जूट अनुसंधान केंद्र बैरकपुर में 25 किसानों ने लिया प्रशिक्षण
जूट की रेशा निकालने के नयी तकनीक से हुए अवगत
कटिहार. राज्य से बाहर आत्मा की ओर से जिले के दो पदाधिकारी व 23 किसानों ने जूट अनुसंधान केन्द्र बैरकपुर काेलकात्ता में जूट की उन्नत खेती पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण प्राप्त कर कटिहार लौटे. दो पदाधिकारियों में राजकुमार लेखापाल कटिहार, उपपरियोजना निदेशक शशिकांत झा के नेतृत्व में 23 किसान 29 जुलाई को जूट की खेती से लेकर कटाई तक प्रशिक्षण के लिए जूट अनुसंधान केंद्र बैरकपुर कोलकाता गये थे. जूट से संबंधित प्रशिक्षण लेने के बाद उपरियोजना निदेशक आत्मा के शशिकांत झा समेत अन्य किसानों ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान जूट की उन्नत खेती पर प्रशिक्षण दिया गया. जिसमें जूट की अच्छी उत्पादन, जूट की रेशा निकालने के लिए तकनीक रूप से जानकारी दी गयी. इस दौरान उनलोगों को कुछ मशीन दिखाया गया. जिससे आसानी और नयी तकनीक से रेशा निकाला जा सकता है. साथ ही संठी के उपयोग के बारे में अवगत कराया गया. इन सारी की जानकारी जूट रिबनर मशीन से प्रयोग कर अवगत कराया गया. जहां बताया गया कि जूट से रेशा व संठी को अपने आप अलग अलग हो जाता है. जूट के किसानों को लागत कम हो इसके लिए जूट के खरपतवार नियंत्रण को लेकर साइकिल बीडर, मेल बीडर के द्वारा छोटे छोटे मशीनों से प्रबंधन कर किया जायेगा तो लागत कम और मजदूर कम के साथ रेशा उच्च गुणवत्ता के होगी. सड़ाने के लिए लगने वाले समय व मजदूरों की कमी से भी निजात मिल पायेगा. क्राइजेप सोना नामक पाउडर के व्यवहार करने से जूट के उन्नत किश्म का रेशा मिल पायेगा. इस दौरान जूट की खेती से लेकर खरपतवार नियंत्रण, प्रबंधन कटाई तक पूरा प्रक्रिया को बताया और पढ़ाया गया. आत्मा के उपपरियोजना निदेशक एसके झा ने बताया कि नेशनल जूट बोर्ड के सचिव शशिभूषण सिंह ने किसानों से वार्ता कर एक-एक बिन्दुओं को समझे और कटिहार से आये जूट किसानों को बताया कि नेशनल जूट बोर्ड की ओर से मिलनेवाली स्कीम को उपलब्ध कराया जायेगा. उन्होंने कटिहार आकर जूट की खेती को देखने की बात कही. इस दौरान सभी को प्रमाण पत्र दिया गया. सेंट्रल रिसर्च इंस्टीच्यूट ऑफ जूट एंड नेचरुल फाइवर के निदेशक डॉ गोरांगकर और नेशनल जूट बोर्ड के सचिव द्वारा सभी किसानों को प्रमाण पत्र दिया गया.
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