आरजेडी एमएलसी कार्तिकेय सिंह पर दर्ज अपहरण के मामले में दानापुर कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी है. ऐसे में अब उन्हें जेल जाना पड़ सकता है. मामला वर्ष 2014 का है. इसे लेकर महागठबंधन की सरकार में मंत्री पद पाने वाले कार्तिकेय सिंह को इस्तीफा देना पड़ा. उनके वकील जनार्दन राय दानापुर कोर्ट ने बताया कि पूर्व मंत्री पर आरोप है कि बिहटा में राजीव रंजन उर्फ राजू सिंह का अपहरण वर्ष 2014 में हुआ था. इसे लेकर बिहटा थाने में एफआईआर दर्ज है. इस मामले में कार्तिक कुमार के खिलाफ वारंट निकाला गया था. उन्होंने कहा कि मामले में पूर्व मंत्री की संलिप्तता नहीं है. उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है.
कार्तिकेय सिंह के वकील जनार्दन राय ने कहा कि हमलोग ताहते हैं कि न्याय मिले. अब हम हाईकोर्ट में करेंगे अपील. शाम चार बजे जज फैलसा सुना सकते हैं. गौरतलब है कि मामले में पूर्व मंत्री की जमानत याचिका खारिज हुई, तो उनके पास हाईकोर्ट में जाने का विकल्प खुला रहेगा. दानापुर कोर्ट में एडीजे-3 के समक्ष उनके वकील ही पहुंचे. अंदर सुनवाई हुई. अब फैसला आने का इंतजार है. बताया जा रहा है कि करीब एक घंटे तक कोर्ट में मामले में बहस चली है.
अपहरण के मामले में कार्तिकेय कुमार को 16 अगस्त को सरेंडर करना था. मगर 16 अगस्त को उन्होंने मंत्री पद की शपथ ले ली. महागठबंधन की सरकार में उन्हें कानून मंत्री बनाया गया. हालांकि मामले में कोर्ट से मंत्री को 12 अगस्त को एक सिंतबर तक के लिए राहत मिली थी. उनके गिरफ्तारी पर एक सितंबर तक गिरफ्तारी पर रोक लग गया था. इसके बाद अग्रिम जमानत याचिका दायर की गयी थी. मला सामने आने के बाद से बीजेपी हमलावर है. ऐसे में सरकार में पहले उनका मंत्रालय बदला गया फिर उन्होंने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया.