खाद की कील्लत से बढ़ी किसानों की मुश्किलें
-महंगे दामों पर खाद की कर रहे हैं खरीदारीप्रतिनिधि, कटिहाररबी की फसल लगाने के समय तो खाद की किल्लतों का सामना किसान कर ही रहे थे. वहीं वर्तमान में आलू व मक्का की खेती में भी किसान खाद की जरूरत महसूस कर रहे हैं. खेती में यूरिया (खाद) की आवश्यकता है. इसकी आवश्यकता के लिए […]
-महंगे दामों पर खाद की कर रहे हैं खरीदारीप्रतिनिधि, कटिहाररबी की फसल लगाने के समय तो खाद की किल्लतों का सामना किसान कर ही रहे थे. वहीं वर्तमान में आलू व मक्का की खेती में भी किसान खाद की जरूरत महसूस कर रहे हैं. खेती में यूरिया (खाद) की आवश्यकता है. इसकी आवश्यकता के लिए कृषि विभाग में अनुमानित दर पर खाद उपलब्ध है. लेकिन, जानकारी के अभाव में किसान कृषि केंद्र में नहीं पहुंच पाते हैं. वहीं पैक्स के द्वारा भी खाद का उठाव नहीं किये जाने से किसान दोहरी मार झेल रहे हैं. मसलन कृषि विभाग द्वारा 284 रुपया यूरिया खाद दिया जाता है. वहीं दुकानदार 500 से 600 रुपये पर यूरिया किसानों को देते हैं. जिसके कारण किसान हताश हैं. जिले में खाद की आवश्यकतारबी 2014-15 में विभिन्न उर्वरक की अनुमानित आवश्यकता जनवरी 2015 में यूरिया 8000, डीएपी 4000, एनपीके 2000, एमओपी 1400, एसएसपी 450 है. यह मात्रा टन में जरूरत है. पैक्स द्वारा नहीं किया गया है उठावताजा उदाहरण के मामले में डंडखोरा प्रखंड के राम बिहारी सिंह, गणेश मंडल, अशोक मंडल, बशीर खान, नंदलाल राय ने बताया कि पैक्स के द्वारा अब तक खाद का उठाव नहीं किया गया है. जिसके कारण किसान ऊंचे दामों पर खाद खरीदने को विवश हैं.