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जूट की उन्नत उत्पादन तकनीक का प्रशिक्षण लेंगे 25 किसान

केंद्रीय पटसन व संवर्गीय रेशा अनुसंधान संस्थान बैरकपुर में पांच दिवसीय ट्रेनिंग में खेती की नयी तकनीक से होंगे अवगत

जिले में जूट की खेती का दायरा और अधिक हो इसको लेकर जिला कृषि विभाग गंभीर है. प्रशिक्षण से लेकर जूट की उन्नत उत्पादन तकनीकी रूप से हो इसको लेकर किसानों को प्रशिक्षण को लेकर नित्य पहल हो रही है. एक माह पूर्व कोलकाता के आईसीआर भवन में जूट से बनने वाले तरह- तरह के सामग्रियों को लेकर सात जून से 13 जून तक सात दिवसीय प्रशिक्षण दिलाने के बाद अब विभाग की ओर से जूट की उन्नत उत्पादन तकनीक विषय पर जिले के कुल पच्चीस किसानों को पांच दिवसीय प्रशिक्षण को ले केन्द्रीय पटसन व संवर्गीय रेशा अनुसंधान संस्थान बैरकपुर सियालदह ले जाने की तैयारी शुरू कर दिया है. सोलह प्रखंडों से सभी 25 किसानों की खोज की जा रही है. उपपरियाेजना निदेशक आत्मा शशिकांत झा ने बताया कि जूट की उन्नत उत्पादन तकनीक विषय पर ट्रेनिंग के लिए सभी पच्चीस किसान 29 जुलाई को बैरकपुर कोलकाता के लिए रवाना होंगे. जहां पांच दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान खेती को लेकर नयी तकनीक से अवगत कराया जायेगा. खेती करने से लेकर सड़न कराने को लेकर नयी तरह की जानकारी से उपलब्ध कराया जायेगा. उन्होंने बताया कि जूट की खेती पूर्व की भांति नहीं कर श्रीविधि से जिले में हो रहा है. इसमें और नयी तरह की जानकारी में कृजेप साथी पाउडर से सड़ाने की विधियों से अवगत कराया जायेगा. मालूम हो कि कटिहार जिला जूट नगरी के नाम से चचित है. पूर्व में इसकी खेती वृहत पैमाने पर होती थी. बीच में रकवा कम हो गया था. तकनीक रूप से जूट की खेती से लेकर सड़ाने की विधियों से अवगत होने के बाद एक बार फिर से इसका दायरा जिले में बढ़ पायेगा. इससे नकारा नहीं जा सकता है. जिले में 25 हजार हेक्टेयर में होती है जूट की खेती उपपरियोजना निदेशक एसके झा ने बताया कि जूट की खेती अलग-अलग 16 प्रखंडों में करीब 25 हजार हेक्टेयर में जूट की खेती की जाती है. सबसे अधिक आजमनगर में 4854 हेक्टेयर एवं सबसे कम कुरसेला में 00.33 हेक्टेयर में जूट की खेती की जाती है. जबकि मनसाही में 360 हेक्टेयर, प्राणपुर में 957, मनिहारी में 806, समेली में 47.56 हेक्टेयर जूट की खेती होती है. इसी तरह अमदाबाद में 4112, बारसोई में 4500, कदवा में 3967, बलरामपुर में 1800, बरारी में 906, डंडखोरा में 663, फलका में 881, हसनगंज में 770, कटिहार में 606 और कोढ़ा प्रखंड में 327 कुल 25 हजार हेक्टेयर के करीब जूट की खेती होती है.

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