इस बार बिहार में नई नवेली दुल्हनें करवा चौथ का व्रत शुरू नहीं कर सकेंगी. ऐसा इसलिए कि इस बार ग्रह गोचर नई नवेली दुल्हनों के लिए इस व्रत को शुरू करने के लिए शुभ नहीं है. जो नई नवेली दुल्हनें पहली बार करवा चौथ का व्रत रखेंगी उनके लिए यह साल अशुभ रहेगा. इस साल करवा चौथ व्रत का शुभ फल उन्हें प्राप्त नहीं होगा. हिंदू धर्म में करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाएं करती है. यह व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष के चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है, जो यह त्योहार इस साल 13 अक्तूबर 2022 दिन गुरुवार को मनाया जाएगा. बिहार के पंडितों की राय में इस बार नई नवेली दुल्हनों के लिए इस व्रत का उद्यापन करने में कई ग्रहों का गोचर बाधक बन रहा है.
यही कारण है कि नई नवेली दुल्हन इस साल मायूस रहेंगी. इस बार इस व्रत पर शुक्र अस्त का प्रभाव ज्यादा रहेगा. इसलिए नई-नवेली दुल्हन इस साल व्रत की शुरुआत करने का अवसर से वंचित रहेगी. क्योंकि वैभव, प्रेम, सुंदरता, कामुकता तथा वैवाहिक सुख देने वाला शुक्र ग्रह 1 अक्टूबर से अस्त है, जो 20 नवंबर तक रहेंगे. शुक्र का अस्त होने से स्त्री तथा पुरुष में वैभव सुख, धन, सुंदरता और दांपत्य जीवन पर प्रभाव डालता है. राधा धाम के ज्योतिष शास्त्री के अनुसार जब शुक्र और गुरु अस्त हो जाते है, कोई भी शुभ कार्य करने से वंचित रखा जाता है. जैसे नए घर का पूजन, मुंडन, विवाह नए कार्य का प्रारंभ, व्रत का उद्यापन शुक्र और गुरु के अस्त रहने के दौरान शुभ कार्यों को नियमतः बंद कर दिया जाता है. इसलिए जो महिलाएं पहली बार इस व्रत को रखने की इच्छुक है. वह इस बार करवा चौथ व्रत को नहीं करें तो उत्तम रहेगा.
करवा चौथ का व्रत इस बार 13 अक्टूबर को मनाया जाएगा. इस त्योहार पर सभी सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर शाम को एक जगह एकत्रित होकर करवा चौथ व्रत की कथा सुनती हैं और रात को चांद के दीदार करते हुए उपवास तोड़ती हैं. हालांकि, इस बार शुक्र के अस्त होने के कारण सिर्फ वही सुहागिन व्रत कर सकती हैं, जो पहले से करवा चौथ का व्रत कर रही हैं. वही महिलाएं इस बार व्रत कर सकेंगी. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जो महिलाएं इस साल पहली बार करवा चौथ का व्रत करेंगी उन्हें शुभ की जगह अशुभ फल मिलेगा.
आचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु, एवं रत्न विशेषज्ञ
मो. 8080426594/9545290847