बिना पढ़े ही अर्द्धवार्षिक मूल्यांकन परीक्षा में सम्मिलित होंगे जिले भर के छात्र व छात्राएं
कटिहार : बगैर पाठ्य पुस्तक पढ़े मूल्यांकन में शामिल होंगे छात्र-छात्राएंइस बार भी पिछले कुछ वर्षों की तरह बगैर पढ़े ही छात्र-छात्राएं अर्धवार्षिक मूल्यांकन में सम्मिलित होंगे. स्थानीय शिक्षा विभाग के कार्यालय के सूत्रों की माने तो करीब 30 प्रतिशत छात्र छात्राओं को ही चालू शैक्षणिक सत्र में पाठ्य पुस्तक उपलब्ध हो सका है. पिछले […]
कटिहार : बगैर पाठ्य पुस्तक पढ़े मूल्यांकन में शामिल होंगे छात्र-छात्राएंइस बार भी पिछले कुछ वर्षों की तरह बगैर पढ़े ही छात्र-छात्राएं अर्धवार्षिक मूल्यांकन में सम्मिलित होंगे. स्थानीय शिक्षा विभाग के कार्यालय के सूत्रों की माने तो करीब 30 प्रतिशत छात्र छात्राओं को ही चालू शैक्षणिक सत्र में पाठ्य पुस्तक उपलब्ध हो सका है. पिछले कुछ वर्षों से बच्चों को मिलने वाली पाठ्यपुस्तक को लेकर राज्य सरकार के नीतियों पर सवाल उठाते रहे बिहार बाल आवाज मंच के प्रांतीय समन्वयक राजीव रंजन की माने तो सरकार इस मामले में गंभीर नहीं है. जब सभी बच्चे का बैंक खाता ही नहीं है तो फिर कैश ट्रांसफर की नीति क्यों अपनाई गयी. दरअसल सरकार की इच्छा है कि गरीब और मजदूर वर्ग के बच्चे को गुणवत्ता शिक्षा ही नहीं मिले.
उल्लेखनीय है कि इस शैक्षणिक सत्र में सरकार ने एक नये फैसले के तहत छात्र छात्राओं को पाठ्यपुस्तक के बदले नगद राशि बैंक के माध्यम से देने की प्रक्रिया शुरू की है. पाठ्यपुस्तक के बदले कैश ट्रांसफर का उद्देश्य यही है कि छात्र-छात्राएं खुले बाजार से पाठ्यपुस्तक खरीदेंगे. पर अब तक अधिकांश छात्र छात्राओं के बैंक खाते में राशि ट्रांसफर नहीं हुआ है. दूसरी तरफ जिला मुख्यालय में भी सभी विषयों का पाठ्य पुस्तक उपलब्ध नहीं हो सका है. ऐसे में सरकार के निर्णय पर भी सवाल उठ रहा है.
खगड़िया प्रभात
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