बैंक का अधिकारी बता पे स्लीप ऑनलाइन करने की बात कह खाते की डिटेल मांग ली
कटिहार : विवार को शिखा चटर्जी के मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉल आया. कॉल करने वाले ने अपने आपको रेलवे डीआरएम बिल्डिंग में एकाउंट अधिकारी बताकर उनके सैलरी एकाउंट पे स्लिप ऑनलाइन करने की बात कह कर उसके एकाउंट डिटेल ले लिया. बाद में उनका पर्सनल नंबर और एटीएम कार्ड नंबर ले लिया. […]
कटिहार : विवार को शिखा चटर्जी के मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉल आया. कॉल करने वाले ने अपने आपको रेलवे डीआरएम बिल्डिंग में एकाउंट अधिकारी बताकर उनके सैलरी एकाउंट पे स्लिप ऑनलाइन करने की बात कह कर उसके एकाउंट डिटेल ले लिया. बाद में उनका पर्सनल नंबर और एटीएम कार्ड नंबर ले लिया. इसके पश्चात पीड़ित रेलकर्मी से उसका ओटीपी नंबर भी मांगा गया. पीड़ित महिला उसके झांसे में आकर सारी जानकारी उसके साथ शेयर किया. जिसके बाद उसके एकाउंट्स से धीरे-धीरे दस लाख रुपये की निकासी कर ली गयी.
जब सोमवार को महिला बैंक पहुंची ओर बैंक एकाउंट डिटेल लिया तो देखा कि उसके एकाउंट से 47 बार में कुल 10,71,701 रुपये की निकासी की गयी. साइबर अपराधियों ने पच्चीस हजार करके उसके खाता से निकासी किया. घटना की जानकारी मिलते ही पीड़ित रेलकर्मी के पति व पुत्र थाना पहुंचे. इस बाबत स्थानीय थाना में लिखित आवेदन दिया है. फिलहाल पीडित महिला अभी तक सदमे में है.
डीएम व एसपी काे भी साइबर अपराधियों ने नहीं बख्शा
बीते वर्ष पूर्व की बात है कटिहार के तत्कालीन डीएम विरेंद्र यादव को अपना निशाना बनाया था. उसके हस्ताक्षर का स्केन कर सरकारी खाते से निकासी की गयी थी. जबकि तत्कालीन एसपी सिद्धार्थ मोहन जैन को भी साइबर अपराधियों ने फोन कर उससे बैंक एकाउंट व एटीएम का डिटेल मांगा था.
अब सवाल यह उठता है कि जब डीएम व एसपी को ही साइबर अपराधी अपना शिकार बनाने से नहीं चुकते हैं तो फिर आम इंसान की क्या बात है. इनसे बचने का सिर्फ एक तरीका है सावधानी बरते. किसी भी अनजान व्यक्ति को अपना बैंक एकाउंट सहित अन्य किसी प्रकार की जानकारी नहीं दें.
डीएम व एसपी काे भी साइबर अपराधियों ने नहीं बख्शा
बीते वर्ष पूर्व की बात है कटिहार के तत्कालीन डीएम विरेंद्र यादव को अपना निशाना बनाया था. उसके हस्ताक्षर का स्केन कर सरकारी खाते से निकासी की गयी थी. जबकि तत्कालीन एसपी सिद्धार्थ मोहन जैन को भी साइबर अपराधियों ने फोन कर उससे बैंक एकाउंट व एटीएम का डिटेल मांगा था.
अब सवाल यह उठता है कि जब डीएम व एसपी को ही साइबर अपराधी अपना शिकार बनाने से नहीं चुकते हैं तो फिर आम इंसान की क्या बात है. इनसे बचने का सिर्फ एक तरीका है सावधानी बरते. किसी भी अनजान व्यक्ति को अपना बैंक एकाउंट सहित अन्य किसी प्रकार की जानकारी नहीं दें.
कहते हैं एसडीपीओ
एसडीपीओ ने बताया कि लोगों को बार-बार जागरूक करने के बाद भी न जाने लोगों से कैसे चुक हो जाती है. पुलिस भी उक्त मामले में लोगों को जागरूक करने का काम करती है कि किसी भी अनजान व्यक्ति को फोन पर अपना खाता नंबर या फिर एटीएम नंबर नहीं दें. बावजूद लोग ऐसी गलती कर देते हैं. जिससे उनकी गाढ़ी कमायी की लूट हो जाती है. एसडीपीओ श्री कुमार ने बताया कि महिला रेल कर्मी के खाते से अवैध रूप से निकासी को लेकर पुलिस मामले की जांच में जुट गयी है.