बैंकों का अपेक्षित सहयोग नहीं मिला : जिला जज
फोटो संख्या-19,20 कैप्सन-संबोधित करते जिला जज, उपस्थित लोग, मामलों का निष्पादन करते प्रतिनिधि, कटिहारजिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष राधा कृष्ण ने कहा कि जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन व अधिवक्ता संघ का राष्ट्रीय मेगा लोक अदालत के सफल आयोजन में काफी सकारात्मक सहयोग रहा, लेकिन कुछ महकमे ने इस राष्ट्रीय […]
फोटो संख्या-19,20 कैप्सन-संबोधित करते जिला जज, उपस्थित लोग, मामलों का निष्पादन करते प्रतिनिधि, कटिहारजिला एवं सत्र न्यायाधीश सह जिला विधिक सेवा प्राधिकार के अध्यक्ष राधा कृष्ण ने कहा कि जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन व अधिवक्ता संघ का राष्ट्रीय मेगा लोक अदालत के सफल आयोजन में काफी सकारात्मक सहयोग रहा, लेकिन कुछ महकमे ने इस राष्ट्रीय लोक अदालत में जिस तरह की अपेक्षा उनसे की गयी थी, उसपर वे खरे नहीं उतरे. उन्होंने बैंकों के रवैये से निराश पक्षकारों को भरोसा दिलाया कि उनके मामले के लिए वे गंभीरता से विचार कर रहे हैं और आवश्यकता पड़ी तो विशेष लोक अदालत लगा कर उनकी समस्याओं को सुलझाया जायेगा.राष्ट्रीय लोक अदालत के अवसर पर शनिवार को सबसे अधिक बैंकों के असहयोगात्मक रवैये से पक्षकार नाराज दिखे. ………सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने किया सबसे अधिक निष्पादनराष्ट्रीय लोक अदालत में शनिवार को बैंकों में सबसे अधिक मामले का निष्पादन सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की ओर से किया गया. इस बैंक ने कुल 295 वादों का निष्पादन किया, जबकि वसूली के मामले में सबसे अधिक इलाहाबाद बैंक रहा. इसने 23.74 लाख रुपये ऋण वसूला. एसबीआइ ने 19.18 लाख रुपये का ऋण वसूल किया. इसी प्रकार इलाहाबाद बैंक ने सबसे अधिक 64.60 लाख का समझौता व एसबीआइ बैंक ने 57.68 लाख रुपये का समझौता अपने ग्राहकों से किया. वहीं विद्युत विभाग ने प्री लिटिगेशन के तहत 309 मामले का निष्पादन किया, जबकि पोस्ट लीटिगेशन के तहत मात्र 30 मामलों का निष्पादन किया गया व 1.58 लाख की वसूली की.