कोर्ट में पेशी के लिए आया था कुख्यात अपराधी, हथकड़ी के साथ कर गया खेल और…
कटिहार : न्यायालय परिसर में शुक्रवार को पुलिस की सुरक्षा को धता बताते हुए कुख्यात अपराधी छोटू पोद्दार न्यायालय से पेशी के बाद हाजत ले जाने के क्रम में हथकड़ी खोल कर फरार हो गया. न्यायालय परिसर में पुलिस की बड़ी संख्या में मौजूदगी रहने के बावजूद अपराधी के फरार हो जाने से पुलिस महकमे […]
कटिहार : न्यायालय परिसर में शुक्रवार को पुलिस की सुरक्षा को धता बताते हुए कुख्यात अपराधी छोटू पोद्दार न्यायालय से पेशी के बाद हाजत ले जाने के क्रम में हथकड़ी खोल कर फरार हो गया. न्यायालय परिसर में पुलिस की बड़ी संख्या में मौजूदगी रहने के बावजूद अपराधी के फरार हो जाने से पुलिस महकमे पर एक बार फिर प्रश्नचिह्न लगा दिया है. कैदी के फरार होने की सूचना के तुरंत बाद न्यायालय परिसर पुलिस छावनी में तब्दील हो गया. नगर थानाध्यक्ष दल बल के साथ न्यायालय परिसर में काफी देर तक छानबीन करते रहे. छोटू पोद्दार को दस कोर्ट भवन स्थित न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी धर्मेंद्र सिंह की अदालत में कटिहार मुफस्सिल थाना कांड संख्या 9/2014 में पेशी के लिए लाया जाना था. दरअसल छोटू पोद्दार के हाथ से हथकड़ी खोलकर फरार हो जाने की घटना भले ही एक सामान्य घटना माना जा रहा हो. लेकिन यह घटना कई ऐसे प्रश्नों को जन्म दे दिया गया है कि पुलिस महकमा कहीं ना कहीं स्वयं प्रश्नचिन्ह के घेरे में आ चुके हैं. एक मात्र वैसे वृद्ध हवलदार के जिम्मे छह नौजवान किस्म के अभियुक्तों को हाजत से न्यायालय परिसर लाना और पुनः उसे हाजत पहुंचाने का जिम्मा दिया जाना कहीं न कहीं पुलिस प्रशासन को शक के घेरे में ला दिया है. हवलदार इस माह सेवानिवृत्त होने वाले थे.
हवलदार जय प्रकाश झा के अनुसार उन्हें छह अभियुक्तों को दस कोर्ट भवन स्थित न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी स्वाति सिंह की अदालत में पांच अभियुक्तों मो शकील, अजय सिंह, प्रमोद यादव, अनिल मेहता, विक्की डोम उर्फ विजय हाडी तथा छोटू पोद्दार को धर्मेंद्र सिंह न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी की अदालत में पेश किया जाना था. हवलदार जयप्रकाश झा सभी अभियुक्तों के हाथ में हथकड़ी लगा कर पेशगी के पश्चात वापस दस कोर्ट बिल्डिंग के पिछले भाग में बने छोटे से दरवाजे होकर पुनः सभी अभियुक्तों को हाजत ले जा रहे थे. जैसे ही सभी अभियुक्त छोटे से बने गेट के समीप पहुंचे तो छोटू पोद्दार सबसे आगे गेट से निकला और अपने हाथ में लगे हथकड़ी को निकाल लिया और मुख्य द्वार की ओर भागने लगा. निकालने की घटना पर अन्य कैदियों के हल्ला करने पर हवलदार जयप्रकाश झा कुछ दूर तक उसका पीछा भी किया, लेकिन वह फरार हो गया.
छह कैदियों को हाजत से न्यायालय परिसर ले जाना और उसे पेशगी के पश्चात वापस लाना एक वृद्ध हवलदार के जिम्मे सपने की बात कहीं न कहीं पुलिस प्रशासन के लिए विफलता का परिचायक है. सामान्य रूप से जब इतनी बड़ी संख्या में कैदी को न्यायालय में हाजत से ले जाने के क्रम में उसे सशस्त्र पुलिस की समुचित व्यवस्था की जाती है. आखिर एक वृद्ध हवलदार के बदौलत किस स्थिति में पेशगी के लिए भेजा गया. यह किसी के गले नहीं उतर रहा है. हवलदार का मुख्य मार्ग से नहीं जाना और पिछले दरवाजे से ले जाना भी कहीं ना कहीं शक पैदा करता है.
यह भी पढ़ें-
शातिर महिला ने दिया झांसा, कहा- PM वाला 15 लाख खाते में आने वाला है, उसके बाद ठग लिए लाखों और हो गयी…