अब तक 57 हजार लीटर शराब बरामद, 11 हजार आरोपी गिरफ्तार, 4398 मामले दर्ज
नीरज, कटिहार : जिले में पूर्ण शराब बंदी के बाद भी देशी विदेशी शराब की बिक्री हो रही है. हालांकि जिले में पूर्ण शराब बंदी को लेकर जिला पुलिस, उत्पाद पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है. बावजूद जिले में पूर्ण शराब बंदी कहना बेइमानी साबित होगी. लोगों कहना है कि कहीं न कहीं पूर्ण शराब […]
नीरज, कटिहार : जिले में पूर्ण शराब बंदी के बाद भी देशी विदेशी शराब की बिक्री हो रही है. हालांकि जिले में पूर्ण शराब बंदी को लेकर जिला पुलिस, उत्पाद पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है. बावजूद जिले में पूर्ण शराब बंदी कहना बेइमानी साबित होगी. लोगों कहना है कि कहीं न कहीं पूर्ण शराब बंदी की घोषणा पर विभागीय अधिकारी ग्रहण लगाने का काम कर रहे हैं. जिले की बात की जाये तो पूरे जिले में उत्पाद विभाग, जिला पुलिस व रेल पुलिस ने अबतक तकरीबन 57 हजार लीटर देशी-विदेशी शराब जब्त की है तथा 11 हजार लोगों को गिरफ्तार किया है.
लोगों का कहना है कि आखिर लगातार उत्पाद, जिला पुलिस जिले के छापेमारी करने के बावजूद जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में शराब का कारोबार कैसे फल-फूल रहा है. पटना मुख्यालय के निर्देश पर पड़ोसी राज्यों के सभी मुख्य मार्ग पर सघन चेकिंग अभियान चलाया जाता रहा है. रेल पुलिस एवं उत्पाद पुलिस रेलवे व ट्रेनों में सघन चेकिंग चलाती रहती है फिर भी शराब आती कहां से है. यह बात सोचनीय है.
जिले के कई ऐसे शहरी व ग्रामीण क्षेत्र हैं, जहां खुलेआम घर में या फिर खेत खलिहान या फिर सुनसान जगहों पर शराब परोसा जा रहा है. स्थानीय लोगों की मानें तो इसकी सूचना संबंधित थाने के पुलिस पदाधिकारी को रहती है. बावजूद वहां पुलिस छापेमारी नहीं करती है. लोगों का मानना है कि जिले में वैसे कुछ एक पुलिस पदाधिकारी पूर्ण शराब बंदी की घोषणा को ग्रहण लगा रहे हैं.
तीन वर्षों में 18880 स्थलों पर हुई छापेमारी : 16 अप्रैल 2016 से लेकर 24 नवंबर 2019 तक उत्पाद विभाग ने जिले में अबतक कुल 18880 स्थलों पर छापेमारी की. जिसमें कुल 4398 अभियोग दर्ज कर 3830 लोगों की गिरफ्तार किया गया. जिनमें 555 अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज तथा मामले में 95 फरार है.
उत्पाद कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार शराब बंदी के बाद की गयी छापेमारी में कुल 5694.75 लीटर चुलाई शराब, 30667 किलोग्राम जावा महुआ, 2809.63 लीटर देशी शराब, 5556.80 लीटर विदेशी शराब, बीयर 510 लीटर, ताड़ी 2304 लीटर जब्त किया है. इसके अलावा जिले में जिला पुलिस बल एवं रेल पुलिस ने अलग-अलग छापेमारी कर देशी व विदेशी शराब बरामद कर आरोपितों को जेल भेजा है.
गत वर्ष की बात की जाये तो एक अप्रैल 2019 से 24 नंवबर तक उत्पाद टीम ने जिले के विभिन्न थाना क्षेत्र एवं ट्रेनों में कुल 3361 छापेमारी की है. जिसमें 446 अभियोग दर्ज कर कुल 345 लोगों को जेल भेजा गया. इसके अलावा 153 अज्ञात लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी. जिसमें छह लोग फरार है.
उत्पाद विभाग की ओर से की गयी छापेमारी में एक बोलेरो, एक स्कूटी, एक ऑटो रिक्शा जब्त किया गया है. उत्पाद विभाग की ओर से की गयी छापेमारी में कुल 1281 लीटर चुलाई शराब, 5750 किलो अवैध जावा महुआ जब्त किया है. उत्पाद विभाग ने गत वर्ष एक अप्रैल से 24 नवंबर तक कुल 726 लीटर देशी शराब, 1808 लीटर विदेशी शराब, बीयर 237 लीटर, ताड़ी 662 लीटर जब्त किया है.
29 हजार लीटर शराब जब्त, 7500 लोगों गिरफ्तार : राज्य सरकार के निर्देश पर जिला पुलिस ने भी जिले में व्यापक तौर पर शराब कारोबारियों के विरुद्ध छापेमारी की. जिस क्रम में कटिहार पुलिस ने तरकीबन 7500 लोगों को शराब पीने एवं शराब तस्करी के आरोप में गिरफ्तार कर तकरीबन 29000 लीटर शराब बरामद किये है.
साथ ही शराब तस्करी के उपयोग में ली जाने वाली वाहनों की निलामी की है. एक अप्रैल 2016 से फरवरी माह 2018 तक जिला पुलिस ने कुल छापेमारी 5040, गिरफ्तार 3600, बरामद देशी शराब 12853 लीटर, विदेशी शराब 5814 लीटर बरामद की है. रेलवे ने ग्यारह हजार लीटर विदेशी शराब, चार हजार लीटर देशी शराब कुल छापेमारी छह सौ तथा 450 लोगों को गिरफ्तार किया है.
विभागीय अधिकारी पर उठ रहे हैं सवाल : जिले में शराब बिक्री थमने का नाम नहीं ले रही है. हर एक चौक-चौराहों पर शराब की बिक्री हो रही है. घर में भी सप्लाई जारी है. लोगों की मानें तो विभागीय अधिकारी ही पूर्ण शराब बंदी की घोषणा पर ग्रहण लगा रहे हैं. लोग अिधकारी पर सवाल उठा रहे हैं.
नहीं रुक रहा है शराब कारोबार, पुलिस के लिए चुनौती से कम नहीं
कुरसेला : कानूनी बंदिशों, पुलिस दबिश के बाद भी क्षेत्र में चोरी छुपे शराब तस्करी और बिक्री का कार्य रूक नहीं पा रहा है. तस्करी और इसे बेचने व पीने वालों को कानूनी शिकंजे में आने का भय शराब से दूर रहने की बेड़ियां नहीं लगा पा रहा है.
इस तरह के औसत मामले पर गोर करने से प्रतीत होता है कि शराब बेचने वाले, पीने वाले पुलिस के हाथों पकड़ा कर जेल जाते और फिर वापस लौट कर उसी काम को करने लगते है. कभी शराब की उपलब्धता जितनी कठिन थी अब उतनी ही असानी से वह मिल जा रही है. फर्क यही हुआ है कि दोगुने से अधिक कीमतो में इसकी उपलब्धता होने से पीने वालों की जेबे ढीली हो रही है.
उपलब्धता असहज होने से इसकी तस्करी करने और बेचने वाले मोटी कमाई कर रहे है. सूत्रों की मानें तो कुरसेला क्षेत्र में देशी विदेशी शराब के धंधे में कई तस्कर सक्रिय है. विदेशी शराब बेचने वालों का नेटर्वकिंग होता है. ग्राहको के मांग पर गतंव्य स्थानों तक नेटवर्किंग में शामिल लोग होम डिलवरी करने का काम करते हैं.
सूत्र बताते हैं कि विदेशी शराब की आपूर्ति हरियाणा सहित पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल, झारखंड आदि स्थानों से लाकर की जाती है. इसी तरह देशी शराब दूसरे स्थानों से लाकर की जाती है. सुदुर बीहड़ के जगहों पर महुआ शराब बनाकर तस्करों के हाथों गोपनीय तरीके से बेची जाती है. तस्करी करने वाले विविध तरीकों को अपना कर शराब को लाकर बेचने का काम करते हैं.
हालांकि पुलिस द्वारा आये दिन देशी शराब को बरामद करने और शराबियों को गिरफ्तार कर जेल भेजने का कार्य किया जाता रहा है. बावजूद चोरी छिपे शराब बिक्री करने वालों व नशापान के आदि लोगों के मनोस्थिति पर कानूनी भय नहीं बन पाया है. जिससे शराब बेचने और पीने वाले के लिये तमाम पाबंदियां माइने नहीं रख पा रहा है.