मध्यान भोजन में गड़बड़ी, विद्यालय प्रधान बच्चों को खिलाने से कर रहे इनकार

प्रतिनिधि, कटिहारजिले में मध्याह्न भोजन के मामले को लेकर सरकारी व प्रशासनिक घोषणाएं जो भी हों, लेकिन मध्याह्न भोजन की स्थिति बदतर हो चुकी है. ग्रामीण क्षेत्र में तो विद्यालय में मध्याह्न भोजन बनाने की परंपरा है, लेकिन शहरी क्षेत्र में यह सोच कर कि शिक्षक मध्याह्न भोजन में ही फंसे रह जाते हैं. शिक्षकों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 11, 2014 11:05 PM

प्रतिनिधि, कटिहारजिले में मध्याह्न भोजन के मामले को लेकर सरकारी व प्रशासनिक घोषणाएं जो भी हों, लेकिन मध्याह्न भोजन की स्थिति बदतर हो चुकी है. ग्रामीण क्षेत्र में तो विद्यालय में मध्याह्न भोजन बनाने की परंपरा है, लेकिन शहरी क्षेत्र में यह सोच कर कि शिक्षक मध्याह्न भोजन में ही फंसे रह जाते हैं. शिक्षकों अधिक समय पढ़ाई मे लगे, इसके लिए संवेदक द्वारा पका हुआ भोजन देने की व्यवस्था की गयी और शहरी क्षेत्र के विद्यालयों में पका भोजन दिया जाने लगा, लेकिन अधिकारियों के द्वारा बराबर जांच या निगरानी नहीं होने के कारण मध्याह्न भोजन की क्वालिटी में लगातार गिरावट आने लगी. इसका परिणाम यह हो रहा है कि किसी विद्यालय के बच्चे उक्त भोजन को खाने से कतराते हैं, तो कहीं बच्चों के बीमार होने के डर से अभिभावक विद्यालय में भोजन करने से मना करते हैं. मध्य विद्यालय तेजा टोलामध्य विद्यालय तेजा टोला के प्रधानाध्यापक ने मंगलवार को मध्याह्न भोजन का डब्बा लेने से इनकार करते हुए संवेदक को फोन कर भोजन भेजने से मना कर दिया है. यहां सोमवार को मध्याह्न भोजन करने के उपरांत अधिकांश बच्चों का पेट खराब हो गया था. स्कूल में छात्र-छात्राओं की शिकायत पर भोजन का डब्बा लेने से इनकार करते हुए संवेदक व अधिकारी को इसकी जानकारी दी. कहते हैं अधिकारीमध्याह्न भोजन प्रभारी राकेश रंजन कहते हैं कि संवेदक द्वारा जिस दिन खराब खाना भेजा जायेगा और विद्यालय द्वारा भोजन नहीं लिया गया, उक्त तिथि का पैसा काट लिया जायेगा. मध्य विद्यालय तेजा टोला में खराब भोजन भेजने के मामले की जांच करायी जायेगी. इसके बाद कार्रवाई होगी.

Next Article

Exit mobile version