कटिहार ट्रिपल मर्डर केस में HC के आदेश पर SCRB ने तैयार की सूची, गुंडा बैंक के संचालकों का नाम आया सामने
पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) के आदेश के बाद पूरे राज्य में गुंडा बैंक, सूदखोरों के खिलाफ जांच शुरू किया गया. इसी कड़ी में भागलपुर के भी चार दर्जन से अधिक लोगों की सूची मुख्यालय से भेजी गयी. सूची में जिन सफेदपोश व धनाढ्य का नाम हैं.
भागलपुर/कटिहार: राज्य में मौजूद गुंडा बैंकों, अवैध रूप से सूद पर पैसा लगाने वालों और काफी कम समय में अकूत संपत्ति बनाने वालों के विरुद्ध जांच चल रही है. भागलपुर में भी चार दर्जन से अधिक धनाढ्य का नाम इस सूची में है. बताया जाता है कि कटिहार जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र में वर्ष 2020 में हुए तिहरे हत्याकांड के बाद से ही पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गयी थी. तिहरे हत्याकांड मामले में गुंडा बैंक के संचालकों के दबाव देने के बाद एक व्यक्ति ने पहले अपने बेटे को जहर दे दिया और फिर अपनी पत्नी के साथ फंदे से लटक कर अपनी जान दे दी थी.
गुंडा बैंक संचालकों का नाम आया था सामने
बता दें कि उक्त घटना की जांच में गुंडा बैंक संचालकों का नाम सामने आया था. कुछ वर्षों तक केस चलने के बाद कांड में जिन गुंडा संचालक अभियुक्तों का नाम था उनमें से कई को जमानत मिल गयी. उक्त मामला प्रकाश में आने के बाद हाइकोर्ट ने मामले में संज्ञान लेते हुए पूरे मामले की जांच शुरू करा दी.
कई जिलों में चल रही है पुलिस की जांच
हाईकोर्ट के आदेश के बाद पूरे राज्य में गुंडा बैंक, सूदखोरों के खिलाफ जांच शुरू किया गया. इसी कड़ी में भागलपुर के भी चार दर्जन से अधिक लोगों की सूची मुख्यालय से भेजी गयी. सूची में जिन सफेदपोश व धनाढ्य का नाम हैं, वहां स्थानीय थाना को मामले की जांच का जिम्मा दिया गया. भागलपुर जिला के तीन थानों की पुलिस ने जांच रिपोर्ट वरीय पदाधिकारी को भेज दी है. शेष थाना में जांच चल रही है. पूरे मामले में मुख्यालय भी नजर रख रहा है. बताया जाता है कि जांच रिपोर्ट मिलने के बाद मुख्यालय के स्तर से आगे की कार्रवाई की जाएगी.
जांच से मचा है हड़कंप
सूची में कई ऐसे चेहरे भी हैं, जिन्होंने कम समय में काफी संपत्ति अर्जित की है. यही कारण था कि शनिवार को भी दिन भर इन नामों की चर्चा होती रही. लोग एक-दूसरे से जानकारी जुटाने में लगे रहे. बताते चलें कि मुफस्सिल थाना क्षेत्र में किराये में रहकर होटल चला रहे मनीष ठाकुर(42) ने गुंडा बैंक के लोगों के दबाव में आकर 24 फरवरी 2020 की रात साढ़े तीन वर्षीय पुत्र सम्राट को जहर खिला कर अपनी पत्नी मोना के साथ गले में फंदा डाल कर आत्महत्या कर ली थी. मनीष 1999 से ही व्यवसाय करते आ रहे थे. वह लक्ष्मी लता ट्रेडिंग के नाम 10 वर्षो तक पैप्सी सहित कई ब्रांडेड कंपनी का उसने बखूबी कार्य किया. कुछ वर्ष पूर्व उसने बिजनेश का ट्रेड बदल कर मोबाइल कंपनी का कार्य आरंभ किया. उसने पहली दुकान गर्ल्स स्कूल रोड तथा दूसरी दुकान मिरचाई बाड़ी सैमसंग शो रूम खोला.
गुंडा बैंक से लाखों रुपये का लिया था कर्ज
व्यवसाय में मनीश ठाकुर की सिर्फ यह गलती रही कि उसने गुंडा बैंक से लाखों रुपये कर्ज में लिया. वह धीरे-धीरे पूरे कर्ज में डूब गया. सूदखोरों का कड़ा तगादा एवं ब्याज दर के कारण मनीष इस दलदल में पूरी तरह से फंस गये. सूदखोर आए दिन घर पर आकर उससे रुपये की मांग करते व उसके साथ तथा परिजनों से अभद्रता के साथ पेश आते. कई बार सूदखोरो ने उसके साथ मारपीट व पत्नी से अभद्रता भी की थी. गुंडा बैंक की धमकियों से उसे तथा उसकी पत्नी को प्रताड़ित व जलील होना पड़ता था. वह जिंदगी से लड़ते लड़ते थक गया था. अंतत: उन्होंने एक नोट बुक लिख कर अपने साढ़े तीन वर्षीय पुत्र को खाने में जहर खिला दोनों पति-पत्नी ने गले में फंदा डालकर आत्महत्या कर ली थी.