाया गया हाइटेंशन लाइन इतना नीचे रहना प्रशासन की भी लापरवाही है.