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कटिहार : 4 लाख के लिए 4 महीने से अस्‍पताल में बंधक है परिवार, फीस नहीं चुकायी तो किडनी बेचने की मिल रही है धमकी

फलका (कटिहार) : फलका प्रखंड के रंगाकोल गांव के एक परिवार को नेपाल के निजी अस्पताल गोल्डन हॉस्पिटल के प्रबंधक ने अस्पताल की बकाया फीस जमा नहीं करने पर चार माह से बंधक बना रखा है. मरीज संतोष यादव की पत्नी रेणु देवी एवं उनके भाई कुनकुन यादव व बड़ी बेटी मिलन कुमारी जब चार […]

फलका (कटिहार) : फलका प्रखंड के रंगाकोल गांव के एक परिवार को नेपाल के निजी अस्पताल गोल्डन हॉस्पिटल के प्रबंधक ने अस्पताल की बकाया फीस जमा नहीं करने पर चार माह से बंधक बना रखा है.

मरीज संतोष यादव की पत्नी रेणु देवी एवं उनके भाई कुनकुन यादव व बड़ी बेटी मिलन कुमारी जब चार माह के बाद किसी तरह भाग कर 24 जुलाई को जब घर पहुंची तो प्रभात खबर के इस प्रतिनिधि को अपने ऊपर हुए जुल्म को सुनाया तो रोंगटे खड़े हो गये. उन्होंने बताया कि इलाज के एवज में आठ लाख देने के बावजूद अस्पताल प्रबंधक संतोष मेहता और चार लाख रुपये फीस मांगने लगा. साथ ही अस्पताल में मौजूद मेडिकल वाले ने पांच लाख की डिमांड की. पहले ही जमीन, जायदाद, घर गिरवी रखकर आठ लाख रुपये की व्यवस्था कर अस्पताल को जमा कर दिया गया था.

मेरे पास फूटी कौड़ी नहीं बची है. उक्त राशि नहीं देने पर अस्पताल प्रबंधक ने मुझे मेरी सास कमला देवी, देवर कुनकुन यादव, बेटी मिलन कुमारी सुहानी को एक रूम में बंद कर बंधक बना लिया. कई दिनों तक हम लोग भूखे-प्यासे रहे. अस्पताल प्रबंधन के द्वारा कभी खाना दिया जाता था, तो कभी भूखे भी सोना पड़ता था. उधर, मरीज की भी तबीयत ज्यों-की-त्यों बनी हुई थी. पैसे के लिए हम लोगों के साथ काफी अत्याचार किया गया. हमलोगों के साथ मारपीट भी करते थे.

अस्पताल वालों के सामने पूरा परिवार रोकर दया की भीख मांगता रहा, परंतु उन लोगों का अत्याचार बंद नहीं होता था. उन लोगों का कहना था अगर तुम लोग बकाया पैसा नहीं दोगे तो तुम्हारी किडनी और आंख निकाल कर बेच देंगे. इस बात से हम लोग काफी दहशत में आ गये और अस्पताल के एक कर्मचारी की मदद से किसी तरह मैं और मेरे देवर, मेरी बेटी भाग कर घर पहुंच गयी. अब भी मेरी बेटी, सास, मेरे बीमार पति अस्पताल में बंधक बने हुए हैं.

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुक्त कराने की गुहार

मरीज संतोष यादव के पिता योगेंद्र यादव ने बताया कि हमलोग गरीब और मजदूर आदमी हैं. मेरा बेटा कटिहार में बस पर खलासी का काम करता था. इसी बीच चार माह पूर्व मनिहारी मोड़ पेट्रोल पंप के समीप अज्ञात लोगों ने उसे मार-मार कर अधमरा कर फेंक दिया था.

पहले उसका इलाज सदर अस्पताल में कराया गया. वहां से भी रेफर कर दिया गया. फिर हमलोग मरीज को नेपाल के एक निजी अस्पताल लेकर चले गये. इधर, बंधक से मुक्त हुई मरीज की बड़ी बेटी मिलन कुमारी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज व जिलाधिकारी से परिजनों को अस्पताल प्रबंधन से मुक्त कराने की गुहार लगायी है.

इधर, जिलाधिकारी पूनम ने इस संदर्भ में कहा कि फलका के किसी व्यक्ति के नेपाल के अस्पताल में बंधक बनाये जाने की सूचना उन्हें नहीं है. अगर इस तरह की कोई सूचना उनके पास आती है, तो स्थानीय स्तर से उसकी जांच करायी जायेगी तथा पूरी रिपोर्ट सरकार को भेजी जायेगी. सरकार के दिशा निर्देश के आलोक में इस दिशा में पहल की जायेगी.

फोन कर लगातार दी जा रही धमकी

नेपाल के निजी अस्पताल में बंधक मरीज व उसके परिजनों को छुड़ाने के एवज में अस्पताल प्रबंधक की ओर से लगातार फोन कर धमकी जा रही है. पीड़ित परिजनों ने बताया कि नेपाल से 77980431797 एवं 919661271379 से लगातार फोन कर कहा जाता है कि राशि जल्द पहुंचाओ. राशि शीघ्र नहीं देने की स्थिति में परिणाम बुरा होने की धमकी दी जा रही है, जिससे पूरे परिवार में दहशत का माहौल है.

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