जूट की रेशे को चमकीला बनाने के लिए 100 एससी किसानों को सिखाया जायेगा गुर
12 अगस्त को आईसीएआर-निफेट् के निदेशक के नेतृत्व में कोलकाता से आयेंगे वैज्ञानिक
कटिहार. जिले में जूट की पैदावार का दायरा बढ़ाने को लेकर कृषि विभाग द्वारा कई तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. खासकर एससी किसानों को जूट से संबंधित खेती, जूट रेटिंग पर प्रशिक्षण दिया जायेगा. इससे पूर्व करीब एक पखवारा जहां 40 एससी किसानों को जूट हैंडीक्राफ्ट सामान, जूट से डोरमेट, योगा चटाई, राखी, तरह-तरह के खिलौने बनाने के गुर कोलकाता के दो मास्टर ट्रेनरों द्वारा सिखाया गया. इस बार 100 एससी किसानों को जूट रेटिंग पर प्रशिक्षण दिये जाने की तैयारी कृषि विभाग द्वारा की जा रही है. इसके लिए 12 अगस्त को समय निर्धारित किया गया है. आईसीआर निन्फेट के निदेशक डॉ दिनेश बाबू साक्यवर के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की टीम कटिहार आयेंगी. कृषि विभाग द्वारा इसकी तैयारी जोर शोर से की जा रही है. जिला कृषि पदाधिकारी राजेन्द्र कुमार वर्मा के हवाले से आत्मा के उपपरियोजना निदेशक एसके झा ने बताया कि 12 अगस्त को एक दिवसीय प्रशिक्षण में केवल एक सौ एससी किसान भाग लेंगे. एससी किसानों की उपस्थिति को लेकर अभी से ही उनलोगों के प्रमाण पत्रों को जमा लिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि मिट्टी में जूट को सड़ाने के कारण रेशे का रंग मैटमैला हो जाता है. जूट के रेशे अधिक चमकीला कैसे हो इस पर विशेष रूप से प्रशिक्षण दिया जायेगा. जूट की रेशे का क्वालीटी बेहतर कैसे हो इसको लेकर किसानों को लैब टू लैंड अर्थात खेल से प्रयोगशाला, प्रयोगशाला से खेत तकनीक से भी अवगत कराया जायेगा. जूट के रेशे को अधिक चमकीला हो इसको लेकर किसानों को अब केवल तालाब, नदी, नहर के सहारे नहीं रहना पड़ेगा. नयी तकनीक से बताया जायेगा कि पानी में तिरपाल बिछाकर पानी भरने, जूट की कटिंग के बाद एक सौ का वैंडल बनाकर एक जगह जमा करने के बाद उसमें निन्फेटस पाउडर के डालने से जूट के रेशा को चमकीला बनाया जा सकेगा. इसके अलावा जूट से होने वाले लाभों से भी अवगत कराया जायेगा.
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