वर्मा कमेटी की सिफारिशों को लागू करने की मांग

कटिहार : देशभर में बढ़ रही दुष्कर्म की घटनाओं के खिलाफ आइसा नेता अविनाश कुमार के नेतृत्व में शहर के बाटा चौक से शहीद चौक तक छात्र-युवा प्रतिवाद मार्च निकाल कर दुष्कर्म के खिलाफ कड़े कानून बनाने व जस्टिस वर्मा कमेटी की सिफारिशों को लागू करने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया. जनसमूह को संबोधित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 4, 2019 9:20 AM

कटिहार : देशभर में बढ़ रही दुष्कर्म की घटनाओं के खिलाफ आइसा नेता अविनाश कुमार के नेतृत्व में शहर के बाटा चौक से शहीद चौक तक छात्र-युवा प्रतिवाद मार्च निकाल कर दुष्कर्म के खिलाफ कड़े कानून बनाने व जस्टिस वर्मा कमेटी की सिफारिशों को लागू करने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया.

जनसमूह को संबोधित करते हुए आइसा के जिला अध्यक्ष सह राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मिथिलेश कुमार ने कहा कि विगत 28 नवंबर को हैदराबाद में कार्यरत 27 वर्षीय पशु चिकित्सक के साथ सामूहिक दुष्कर्म के बाद उसे जिंदा जला कर मार डालने की दिल दहला देने वाली घटना ने एक बार फिर 2012 के दिल्ली गैंगरेप की याद दिला दी. हाल ही का एक और उदाहरण झारखंड की राजधानी रांची के वीआइपी इलाके का है. जहां राज्य के डीजीपी व हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहते हैं. उसी इलाके में नया पुलिस लाइन है और कुछ ही किलोमीटर पर मुख्यमंत्री का आवास है.
रांची के एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में कानून की पढ़ाई करने वाली आदिवासी छात्रा को पिस्तौल की नोक पर अपराधियों ने शाम के साढ़े पांच बजे उठा लिया और 12 लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया. अगले सुबह बदहवास हालात में पीड़िता ने मुकदमा दर्ज कराया. वर्ष 2012 में दुष्कर्म की संस्कृति पर रोक लगाने की देशव्यापी मांग उठी थी. लेकिन बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली भाजपा सरकार में तो खुलकर दुष्कर्मियों का पक्ष लिया जाता रहा है. जिसका नतीजा है कि विगत छह महीने में देश में 24212 दुष्कर्म व यौन हिंसा के मामले दर्ज हुए है. हर दिन दुष्कर्म व यौन हिंसा के 132 मामले हो रहे हैं.
ये सरकारी आंकड़े हैं. जाहिर है कि इसकी वास्तविक संख्या कहीं अधिक है. आइसा राज्य कमेटी सदस्य अविनाश कुमार ने कहा कि बढ़ रहे दुष्कर्म की स्थिति से तंग आकर लड़कियां एक बार फिर सड़कों पर निकल रही हैं और कह रही हैं कि यह देश महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित जगह बन गयी है. यौन हिंसा की बेतहाशा बढ़ती घटनाएं इस सवाल को एक बार फिर मजबूती से उठा रही है कि जस्टिस वर्मा की रिपोर्ट व सुझावों को अविलंब लागू किया जाए.
दुष्कर्मियों का स्पीडी ट्रायल करके अविलंब सजा निर्धारित की जाए. हैदराबाद दुष्कर्म हत्याकांड मामले के सांप्रदायीकरण की हर कोशिशों के खिलाफ उनके लिए न्याय की मांग उठ रही है. इन तम्माम मुद्दों को लेकर इस अवसर पर आइसा के सदस्य शमसेर अली, वसीम अख्तर, आसिफ, रेजाउल, अनिकेत, रोहित, दीपक,महबूब, मुन्ना मुंडा, जहांगीर, रिंकू, रविंदर आदि शामिल थे.

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