किसी भाषा पर ना हो राजनीति

कटिहारः एक दूसरे को जोड़ने में भाषा महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है. इससे व्यक्ति विकसित महसूस करता है. भाषा को किसी संप्रदाय से जोड़ा नहीं जा सकता है. भाषा पर राजनीति होने से देश टूट जायेगा. उक्त बातें शनिवार को प्रो अजय पटनायक ने एक राष्ट्रीय संगोष्ठी में कही. डीएस कॉलेज में जोशी अधिकारी इंस्टीच्यूट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 30, 2014 2:54 AM

कटिहारः एक दूसरे को जोड़ने में भाषा महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है. इससे व्यक्ति विकसित महसूस करता है. भाषा को किसी संप्रदाय से जोड़ा नहीं जा सकता है. भाषा पर राजनीति होने से देश टूट जायेगा.

उक्त बातें शनिवार को प्रो अजय पटनायक ने एक राष्ट्रीय संगोष्ठी में कही. डीएस कॉलेज में जोशी अधिकारी इंस्टीच्यूट ऑफ सोशल स्टडीज दिल्ली द्वारा राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. संगोष्ठी का विषय सामाजिक संदर्भ में बिहार की लोक भाषाओं पर उर्दू का प्रभाव था. इस दौरान उन्होंने श्री पटनायक ने कहा कि उर्दू मीठी जुबान है. भोजपुरी, मैथिली, अंगिका आदि भाषाओं पर उर्दू का काफी प्रभाव है. संगोष्ठी का उदघाटन भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आरएन मिश्र ने किया. कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि एक मां जन्म देती है और एक मां भाषा है, जो संस्कार और प्रगति का मार्ग प्रशस्त करती है. प्रत्येक भाषा की संस्कृति होती है. बातचीत और समझने का माध्यम भाषा ही है.

उन्होंने भाषा को सरल बनाने की आवश्यकता जतायी. कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य डॉ पवन कुमार झा ने की. श्री झा ने कहा कि उर्दू भाषा नहीं बल्कि संस्कृति है. सभी भाषाओं पर इसका प्रभाव दिखता है. इसके प्रचार-प्रसार के लिए इस प्रकार के संगोष्ठी सहायक सिद्ध होगी. डॉ एनआर खान जलाली ने जुबान और बोली में अंतर स्पष्ट करते हुए बताया कि मैथिली, भोजपुरी, बंगाली आदि ने जुबान का दर्जा हासिल कर लिया है. वक्ताओं ने उर्दू के सांस्कृतिक ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि भाषाएं आम लोगों की आपसी मेल से व्यवहार से विकसित होती है और लोगों के बीच पुल का काम करती है. जरूरत है इस पुल को मजबूत करने की. संचालन उर्दू विभागाध्यक्ष डॉ अनवर ईरज तथा धन्यवाद ज्ञापन जेएनयू दिल्ली से आए प्रो एसएन मालाकार ने किया.

इस अवसर पर अवकाश प्राप्त प्राचार्य डॉ एसएन कर्ण, दिल्ली के विनित तिवारी, राहिला प्रवीण, आफताब अहमद, मो सनाउल्लाह, मो शीश तमई, अब्दुल रहीम, डीएस कॉलेज शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ सुमन कुमार झा, सचिव डॉ विनोद कुमार ओझा, इग्नू के समन्वयक डॉ जगदीश चंद्रा, डॉ भवेश प्रसाद यादव, परीक्षा नियंत्रक डॉ एसएन मंडल, डॉ विलास कुमार झा, डॉ मिहिर कुमार ठाकुर, डॉ वीणा रानी, डॉ संजीव कुमार सिंह, केबीझा कॉलेज के डॉ सुरेंद्र झा, डॉ अनुग्रह झा, प्रो दिलीप जागेश्वर, प्रदीप कुमार, डॉ हीरालाल साह, अशोक कुमार सिंह, ब्रजेंद्र महतो, विकास कुमार सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.

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