सैकड़ों की संख्या में लोग नदी-तालाब से लूट ले जाते हैं मछलियां

फोटो 20 मछली लूटते लोग कटिहार : जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों मछली पालकों एवं मखाना खेती करने वाले किसानों के बीच दहशत का माहौल है. सिरूवा पर्व में नदी जगाने के नाम पर सरकारी एवं निजी तालाबों में घुसकर लाखों की मछली लूट ले जाते हैं. जानकारी के मुताबिक 14 अप्रैल को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 13, 2018 6:54 AM

फोटो 20 मछली लूटते लोग

कटिहार : जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों मछली पालकों एवं मखाना खेती करने वाले किसानों के बीच दहशत का माहौल है. सिरूवा पर्व में नदी जगाने के नाम पर सरकारी एवं निजी तालाबों में घुसकर लाखों की मछली लूट ले जाते हैं. जानकारी के मुताबिक 14 अप्रैल को सिरूवा पर्व है. जिले के डंडखोरा, प्राणपुर, मनिहारी आदि के प्रखंडों में बड़ी संख्या में लोग सिरूवा पर्व के पूर्व नदी जगाने के नाम जबरदस्ती सरकारी व निजी तालाबों में घुस कर मछली का शिकार कर लेते हैं. इस बीच स्थानीय पुलिस एवं प्रशासन मूकदर्शक बनी रहती है. नदी जगाने के नाम पर अवैध रूप से सामूहिक रूप से मछली का शिकार करने की यह परंपरा पिछले कई वर्षों से चली आ रही है.
बताया जाता है कि मछली लूट एक दो दिन में शुरू हो जायेगी. ऐसे में मछली पालकों में दहशत है. इस बीच जलकर लेने वाले पट्टेदार डीएम, जिला मत्स्य पदाधिकारी सहित अन्य अधिकारियों से मछलियों को लूट से बचाने की गुहार लगा रहे हैं. हांलाकि पिछले वर्ष भी सामूहिक रूप से मछली लूट बड़े पैमाने पर हुई थी. मछली पालकों द्वारा जानकारी देने के बाद भी किसी तरह की प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी. मछली पालकों एवं मखाना की खेती करने वालों की मानें, तो 200 से 500 की संख्या में लोग आते हैं और जबरन नदी-तालाब में घुसकर मछली का शिकार करते हैं. इससे लाखों करोड़ों का नुकसान हो जाता है.
उल्लेखनीय है कि जिले के विभिन्न प्रखंडों में मत्स्यजीवी सहयोग समिति के द्वारा सरकारी नदी- तालाब में मछली- मखाना की खेती की जाती है. विभाग द्वारा राजस्व के आधार पर समिति को सरकारी नदी तालाब की बंदोबस्ती की जाती है. उस तालाब में समिति सदस्य मछली पालन एवं मखाना लगाते हैं. सिरूवा पर्व पर नदी जगाने के नाम पर तालाब एवं नदियों से मछली लूट ली जाती है. तालाब का बीमा नहीं होने की वजह से नुकसान उठाना पड़ता है. यह बात जिला मत्स्य पदाधिकारी के संज्ञान में भी है, लेकिन अब तक किसी तरह की कार्रवाई प्रशासनिक स्तर से नहीं होने पर मछली पालकों व मखाना की खेती करने वालों के बीच दहशत है, जबकि मछली लूटने वालों का मनोबल बढ़ा हुआ है.
कहते हैं जिला मत्स्य पदाधिकारी
जिला मत्स्य पदाधिकारी मनोज कुमार पांडे ने बताया कि नदी जगाने के नाम पर मछली लूट की बात सामने आती रही है. इस बार भी सौरिया के चंदन कुमार ने एक आवेदन दिया है. मत्स्यजीवी सहयोग समिति के मंत्री से बात कर अद्यतन स्थिति की जानकारी ली जायेगी तथा जिला पदाधिकारी को इससे अवगत कराया जायेगा.
प्रशासन जानते हुए भी बना रहता है मूकदर्शक
ऐसे लग सकती है लूट पर लगाम
केस स्टडी-एक
प्राणपुर प्रखंड रोशना ओपी क्षेत्र अंतर्गत के एक मखाना कृषक ने बताया कि वह 97.75 एकड़ जलकर में मखाना की खेती करते हैं. पर्व के नाम पर सामूहिक रूप से करीब 2000 लोग मछली मारने के लिए उनके जलकर में घुस जाते हैं. इससे मखाने के पौधा नष्ट हो जाते हैं. लाखों का नुकसान हर साल उठाना पड़ रहा है. अब तक प्रशासन की तरफ से इसकी रोकथाम के लिए कोई पहल नहीं हुई है.
केस स्टडी-दो
डंडखोरा थाना क्षेत्र के एक मछली पालक ने बताया कि बड़ी संख्या में लोग नदी में घुसकर मछली का शिकार कर लेते हैं. इसी तरह हर साल लाखों का नुकसान उठाना पड़ता है. दूसरी तरफ इसी थाना क्षेत्र के सौरिया में अभी हाल ही में हैचरी ने काम करना शुरू किया है. विभाग ने लोक निजी भागीदारी के तहत इस हैचरी को चलाने के लिए दिया है. संचालक चंदन मंडल की मानें तो उन्हें भी लूट का डर सता रहा है. उन्होंने मामले से डीएम सहित अन्य अधिकारियों को अवगत करा दिया है.
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