बिहार में आज महिलाएं रखेंगी करवा चौथ का व्रत,पटना सहित इन जिलों में चंद्रमा दर्शन के लिए जानें मौसम अपडेट
Karva Chauth - कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर सुहागिन महिलाएं करवा चौथ का व्रत रखती हैं. बिहार में इस बार अब तक मानसून सक्रिय है. इससे चंद्रमा के दर्शन करने में महिलाओं को परेशानी होगी.
पटना. बिहार में इन दिनों मानसून सक्रिय है. हर साल अब तक मानसून की वापसी हो जाती थी लेकिन इस बार देरी से जाने की संभावना है. इससे बिहार में कई परेशानियां बढ़ गई है. कई शहर में डेंगू तो कई शहर बाढ़ से परेशान है. वहीं, आज करवा चौथ है. इस त्योहार में महिलाएं रात में चांद देखती हैं. लेकिन आज आसमान में बादल रहने की संभावना है.
आज आसमान में छाए रहेगा बादल
बिहार में इस बार अब तक मानसून सक्रिय है. कई जिलों में तेज बारिश होने की संभावना अभी भी बनी हुई है. इससे आसमान में बादल छाए रहेगा. इनमें पटना भागलपुर, आरा, बेगूसराय, पूर्णिया, आरा सहित अन्य शहर शामिल है. इसके अलावा कई जिलों में वज्रपात की आंशका है. इससे साफ है कि करवा चौथ करने वाली महिलाओं को परेशानी हो सकती है. उन्हें चंद्रमा के दर्शन नहीं हो सकते हैं. इससे व्रती महिलाएं परेशान हो सकती हैं. चन्द्रमा दर्शन में देरी भी हो सकता है.
करवा चौथ का आज व्रत रखेंगी महिलाएं
वहीं, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर सुहागिन महिलाएं करवा चौथ का व्रत रखती हैं. इस दिन सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं. इस पर्व में सबसे खास बात ये होता है कि महिलाएं रात्रि में चंद्रमा के दर्शन कर अर्ध्य देती हैं. लेकिन इस बार अभी तक मानसून सक्रिय है, जिससे पटना, भागलपुर सहित कई जिलों में चंद्रमा के दर्शन की संभावना कम है.
पूरे अक्टूबर में मानसून सक्रिय
बता दें कि आइएमडी के मुताबिक 14 अक्तूबर तक बिहार में अभी बारिश होने की संभावना है. हालांकि आइएमडी का लंबी समयावधि का पूर्वानुमान बताता है कि बिहार में पूरे अक्टूबर महीने में बारिश होती रहेगी. वहीं, बिहार में मॉनसून लौटने की सक्रियता पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है. जानकारों के मुताबिक यह महीना मॉनसून के पारंपरिक ट्रेंड के विपरीत व्यवहार कर सकता है. फिलहाल बिहार में एक बार फिर मॉनसून नये सिरे से सक्रिय हुआ है. आइएमडी पटना के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी आशीष कुमार का कहना है कि मॉनसून अभी गया नहीं है. एक विशेष पट्टी में आसमान में असामान्य बदलाव हुए हैं. जिसकी वजह से थंडर स्टोर्म गतिविधि बढ़ी है.