कटिहार : दसे को आमंत्रण दे रहे विद्युत तार

कटिहार : करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद बिजली तारों के मकड़जाल से अब तक शहरवासियों को निजात नहीं मिली है. शहर में एक वर्ष पूर्व करोड़ों की लागत से केबुल तार लगाया गया, ताकि शहर वासियों को मकड़जाल जैसे तार से निजात मिल जाये और तार टूटने के कारण से जो बिजली आपूर्ति बाधित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 28, 2019 6:04 AM
कटिहार : करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद बिजली तारों के मकड़जाल से अब तक शहरवासियों को निजात नहीं मिली है. शहर में एक वर्ष पूर्व करोड़ों की लागत से केबुल तार लगाया गया, ताकि शहर वासियों को मकड़जाल जैसे तार से निजात मिल जाये और तार टूटने के कारण से जो बिजली आपूर्ति बाधित होती है उससे भी छुटकारा मिले, लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं.
हर पोल पर मकड़जाल जैसे तार देख कर स्थिति का साफ अंदाजा लगाया जा सकता है. आलम यह है कि तार टूटने से बिजली का गुल होना अब भी बरकरार है. शहर में जगह-जगह तारों का मकड़जाल लोगों के सिर पर मंडराती मौत से कम नहीं है.
रोजाना जर्जर तार टूटने से घंटों बिजली आपूर्ति भी बाधित हो जाती है. सबसे व्यस्तम सड़क एमजी रोड, पानी टंकी चौक, शिव मंदिर चौक आदि सड़कों के ऊपर झूल रहे जर्जर तार की हालत काफी भयावह है. हमेशा डर बना रहता है कि कब तार टूट कर कितने लोगों को अपने आगोश में ले लेगा. हमेशा लोग डर के साये में रहते है.
जर्जर तार अब भी टूटते हैं, आपूर्ति होती है बाधित
एमजी रोड के स्थानीय दुकानदार भुवन अग्रवाल, शंभू पोद्दार, महेश डोकानिया, रमेश भगत, संजय डालमिया आदि ने बताया कि पोल पर लगे तारों की स्थिति काफी जर्जर हो चुकी है. हालांकि एजेंसी द्वारा तार लगाने के समय यह भरोसा दिलाया गया था कि सारे जर्जर तार को बदलकर नये तार लगाये जायेंगे.
पोल पर तार के मकड़जाल से छुटकारा मिलेगा. दुकान में लाइन सप्लाई के लिए डायरेक्ट बॉक्स में तार जोड़े जायेंगे. जिससे तारो का झुंड देखने नहीं मिलेगा. लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं. सिर्फ मेन तार को ही चेंज किया गया.
पोल पर बॉक्स तो लगाये गये लेकिन वह भी सफल होता नजर नहीं आ रहा है. बार-बार बॉक्स में आग लगने की घटना घटती रहती है. मकड़जाल जैसे तार से पता नहीं चल पाता है की कौन सा तार किस दुकान के लिए बिजली सप्लाइ दे रहा है.
इस कारण किसी की बिजली यदि खराब होती है तो घंटों उसे अपने तार को ढूंढने में ही लग जाते हैं. दुकानदारों ने बताया कि इतने रुपये खर्च करने के बाद भी आमजनों की समस्या अब भी बरकरार है. जर्जर तार अब भी टूटते हैं और घंटों बिजली आपूर्ति बाधित कर दी जाती है.

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