फोटो नं. 11 कैप्सन-धरना देते लोग प्रतिनिधि, कटिहारमंगलवार को समाहरणालय के समक्ष बिहार बंगाली समिति ने अपने मांगों के समर्थन में एक दिवसीय धरना दिया. समिति के केंद्रीय अध्यक्ष डॉ कैप्टन दिलीप कुमार सिन्हा ने कहा कि देश के संविधान की धारा 29 एवं 350 ए के तहत सरकारी स्कूलों एवं कॉलेजों में मातृभाषा की पढ़ाई की सुविधा सरकार द्वारा मुहैया की जानी है. लेकिन दुर्भाग्य से 22 हजार बांग्ला भाषी छात्र कक्षा एक से आठ तक वर्ष 2010 से बांग्ला भाषा की पुस्तक का इंतजार कर रहे हैं, जिसका अब तक मुद्रण नहीं किया गया है. देश के विभाजन के समय पूर्व पाकिस्तान से विस्थापित भाषाई अल्पसंख्यकों को स्थायी रूप से पूर्व और पश्चिम चंपारण, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज एवं भागलपुर के इलाके में बसाया गया था. स्वतंत्रता प्राप्ति के 67 वर्ष बीत जाने के बाद भी आज वे उपेक्षित हैं. संघ के संयुक्त सचिव तापस कुमार ने कहा कि समिति द्वारा पूर्णिया, बलरामपुर, भागलपुर, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण से 2015 के विधानसभा के लिए अपने प्रतिनिधि चयन करेगी, जो राजनैतिक दल शरणार्थी विकास प्राधिकरण के सृजन की हमारी मांग को पूरी करने का वादा करेगा एवं विधानसभा और विधान परिषद में बंगाली समिति के सदस्य को प्रत्याशी घोषित करेगा. उसे समिति का पूर्ण समर्थन मिलेगा. धरना में समिति के सभी लोग उपस्थित थे. मौके पर दर्जनों लोग मौजूद थे.
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बिहार बंगाली समिति ने मांगों के समर्थन में दिया धरना
फोटो नं. 11 कैप्सन-धरना देते लोग प्रतिनिधि, कटिहारमंगलवार को समाहरणालय के समक्ष बिहार बंगाली समिति ने अपने मांगों के समर्थन में एक दिवसीय धरना दिया. समिति के केंद्रीय अध्यक्ष डॉ कैप्टन दिलीप कुमार सिन्हा ने कहा कि देश के संविधान की धारा 29 एवं 350 ए के तहत सरकारी स्कूलों एवं कॉलेजों में मातृभाषा की […]
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