कर्पूरी ठाकुर को मिलेगा भारत रत्न, जन्मशताब्दी पर सिक्का और डाक टिकट भी होगा जारी
केंद्र सरकार ने महान समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा की है. जन नायक कर्पूरी ठाकुर को यह सम्मान मरणोपरांत दिया जा रहा है. इसके अलावा उनकी जन्मशताब्दी पर 24 जनवरी को केंद्र सरकार सिक्का और नये स्वरूप का डाक टिकट जारी करेगी.
पटना. केंद्र सरकार ने महान समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर(Karpoori Thakur) को भारत रत्न देने की घोषणा की है. जन नायक कर्पूरी ठाकुर को यह सम्मान मरणोपरांत दिया जा रहा है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की मौत के 36 साल बाद देश का सर्वोच्च सम्मान देने का फैसला लिया गया है. 24 जनवरी को कर्पूरी जयंती है और उससे एक दिन पहले केंद्र सरकार ने ये एलान कर दिया है. इसके अलावा उनकी जन्मशताब्दी पर 24 जनवरी को केंद्र सरकार सिक्का और नये स्वरूप का डाक टिकट जारी करेगी. बिहार के नेता कई वर्षों से जन नायक को भारत रत्न देने की मांग करते रहे हैं.
कर्पूरी ठाकुर रह चुके हैं बिहार के दो बार मुख्यमंत्री
कर्पूरी ठाकुर स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता थे. वे दो दफे बिहार के मुख्यमंत्री रहेथे. लोकप्रियता के कारण उन्हें जन-नायक कहा जाता था. कर्पूरी ठाकुर का जन्म समस्तीपुर के पितौंझिया गांव में हुआ था.. नाई जाति से आने वाले कर्पूरी ठाकुर ने अपना सामाजिक जीवन देश के स्वतंत्रता संघर्ष से शुरू किया था. वे भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान 26 महीने जेल में रहे थे. समाजवादी विचारधारा के नेता कर्पूरी ठाकुर दो दफे बिहार के मुख्यमंत्री रहे. वे वह 22 दिसंबर 1970 से 2 जून 1971 तथा 24 जून 1977 से 21 अप्रैल 1979 तक बिहार के सीएम पद पर रहे.
पिछड़ों को आरक्षण देने के लिए किये जाते हैं याद
राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जन नायक कर्पूरी ठाकुर की तरह अति पिछड़ा समाज से आने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गरीबों के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं. सुशील मोदी ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर की सरकार ने ऊंची जाति के गरीबों और सभी वर्गों की महिलाओं के लिए बिहार में तीन-तीन प्रतिशत आरक्षण लागू किया था.
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कर्पूरी ठाकुर के पदचिह्नों पर चलते हैं मोदी
प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने कर्पूरी ठाकुर के पदचिह्नों पर चलते हुए ऊंची जाति के गरीबों को 10 फीसदी और सभी वर्गों की महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण पूरे देश में लागू कर दिया. उन्होंने कहा कि कर्पूरी ठाकुर की सरकार ने जब पिछड़े वर्ग के लिए 26 फीसदी आरक्षण लागू किया था, तब जनसंघ के वरिष्ठ नेता कैलाशपति मिश्र उनकी सरकार में वित्त मंत्री थे और आरक्षण नीति को उनका समर्थन था. श्री मोदी ने कहा कि भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय पहली बार कर्पूरी जन्मशती पर दिल्ली के विज्ञान भवन में विशेष कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है. इसे गृहमंत्री अमित शाह संबोधित करेंगे.
जननायक कर्पूरी ठाकुर का केवल इस्तेमाल हुआ
इधर, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रभाकर कुमार मिश्र ने कहा कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जननायक कर्पूरी ठाकुर का अपने राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. पूरा देश जानता है कि महागठबंधन में शामिल नेताओं ने कर्पूरी ठाकुर को अपमानित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
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अति पिछड़ों की हकमारी कर रहे नीतीश कुमार
मिश्र ने कहा कि लालू, नीतीश और कांग्रेस नेताओं ने हमेशा अति पिछड़ों की हकमारी की. लालू प्रसाद का वश चलता, तो कर्पूरी जी को मुख्यमंत्री बनने नहीं देते. नीतीश कुमार को अगर कर्पूरी जी को वास्तविक सम्मान देना होता, तो किसी अति पिछड़े को मुख्यमंत्री के पद पर बैठाते. लेकिन, उन्होंने अतिपिछड़ों के साथ हमेशा दोयम दर्जे का व्यवहार किया.