जागृत देवी के नाम से प्रसिद्ध है बारसोई का दुर्गा मंदिर

सभी धर्म के लोग मांगते हैं मन्नत, होती है सभी मनोकामना पूरी एक सौ पांच वर्ष पुराना है इसका इतिहास बारसोई : बारसोई जंक्शन के समीप स्थित श्रीश्री दुर्गा मंदिर जागृत देवी के नाम से प्रसिद्ध है. ऐसी मान्यता है कि यहां मन्नत मांगने वाले सभी श्रद्धालुओं की मनोकामना अवश्य पूरी होती है. इसलिए दूर-दूर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 28, 2017 4:33 AM

सभी धर्म के लोग मांगते हैं मन्नत, होती है सभी मनोकामना पूरी

एक सौ पांच वर्ष पुराना है इसका इतिहास
बारसोई : बारसोई जंक्शन के समीप स्थित श्रीश्री दुर्गा मंदिर जागृत देवी के नाम से प्रसिद्ध है. ऐसी मान्यता है कि यहां मन्नत मांगने वाले सभी श्रद्धालुओं की मनोकामना अवश्य पूरी होती है. इसलिए दूर-दूर से सभी धर्मों के लोग यहां मन्नत मांगने को पहुंचते हैं. इस मंदिर का इतिहास 105 वर्ष पुराना है. उस समय आसपास के 50 किलोमीटर तक दुर्गा पूजा नहीं होती थी, जिसे देखते हुए यहां के जमींदार योगेश चंद्र बोस के द्वारा सन 1912 में दुर्गा पूजा की शुरुआत की गयी.
उस दिन से आज तक यहां दुर्गा पूजा हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस अवसर पर मेला भी लगता है. बुजुर्ग समाजसेवी शंकर प्रसाद साह ने बताया कि दुर्गा पूजा में रेलवे के अधिकारी एवं कर्मियों का भी योगदान रहता है. बहुत पहले प्रतिमा विसर्जन के दिन रेलवे की ओर से रेल इंजन एवं मालगाड़ी का खुला डिब्बा दिया जाता था, जिसमें माता की प्रतिमा को बैठा कर 60 किलोमीटर दूर राधिकापुर से आगे पार्वतीपुर स्टेशन जो अभी बांग्लादेश में है. तक श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ प्रतिमा को भ्रमण कराया जाता था.
तत्पश्चात बारसोई स्थित महानंदा नदी में प्रतिमा का विसर्जन किया जाता था. उस समय से लेकर आज तक माता के इस स्थान की प्रसिद्धि काफी बढ़ी है. दशमी के दिन बड़ा मेला लगता है तथा काफी संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं. पूजा संचालन में मुख्य रुप से पूजा कमेटी के अध्यक्ष विप्लव बोस, सचिव गौतम शर्मा, कोषाध्यक्ष मुकुल साह, सोनू यादव, रामधनी साह, रामकिशन पासवान, बैजनाथ व स्थानीय लोग मुख्य भूमिका निभाते हैं.

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